अमरावती/दि.20– दो दिन पूर्व तेज बुखार के चलते इलाज हेतु स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल में भर्ती कराई गई 17 वर्षीय युवती की गत रोज दोपहर 3 बजे के आसपास इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद युवती के परिजनों ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए काफी हद तक हंगामा मचाया. जिसके चलते जिला सामान्य अस्पताल में माहौल थोडा तनावपूर्ण हो गया था.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक यवतमाल जिले की दारव्हा तहसील अंतर्गत गोदेगांव में रहने वाली रोशनी केशव तिडके नामक 17 वर्षीय युवती को करीब 3-4 दिन पहले अचानक ही तेज बुखार आया था. जिसके चलते उसकी बहन ज्योत्स्ना अंकुश म्हस्के ने उसे इलाज हेतु कारंजा लाड के अस्पताल में भर्ती करवाया था. लेकिन वहां पर तबीयत और अधिक बिगड जाने के चलते विगत बुधवार को उसे अमरावती रेफर कर दिया गया और जिला सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया. रोशनी के परिजनों के मुताबिक इर्विन अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद डॉक्टरों ने रोशन को तीन सलाइन लगाने के साथ ही इंट्राकैथ के जरिए एक इंजेक्शन भी दिया था. जिसके बाद रोशनी का हाथ काला पड गया था. जिसे लेकर डॉक्टर से पूछने पर डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ ने उन्हें डांट डपटकर चूप करा दिया. वहीं गत रोज दोपहर 3 बजे रोशनी तिडके ने इलाज के दौरान दम तोड दिया. इसके बाद रोशनी के परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की. इस समय रोशनी के परिजनों का यह कहना रहा कि, जब तक रोशनी के मौत के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई नहीं होगी. तब तक वे रोशनी के शव को अपने कब्जे में नहीं लेंगे. इसी दौरान मामले की जानकारी मिलने पर आजाद समाज पार्टी के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी अस्पताल में पहुंचे और उन्होंने संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
* 2 डॉक्टरों सहित 5 को नोटीस
रोशनी तिडके की मौत होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने वार्ड क्रमांक-1 में रोशनी का इलाज करने वाली डॉ. तृप्ति जवादे व डॉ. अनूजा शिरभाते सहित अधिपरिचारिका रिना दौंड, प्रतिमा रौराले व वार्ड के कक्ष सेवक दावु सारवान को नोटीस जारी करते हुए रोशनी के मौत के संदर्भ में स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही 24 घंटे के भतीर स्पष्टीकरण नहीं दिए जाने पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है.
* यह हमारा काम नहीं है, हमें मत सिखाओ
इस मामले में रोशनी तिडके के परिजनों ने आरोप लगाया कि, रोशनी की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही थी. परंतु इसके बावजूद भी उसे आईसीयू में दाखिल नहीं किया गया. साथ ही जब रोशनी का शरीर काला पडने लगा था, तो उन्होंने वार्ड में उपस्थित नर्स से रोशनी की रक्तजांच करने का निवेदन किया था. परंतु स्टाफ नर्स ने उन्हें यह कहते हुए झिडकार दिया कि, यह हमारा काम नहीं है और तुम लोग हमें मत सिखाओं की क्या करना है. अगर उन्हें ज्यादा समझता है, तो तुम आकर हमारी कुर्सी पर आकर बैठ जाओं.
* रोशनी तिडके की मौत इलाज में लापरवाही के चलते होने का आरोप उसके परिजनों द्बारा लगाया गया है. जिसके मद्देनजर संबंधित डॉक्टरों व अधिपरिचारिका को नोटीस जारी की गई है. साथ ही पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में योग्य कार्रवाई की जाएगी.
– डॉ. प्रमोद निरवणे,
अतिरिक्त जिला शल्यचिकित्सक, अमरावती.