अमरावती

परमार्थ के लिए धन का इस्तेमाल करें

मां कनकेश्वरी देवी का कथन

  • मयूरेश भवन में श्रीमद देवी भागवत कथा का सातवां दिन

अमरावती/दि.25 – सांसारिक जीवन में धन को महत्व दिया जाता है. जीवनयापन के लिए ईश्वर अपने भक्तों को धन संपन्न करते है. लेकिन ईश्वरीय कृपा से प्राप्त इस धन को स्वयं पर खर्च करने की बजाए उस धन को परमार्थ के उपयोग में लाना चाहिए. जिससे केवल साधक ही नहीं बल्कि जरुरमंदो की सेवाओं के साथ उन्हें सहायता देने से हमें भी पुण्यलाभ प्राप्त होगा ऐसा आर्शीवचन मां कनकेश्वरी देवी ने कहे.
मां कनकेश्वरी देवी स्थानीय अकोली स्टेशन के समीप मयूरेश भवन में मंगलवार से प्रारंभ श्रीदेवी भागवत कथा के अवसर पर सातवे दिन भाविकों को संबोधित कर रही थी. मां कनकेश्वरी देवी ने आगे कहा कि प्रकृति की गतिविधियां भूनेश्वरी की गतिविधियों की तरह होती है. ईश्वर के दर्शन दुलर्भ नहीं होते.
इसके लिए साधक के पास दृष्टि होना जरुरी है. साधु सन्यासी अपने ही दुर्वचनों के लिए क्रोध करते है जिसका जैसा कर्म उसे वैसा ही फल मिलता है. इसलिए जीवन में अपने कर्मो को सकारात्मक विचारों से जोडना चाहिए. जब मनुष्य मानवता का धर्म निभाता है तब उसे ही उसका फल मिलता है. मनुष्य को जीवन में अपनी कमाई का 10 प्रतिशत हिस्सा परामार्थ पर खर्च करना चाहिए.
इससे हमारा धन सुरक्षित रहता है और जरुरतमंदों की सेवा होती है. गौ माता में 36 कोटी देवी देवताओं का वास होता है लेकिन भागदौड भरी जींदगी में हम गौ माता की सेवा का महत्व भूलने लगे है. जिसके कारण अब गौ माता भी तडपने लगी है जिसका असर यह है कि विश्व तडप रहा है. गौ माता को बचाने के लिए हमें आगे बढना होगा और गौ माता के सेवा के प्रति तत्पर रहना होगा.
मंगलवार से यहां मां कनकेश्वरी देवी के मुखराबिंद से श्रीमद देवी भागवत कथा जारी है. जिसमें कथा के सातवे दिन महामंडलेश्वर मां कनकेश्वरी देवी का स्वागत संपत शर्मा, सुगना शर्मा, जुगलकिशोर गट्टानी, अशोक खंडारे, कल्पना देशमुख, आशा चावला, माला हरवानी, जीतेंद्र साहु, संतोष साहु, अरुण अवघड, सुरेश करवा, भवरसिंह शेखावत, मंगल लढ्ढा, शोभा बियाणी ने किया एवं एड. विजय बोथरा, संजू बोथरा, हरनारायण लढ्ढा ने आरती की.

Related Articles

Back to top button