अमरावती

उलटी चोंच तुतारी पक्षी का असमय स्थलांतरण

अमरावती /दि.9- स्थानीय पक्षी निरीक्षकों ने शहर के पास बोरगांव बांध पर सितंबर माह में उलटी चोंच तुतारी नामक पक्षी रहने की महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज की है. साथ ही इस पक्षी का सुस्पष्ट छायाचित्र लेने में भी सफलता मिली है. यह पक्षी गमी के मौसम दौरान साइबेरिया व फिमलैंड स्थित अपने मूल स्थानों पर वापिस जाते समय गर्मी की शुरुआत में मध्य भारत में कुछ स्थानों पर अस्थायी तौर पर रुकता है. परंतु शीतकालीन स्थानांतरण की शुरुआत में ही इस पक्षी का दिखाई देना आश्चर्य वाली बात माना जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, झेनुस सिनारियस यह शास्त्रीय नाम रहने वाले इस पक्षी को अंग्रेजी में टेरेक सैंडपाइपर कहा जाता है और आम बोलचाल में इसे उलटी चोंच वाला तुतारी पक्षी कहा जाता है. क्योंकि अन्य पक्षियों की तुलना में इस पक्षी की चोंच थोडी अलग व उलटी दिशा वाली होती है. जहां अन्य पक्षियों की चोंच उपर से नीचे की ओर घुमावदार होती है. वहीं इस पक्षी की चोंच नीचे से उपर की ओर हल्की घुमावदार होती है. यह पक्षी भारत में मुख्य तौर पर तटिय क्षेत्र में शीतकालीन स्थलांतर करता है और भारत के पूर्व व पश्चित तटिय क्षेत्रों से अंदमान निकोबार में दिखाई देता है.

भारत में गर्मी के शुरु होते ही वापसी के दौरान यह पक्षी इससे पहले अमरावती जिले के वरुड व यवतमाल जिले के जलस्त्रोतों के आसपास किचड वाले दलदली क्षेत्रों में दिखाई देता रहा है. परंतु विगत कुछ दशकों से वैश्विक स्तर पर वातावरण में बडे पैमाने पर बदलाव हो रहा है और विदर्भ में भी इस वर्ष बारिश का प्रमाण अत्यल्प है तथा तापमान में अच्छी खासी वृद्धि है, ऐसी स्थिति में इस पक्षी का अपने नियोजित समय से पहले ही विदर्भ में आगमन होना कोई सामान्य बात नहीं है. ऐसा पक्षी निरीक्षकों का मानना है. क्योंकि अभी ठंडी के मौसम की शुरुआत भी नहीं हुई है और गर्मी के मौसम दौरान विदर्भ में नियमित तौर पर भेंट देने वाला उलटी चोंच तुतारी पक्षी यहां पर दिखाई दिया है. जो अपने आप में कुछ हद तक असामान्य है. यहां पर यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि, लाल पंख वाला चातक यानि चेस्टनट विंग काकू नामक पक्षी भी मेलघाट के अलावा अमरावती शहर के आसपास स्थित परिसर में करीब 10 वर्ष के बाद पहली बार दिखाई दिया है.
इस पक्षी को बोरगांव बांध पर पक्षी निरीक्षक व छायाचित्रकार वैभव दलाल सहित प्रशांत निकम पाटिल, मनोज बिंड व अभिमन्यु आराध्य द्बारा पक्षी निरीक्षण के दौरान देखा गया.

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