अमरावती

यूरिया की होने लगी किल्लत, बफर स्टॉक खोला

डीएपी के भी 674 मैटिक टन स्टॉक को किया गया मुक्त

अमरावती/दि.27 – इस समय खरीफ फसलों के अंकुरित व विकसित होने का दौर चल रहा है. जिसके चलते यूरिया खाद की मांग बढ गई है. ऐसे में यूरिया की कुछ प्रमाण में किल्लत महसूस हो रही है. जिसकी वजह से यूरिया की संरक्षित संग्रह यानि बफर स्टॉक को जिले के लिए मुक्त कर दिया गया. साथ ही इसके लिए सबसे पहले जिला समिति के अध्यक्ष जिलाधीश सौरभ कटियार से मान्यता व अनुमति ली गई. ऐसी जानकारी जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी कार्यालय द्बारा दी गई है.
इस जानकारी के साथ ही बताया गया है कि, इस बार खरीफ के सीजन दौरान 94 फीसद क्षेत्र में बुआई निपट गई है. वहीं 2 सप्ताह से चल रही रिमझीम बारिश और विगत 2 दिनों से बारिश में पडे खंड की वजह से सभी तरह की फसलें अंकुरित होकर विकसित हो रही है. ऐसे में खेती किसानी से संबंधित कामों को निपटाते हुए किसानों द्बारा खेतों में रासायनिक खाद डालने का काम शुरु कर दिया गया है. जिसके चलते सबसे सस्ती रहने वाली यूरिया खाद की मांग में अचानक ही वृद्धि हो गई है और जिले में यूरिया खाद की किल्लत पैदा होने की संभावना बन गई है. जिसे ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने बफर किए गए 687.87 मैट्रिक टन में से 343 मैट्रिक टन यूरिया तथा 674 मैट्रिक टन के डीएपी खाद के स्टॉक को गत रोज विक्री के लिए मुक्त कर दिया. इससे पहले मेलघाट के लिए 2 बार 350 मैट्रिक टन यूरिया बफर स्टॉक में से मुक्त किया गया था. वहीं अब जिले के लिए 343 मैट्रिक टन यूरिया मुक्त किया गया है.
* कृषि उद्योग विकास मंडल है नोडल एजेंसी
डीएपी व यूरिया का बफर स्टॉक करने हेतु महाराष्ट्र कृषि उद्योग विकास महामंडल को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है. जिले में यूरिया के 1080 मैट्रिक टन तथा डीएपी के 10101 मैट्रिक टन स्टॉक को बफर स्टॉक करने का लक्षांक है. जिसके चलते यूरिया के 817 तथा डीएपी 689 मैट्रिक टन स्टॉक को संरक्षित किया गया था.
* तहसील निहाय खाद (मैट्रिक टन)
तहसील यूरिया डीएपी
अमरावती 23 45
भातकुली 13 25
दर्यापुर 54 109
अंजनगांव सुर्जी 40 117
अचलपुर 41 40
चिखलदरा 14 25
धारणी 24 15
चांदूर बाजार 30 89
तिवसा 10 25
नांदगांव 11 00
मोर्शी 41 85

* फसल की बढत के दौरान यूरिया व डीएपी खाद की मांग बढती ही है. जिलाधिकारी की मान्यता से बफर स्टॉक में रहने वाले यूरिया व डीएपी को जिले में विक्री हेतु मुक्त किया गया है, ताकि खाद को लेकर किसी तरह की कोई किल्लत महसूस न हो.
– राहुल सातपुते,
जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी.

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