अमरावती

भोजन में फल्ली तेल का प्रयोग घटा

मूंगफल्ली का उत्पादन कम होने से दाम बढे

* अन्य तेलों का जमकर हो रहा प्रयोग
अमरावती /दि.18- विगत वर्ष समुचे देश में मूंगफल्ली का उत्पादन काफी कम हुआ. जिसके चलते फल्ली तेल के दामों में प्रतिकिलो 20 रुपए की तेजी है. ऐसे में कई लोग अब छौंक-बघार करने और तडका लगाने के लिए फल्ली तेल की बजाय अन्य तेलों का प्रयोग कर रहे है. यह स्थिति अगले कुछ महिने तक ऐसे ही बने रहने की संभावना स्थानीय तेल व्यापारियों द्बारा जताई गई है.
विगत 2 माह के दौरान फल्लीदाने के दाम उंचे रहने के चलते फल्ली तेल भी महंगा हो गया है. ऐसे में सर्वसामान्य नागरिकों द्बारा सरकी, सूर्यफुल व सोयाबीन जैसे अन्य तेलों का प्रयोग करते दिखाई दे रहे है. वैसे भी यद्यपि फल्लीतेल खाने के लिहाज से बेहतरीन है. परंतु स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरुकता निर्माण हो जाने के चलते विगत कुछ समय से सरकी व सोयाबीन तेल का प्रयोग बढ गया है. चीन से खाद्य तेल की मांग कम हो जाने के चलते मलेशिया व इंडोनेशिया में पॉम तेल के दाम सुस्त हो गए थे. परंतु यूक्रेन व रशिया की ओर से निर्यात होने वाले सूर्यफुल तेल की शिपमेंट काले सागर के बंदरगाह बंद रहने के चलते रुकी हुई है. जिसकी वजह से खाद्य तेलों के दाम मंदी के साथ ही स्थिर बने रहेंगे. ऐसी संभावना जताई जा रही है.

* फल्ली तेल 160 रुपए किलो
फल्ली तेल का प्रयोग इन दिनों सोयाबीन तेल की तरह सभी घरों में नहीं किया जाता. लेकिन इसके बावजूद गुणवत्ता के दम पर फल्ली तेल के दाम भी सबसे अधिक है. फिलहाल फल्ली तेल के दाम 160 रुपए प्रतिकिलो के स्तर है. जबकि इससे पहले फल्ली तेल के दाम करीब 225 रुपए किलो के आसपास जा पहुंचे थे.

* क्यों महंगा हुआ फल्ली तेल
गत वर्ष मूंगफल्ली की फसल का उत्पादन कम हुआ. परंतु उत्पादन कम होने के बावजूद भी फल्ली तेल की निर्यात पहले की तरह ही हुई. जिसका सीधा परिणाम बाजार पेठ में फल्ली तेल के दाम बढने के तौर पर सामने आया.

* किस तेल के कितने दाम?
2 माह पहले मौजूदा दाम
सरकी 112 120
सोयाबीन 112 118
फल्ली 110 210
सूर्यफुल 154 136
सरसो 180 180

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