जब तक सडक, पानी, बिजली योजनाओं को मंजूरी नहीं
आनंदोत्सव नहीं मनाएंगे विधायक पटेल
* कल है जन्मदिन, कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं
धारणी/दि.5- मेलघाट के बाघ और नानाविध उपाधियों से कार्यकर्ता जिन्हें सम्मान देते हैैं, ऐसे विधायक राजकुमार पटेल ने जन्मदिन का आनांदोत्सव नहीं मनाने का एलान किया है. इससे उनके अत्यंत करीबी कार्यकर्ता थोडे मायूस जरुर हुए हैं. किंतु यह आनंद नहीं मानने के पीछे की वजह जानने से कल 6 जून को कोई सार्वजनिक कार्यक्रम शायद ही आयोजित हो और उसमें राजकुमार पटेल सहभागी हो. पटेल ने अमरावती मंडल से खास बातचीत में स्पष्ट कर दिया कि, मेलघाट की अनेक पानी, सडक और बिजली आपूर्ति की योजनाएं प्रलंबित है. इन योजनाओं का काम बाघ प्रकल्प और वनविभाग की मंजूरी के कारण अटका पडा है. अत: उन्हें मंजूर करवाना उनकी प्राथमिकता में है. जब तक यह स्वीकृति नहीं मिलती, वे जश्न कैसे मना सकते हैं.
* 4 वर्षो से लटकी योजनाएं
राजकुमार पटेल ने बताया कि, पहले ही उनका निर्वाचन क्षेत्र दुर्गम है. कई गांवों में तो आजादी के 75 बरस बाद भी आज बिजली, पानी नहीं पहुंचा है, ऐसे दो दर्जन से अधिक ग्राम है. उन्होंने 4 बरस पहले ऐसे गांवों के लिए बिजली और सडक की योजनाओें को मंजूरी दिलवाई. किंतु गत 4 वर्षो से यह योजनाएं प्रलंबित है. क्योंकि जंगल महकमे से मंजूरी नहीं मिल पाई है.
* विशेषाधिकार समिति के पास प्रलंबित
पटेल की तरफ से बताया गया कि, केंद्रीय विशेषाधिकार समिति के पास पीएमजेवाय और अन्य योजना अंतर्गत सडक, बिजली, पानी के काम प्रलंंबित है. हैरानी जताई गई कि स्काय वॉक को आनन-फानन में मंजूरी मिलती है. जबकि अतिसंवेदनशील वन क्षेत्र के नाम पर सडक और बिजली, पानी के काम नहीं हो रहे.
* दिवाली-दशहरा भी नहीं मनाएंगे
दो दर्जन से अधिक गांवों की सडक और बिजली-जलापूर्ति की योजनाएं प्रलंबित है. इससे विधायक पटेल खिन्न हो गए हैं. उनके करीबियों ने अमरवती मंडल को बताया कि, अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को पीने का पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध न करा पाने के कारण विधायक पटेल ने आनंदोत्सव से अपने आप को दूर रखा है. कल 6 जून के जन्मदिन पर भी वे किसी जल्लोष में शामिल नहीं होंगे. हालांकि पटेल ने कार्यकर्ताओं को जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के आयोजनों से रोका नहीं है. कार्यकर्ता चाहे तो मेलघाट के लोगों के हित में कोई आयोजन कर सकते हैं. आनंदोत्सव में पटेल नहीं आएंगे. पटेल ने अगर उनके क्षेत्र के लोगों की जनहितैषी योजनाओं को मंजूरी नहीं मिली तो दशहरा-दिवाली भी न मनाने का एलान कर रखा है.