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बेमौसम बारिश ने खोली अमरावती उपज मंडी में असुविधा की पोल

व्यापारी व किसानों से खिलवाड कर रहा संचालक मंडल

* हजारों बोरे अनाज खुले में पडा रहने से हुआ गीला
* पानी के निकासी और सडकों की असुविधा
* 2 साल से कृषि माल रखने निर्माण किया जानेवाला शेड अधूरा
अमरावती/दि.28- अमरावती कृषि उपज मंडी में हर वर्ष करोडो रुपए का व्यवहार होता है. लेकिन किसानों का माल रखने के लिए भी यहां असुविधा है. यहां का संचालक मंडल व्यापारी और किसानों के साथ एक तरह से खिलवाड कर रहा है. पिछले दो दिनों से चल रहा बेमौसम बारिश से यहां की उपज मंडी की असुविधा की पोल खोल दी है. रविवार से यह उपज मंडी बंद है. इस दौरान हुई बेमौसम बारिश के कारण व्यापारी व किसानों का हजारों बोरे माल गीला हो जाने से उनका भारी नुकसान हुआ है.
जिले में अमरावती कृषि उपज मंडी सबसे बडी है. यहां पर जिले के किसान बडी संख्या में अपना कृषि माल बेचने के लिए हर दिन आते रहते हैं. हर वर्ष इस मंडी में करोडो रुपयों का खरीदी-बिक्री का व्यवहार होता रहता है और बदले में यहां के मंडी प्रशासन को भारी ‘सेस’ मिलता है. लेकिन मंडी प्रशासन व्दारा बाहर से आनेवाले किसानों को अपना माल रखने के लिए कोई सुविधा नहीं की गई है. जो शेड कृषि माल रखने लिए बनाए गए है वहां ज्यादातर माल व्यापारियों का रहता है. बारिश और ग्रीष्मकाल के मौसम में किसानों को अपना माल मंडी में सुरक्षित रखने के लिए काफी असुविधा का सामना करना पडता है. खरीफ और रबी सत्र में अमरावती की मंडी में सोयाबीन के अलावा तुअर, चना और गेहूं का माल भारी मात्रा में आता है. वर्तमान में हर दिन सोयाबीन की आवक काफी है. ऐसे में किसानों को माल रखने के लिए पर्याप्त शेड की सुविधा न रहने से किसानों को अपना कृषि माल बाहर खुले में ही रखना पडता है. व्यापारी भी माल की खरीदारी के बाद उसे बोरों में भरकर हमालों का अभाव रहने से खुले में ही रखते हैं. ऐसे में यदि बेमौसम बारिश अथवा अतिवृष्टि या फिर ओलावृष्टि हो जाए तो, किसान और व्यापारियों का खुले में रखा माल गीला हो जाता है और उन्हें भारी नुकसान पहुंचता है. कृषि माल सुरक्षित रखने के लिए और मंडी में सुविधा करने के लिए अनेक बार अडतिया, व्यापारी समेत किसानों ने यहां के मंडी प्रशासन समेत संचालक मंडल के सदस्यों को निवेदन सौंपे है. राजनीतिक दलों ने भी अनेक बार आंदोलन किए है. इसके बावजूद उपज मंडी का संचालक मंडल व्यापारी और किसानों के साथ खिलवाड करता आया है. मंडी के नए संचालक मंडल को विराजमान होने को 6-7 माह पूर्ण हो गए है, लेकिन यहां पेयजल की असुविधा, स्वच्छता का अभाव, चारों तरफ गंदगी, उखडे हुए रोड, बारिश के दिनों में जमा होने वाले पानी की निकासी की असुविधा, शेड का अभाव आदि समेत अनेक समस्याएं है. इसके बाजवूद संचालक मंडल के पदाधिकारी व सदस्य आश्वासनों की खैरात बांटने के अलावा कोई काम नहीं करते.

* 2 वर्ष से शेड का निर्माण अधूरा
अमरावती कृषि उपज मंडी में तत्कालीन संचालक मंडल ने किसानों का माल रखने के लिए दो शेड प्रस्तावित किए थे. शारदा माता शेड का निर्माण होने के बाद उसका फलोरिंग न किए जाने से किसानों का माल आने के बाद शेड में ताडपत्री बिछाकर रखा जाता है. वहीं दूसरा शेड 2 साल से अधूरा पडा है. फाउंडेशन खडा करने के बाद उस पर टीन नहीं डाले गए है. संबंधित ठेकेदार यहां का काम अधूरा छोडकर मंडी की लापरवाही के कारण भाग गया. तब से यह शेड अधूरा ही ‘जैसे थे’ अवस्था में खडा है.

* हर वर्ष 25 से 30 करोड की आवक?
अमरावती कृषि उपज मंडी को हर वर्ष किसानों के आनेवाले कृषि माल से 11 से 12 करोड का सेस मिलता है. इसके अलावा कर्मिशल कॉम्पलेक्स की दुकानों का किराया, बडनेरा की उपज मंडी और मवेशियों के बाजार तथा पुराना कॉटन मार्केट की सब्जी मंडी से भी भारी आवक होती है. इस तरह करीबन 25 से 30 करोड रुपए मंडी को प्राप्त होते है, लेकिन विकास के तौर पर कामकाज शून्य दिखाई देता है. व्यापारी और किसानों को माल रखने की असुविधा, पेयजल की असुविधा, किसानों को आराम करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं, सडकों का अभाव, विद्युत व्यवस्था की कमी, चारों तरफ गंदगी, हर दिन सफाई का अभाव समेत अनेक समस्याएं यहां है.

* सडके उखडी हुई
अमरावती कृषि उपज मंडी में वर्षो पहले संपूर्ण परिसर का कांक्रीटीकरण किया गया था. लेकिन तब से अन्य दूसरे कोई काम नहीं हुए है. वर्षो पूर्व किया गया कांक्रीटीकरण हर दिन ट्रक, ट्रैक्टर, बैलगाडी समेत विभिन्न वाहनों की भारी संख्या में आवाजाही रहने से अनेक स्थानों पर गहरे गढ्ढे पड गए हैं. साथ ही सलाखें भी बाहर आ गई है. बारिश के दिनों में इन गढ्ढों में पानी भरने पर दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है. मंडी प्रशासन ने शिकायतें मिलने के बाद इन गढ्ढों में मुरुम डालकर केवल लिपापोती करने का प्रयास किया है. यहां की असुविधा के कारण किसानो ंसमेत व्यापारी भी काफी परेशान है.

* कहते हैं विकास कार्य जल्द शुरु होंगे
जब भी उपज मंडी के संचालक मंडल के पदाधिकारियों से बातचीत की जाती है तो जल्द ही मंडी परिसर के विकास कार्य शुुरु होने की बात कही जाती है. लेकिन नए संचालक मंडल को विराजमान होने को 7 माह बीतने के बाद अब तक कोई भी विकास कार्य यहां के नहीं हो पाए हैं.

* 4 करोड के विकासकार्य प्रस्तावित
अमरावती कृषि उपज मंडी में दो शेड, पानी की टंकी और सडकों का कांक्रीटीकरण आदि विकास कार्य के 4 करोड रुपए की निविदा प्रक्रिया शुरु की गई है. 16 नवंबर तक निविदा दाखिल करने की प्रक्रिय पूर्ण हो गई है अब जल्द ही निविदा खोलकर इन कामों का श्रीगणेश किया जाएगा. जिसे भी यह काम दिया जाएगा उस ठेकेदार को तीन माह में यह काम पूर्ण करने पडेंगे.
– प्रमोद इंगोले,
अध्यक्ष, अमरावती कृउबास

* अधूरे काम होंगे पूर्ण
आनेवाले कुछ ही दिनों में मंडी के शेड के अलावा पुरानी पिपल्स बैंक रोड का कांक्रीटीकरण के साथ शेड, शारदा माता शेड का कांक्रीटीकरण, सभी मार्गो की दुुरुस्ती, पानी की निकासी की व्यवस्था, आवक-जावक गेट का कांक्रीटीकरण आदि काम पूर्ण किए जाएंगे. निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है. आगामी मार्च तक यह विकास काम सभी को दिखाई देंगे.
– राजेश पाटिल,
उपज मंडी, सचिव

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