अमरावती

अप्रैल के 28 में से 19 दिन बरसता रहा बेमौसम पानी

समूचे राज्य में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि का कहर

* हजारों हेक्टेअर क्षेत्र में फसलें बर्बाद, खेती-किसानी का बडा नुकसान
* बडे पैमाने पर जनहानि व वित्तीय हानि, आम जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त
अमरावती/दि.29 ऐन गर्मी के मौसम दौरान महाराष्ट्र पर मंडरा रहा बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि का खतरा अब भी टला नहीं है. बल्कि गत रोज विदर्भ, मराठवाडा व उत्तर महाराष्ट्र सहित राज्य के लगभग सभी इलाकों में तेज आंधी-तूफान के साथ जोरदार बेमौसम बारिश हुई. जिससे राज्य में चहूंओर काफी नुकसान होने की खबरे प्राप्त हुई है. यहा यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जारी अप्रैल माह के 28 में से 19 दिन बेमौसम बारिश होती रही. साथ ही इस दौरान कई स्थानों पर जमकर ओले भी बरसे. जिसके चलते खेती-किसानी प्रभावित होने के साथ-साथ फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. साथ ही मौसम में आए इस आकस्मित बदलाव की वजह से जगह-जगह से आम जनजीवन भी बुरी तरह से प्रभावित होता नजर आया. सबसे खास बात यह रही कि, गत रोज दोपहर साढे 12 बजे के आसपास छत्रपति संभाजी नगर के आसमान पर काले घने बादल छाने के साथ ही शुरु हुई बारिश के चलते छत्रपति संभाजी नगर में ऐन दोपहर के समय काला घना अंधेरा छा गया और सडकों पर वाहनों को अपनी हेडलाइट जलाकर चलना पडा. लगभग यहीं स्थिति कल दोपहर बेमौसम बारिश का सामना करने वाले अन्य इलाकों में भी देखी गई. ऐसे में ऐन गर्मी के मौसम में वातावरण में आए इस बदलाव को लेकर लोगों द्बारा अब आश्चर्य व्यक्त किया जाने लगा है. साथ ही इस बदलाव की वजह से लगातार हो रहे नुकसान के चलते अब धीरे-धीरे चिंता वाला वातावरण भी बन रहा है.

* परतवाडा में तेज आंधी-तूफान झाड उखडकर हवा में उडे
– अमरावती मार्ग पर आवाजाही ठप सौभाग्य से जनहानि नहीं
शुक्रवार की शाम 4 बजे के आसपास अचलपुर व परतवाडा परिसर में चक्रवाती हवाओं की तरह तेज आंधी-तूफान वाली स्थिति बनी. इन तेज हवाओं के चलते परतवाडा-अमरावती मार्ग पर 5 पेड जड सहित उखडकर जमीन पर गिर पडे. जिसके चलते इस रास्ते पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई. इसके साथ ही परतवाडा में फातेमा कॉन्वेंट के पास नीम का एक विशालकाय पेड तेज हवाओं के चलते जमीन से जड सहित उखड गया और यह भारी भरकम पेड कुछ समय तक हवा में उडते रहने के बाद एक ट्रक पर जा गिरा. जिससे ट्रक को काफी नुकसान हुआ है. लगभग इसी तरह चिखलदरा मार्ग का टायगर प्वॉईंट के पास अतिक्रमण कर लगाए गए 2 खोके तेज हवाओं के चलते अपने स्थान से उडकर रास्ते पर आ गिरे. इसके अलावा परतवाडा शहर के आठवडी बाजार में एक बडा पेड उखडकर गिर जाने की वजह से सागसब्जी की कुछ अस्थायी दुकानें इस पेड की टूटी हुई टहनियों के नीचे दब गई. सौभाग्य से इन तीनों घटनाओं में कोई जीवितहानि नहीं हुई.
कल शाम परतवाडा-अमरावती मार्ग पर फातेमा कॉन्वेंट से जवर्डी के बीच 3 से 4 स्थानों पर नीम के 5 पेड तेज हवाओं के चलते जमीन से जड सहित उखडकर गिर पडे. जिसके चलते इस रास्ते पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई. इसकी जानकारी मिलते ही सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के उपविभागीय अभियंता अभयकुमार भारतीय ने तत्काल इन पेडों की काट-छाट करते हुए रास्ते को आवाजाही के लिहाज से खुला करने का निर्देश दिया. जिसके बाद युद्धस्तर पर काम करते हुए परतवाडा-अमरावती मार्ग को आवाजाही के लिहाज से दुबारा पूर्ववत शुरु किया गया.

* धारणी में गाज गिरने से चौकीदार की मौत
– बेमौसम बारिश से कई गांवों में नुकसान
धारणी तहसील के खार्‍या टेंभू्र खेत परिसर में गाज गिरने की वजह से खेत में चौकीदारी का काम करने वाले युवराज चुन्नीलाल धांडे की मौत हो गई. युवराज धांडे अपने दोस्त सुखराम दादू दहीकर के साथ प्रदीप मालवीय के खेत में विगत 1 वर्ष से चौकीदारी व रखवाली का काम किया करता था. गुरुवार की शाम 5 बजे अचानक तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश व ओलावृष्टि शुरु हो गई. इसी समय आसमानी गाज युवराज धांडे पर आ गिरी. जिसके चलते उसकी मौके पर ही मौत हो गई. यह देखकर सुखराम दहीकर ने तुरंत गांव पहुंचकर लोगों को इसकी जानकारी दी.
वहीं दूसरी ओर तेज आंधी-तूफान के चलते धूलघाट रोड निवासी गणेश बोदडे व राजेश बोदडे के घरों की छत उड गई. जिसकी वजह से दोनों परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए है. साथ ही हरिसाल, धूलघाट, टिंगर्‍या व दहेंडा सहित धारणी में तेज आंधी-तूफान तथा बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के चलते ग्रीष्मकालीन फसलों तथा आम की फसल का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. साथ ही कल शुक्रवार रहने से धारणी में साप्ताहिक बाजार लगा हुआ था, जो दोपहर बाद तेज आंधी-तूफान की वजह से लगभग बर्बाद हो गया.

* मराठवाडा में 4 की मौत
गत रोज हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के साथ ही आसमानी गाज की चपेट में आने से मराठवाडा क्षेत्र में 4 लोगों की मौत होने के समाचार है. इसके तहत बीड जिले में 2 व धाराशिव जिले में 1 व्यक्ति की आसमानी गाज की चपेट में आने से मौत हुई. वहीं नांदेड जिले में ओलावृष्टि के बीच फंस जाने के चलते एक खेतीहर मजदूर की जान गई. विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत तीन दिनों के दौरान मराठवाडा क्षेत्र में बेमौसम बारिश की वजह से गठित वर्षाजनित हादसों में 10 लोगों की मौत हुई है और 10 राजस्व मंडल में अतिवृष्टि दर्ज की गई है. अमूमन अप्रैल माह के दौरान मराठवाडा क्षेत्र में 3.6 मीमी बेमौसम बारिश होना अपेक्षित होता है. जिसकी ऐवज में इस बार 33.6 मीमी यानि 933.3 फीसद बारिश हुई है.

* पश्चिम महाराष्ट्र व खानदेश में भी हाहाकार
राज्य के पश्चिम महाराष्ट्र व खानदेश में भी बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि व तेज आंधी-तूफान की वजह से खेती-किसानी का जमकर नुकसान होने के साथ-साथ आम जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त होने के समाचार है. इसके अलावा परभणी, हिंगोली व नांदेड में जमकर ओले बरसने की खबरे मिली है. वहीं सोलापुर में तेज आंधी-तूफान के साथ जबर्दस्त बारिश हुई है. साथ ही पता चला है कि, जलगांव के कई राजस्व मंडलों में अतिवृष्टि होने की वजह से क्षेत्र की कुछ नदियों में जलस्तर बढकर बाढ आयी हुई है. साथ ही कई इलाकों में अब भी बेमौसम बारिश, अतिवृष्टि व ओलावृष्टि का दौर चल रहा है.

* अकोला व वाशिम में जोरदार बारिश व ओलावृष्टि
अकोला जिले में गत रोज तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश व ओलावृष्टि होने की खबरे है. लगातार तीसरे दिन बार्शी टाकली व पातुर तहसील क्षेत्र में जमकर ओले बरसे. लगभग यहीं स्थिति वाशिम जिले के भी कई तहसील क्षेत्र में रही. जिसके चलते तरबूज, खरबूज, पपई, संतरा, मोसंबी, नीबू व प्याजी की फसलें बुरी तरह से बर्बाद हुई एवं खेती-किसानी का भी जमकर नुकसान हुआ.

* और 5 दिन ओलावृष्टि का संकट
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक वैश्विक तापमान में वृद्धि होने की वजह से वातावरण में अनपेक्षित बदलाव हो रहे है. यहीं वजह है कि, ठंडी व गर्मी के मौसम में तेज आंधी-तूफान व बिजली की तेज गडगडाहट के साथ बारिश हो रही है. साथ ही ओले भी बरस रहे है. यह स्थिति अगले कुछ दिनों तक ऐसे ही बनी रहेगी. जहां पर हवा का कम दबाव होता है और सापेक्ष आद्रता 100 फीसद पर पहुंचती है. वहां पर बादल इकट्ठा होने के साथ ही इसी तरह से बारिश होती है. विगत 2 महिने से बेमौसम बारिश के लिए अनुकूल वातावरण बना हुआ है और अगले 5 से 7 दिनों तक वातावरण व मौसम ऐसे ही बने रहने की पूरी उम्मीद है. जिसके चलते आगामी 5 से 6 दिन तक बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का दौर चलते रहने का पूरा अनुमान है.

* दिन-दहाडे छाया अंधेरा
प्रस्तूत छायाचित्र गत रोज दोपहर 12.30 बजे के आसपास छत्रपति संभाजीनगर का है. जहां पर दिन-दहाडे घनघोर अंधेरा छाया नजर आ रहा है. जिसके चलते सडक से गुजरने वाले वाहनों को अपनी हेडलाईट जलानी पडी. इस समय आसमान पर काले घने बादल छाने के साथ ही जोरदार बेमौसम बारिश हो रही थी. ऐसे में छत्रपति संभाजीनगरवासियों ने गत रोज एक नैसर्गिक चमत्कार का अनुभव किया.

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