अमरावती

बॉडी बिल्डींग के चक्कर में स्टेरॉयड का प्रयोग घातक

शरीर सौष्ठव के लिए बढ रहा जिम जाने का क्रेझ

  • मसल्स बनाने कसरत की बजाय विभिन्न वस्तुओं का प्रयोग

अमरावती/दि.11 – इन दिनों शरीर सौष्ठव स्पर्धा में शामिल होने के साथ ही समाज में आकर्षक दिखने के लिये हर कोई जिम की ओर आकर्षित हो रहा है और कसरती बदन दिखाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. किंतु एक साल तक जिम जाने के बाद भी जब आकर्षक मसल्स नहीं बनते, तो ऐसे लोगोें द्वारा स्टेरॉयड व कृत्रिम प्रोटीन का प्रयोग करना शुरू कर दिया जाता है. किंतु आगे चलकर इसके बेहद गंभीर परिणाम भी दिखाई देते है.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों अधिकांश युवा अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी हद तक जागरूक है और फिटनेस की ओर विशेष तौर पर ध्यान भी दे रहे है. वहीं समाज में भी शरीर से हृष्ट-पुष्ट रहनेवाले युवाओं के लिए विशेष आकर्षण रहता है. ऐसे में इन दिनों अधिकांश युवा जिम जाने को प्राथमिकता दे रहे है. जिसके चलते इन दिनों शहर में करीब 80 जिम शुरू हो गये है और प्रत्येक जिम में करीब 200 से 250 सदस्यों का सहभाग रहता है. अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ऐसे जिम में व्यायाम करने के लिए बडे पैमाने पर खर्च भी करना पडता है. लेकिन इसके बाद भी शरीर को योग्य आकार नहीं मिलता देख कई युवा स्टेरायड व इंसुलिन जैसे घातक पदार्थों का प्रयोग करना शुरू कर देते है. जिसका सीधा परिणाम किडनी, लिवर व हड्डियों पर पडता है.
एक जिम मास्टर के मुताबिक अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहना अच्छी बात है. किंतु बॉडी बिल्डींग के चक्कर में शरीर के साथ खिलवाड करना घातक साबित हो सकता है. इन दिनों अधिकांश युवा जिम में जाने के बाद एक साल के भीतर ही आकर्षक मसल्स वाली बॉडी प्राप्त कर लेना चाहते है. साथ ही कई युवा जल्द से जल्द बॉडी बिल्डींग करते हुए शरीर सौष्ठव स्पर्धाओं में शामिल होकर सफलता प्राप्त करना चाहते है. जिसके लिए बडे पैमाने पर स्टेरायड व इंसुलिन का प्रयोग किया जाता है. किंतु इससे क्षणिक तौर पर कुछ वक्त के लिए मसल्स में उभार तो आता है, लेकिन शरीर पर इसके बेहद घातक परिणाम पडते है. अत: इन पदार्थों का प्रयोग टाला जाना चाहिए.

बॉडी बिल्डींग की बजाय फिटनेस जरूरी

आकर्षक बॉडी बनाने हेतु युवाओं द्वारा विविध वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है. किंतु कुछ वर्ष पश्चात यह तकलीफदेह साबित होता है और शरीर पर इसके दुष्परिणाम दिखाई देते है. इसकी बजाय फिटनेस बढाने हेतु किया गया व्यायाम तथा पोषक तत्व रहनेवाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से लंबे समय तक शरीर सुदृढ रहता है.

ये सावधानियां जरूरी

18 वर्ष आयु के बाद ही जिम का प्रयोग करना चाहिए. कम आयु में जिम का प्रयोग करने से उंचाई बढना रूक जाती है और हड्डियां मजबूत नहीं हो पाती. जिसके चलते अन्य शारीरिक अवयवों के विकास पर विपरित परिणाम होता है. इसके साथ ही आकर्षक मसल्स बढाने के चक्कर में उत्तेजक वस्तुओं का प्रयोग टाला जाना चाहिए. तत्कालीक परिणाम दिखानेवाली वस्तुओं का सेवन करने की वजह से भावी जीवन में कई खतरनाक बिमारियों का सामना करना पड सकता है. अत: ऐसी वस्तुओं के इस्तेमाल से बचा जाना चाहिए.

घातक है स्टेरॉयड का प्रयोग

इन दिनों बॉडी बिल्डींग को लेकर मानों युवाओं में आपसी प्रतिस्पर्धा लगी हुई है और कम दिनों के व्यायाम में अपनी बॉडी जल्द से जल्द कैसे आकर्षक दिखाई देगी, इस बात को ध्यान में रखते हुए अधिकांश युवा धडल्ले के साथ स्टेरॉयड का प्रयोग करते है. किंतु इससे शरीर की हड्डियां कमजोर होती है और किडनी पर विपरित परिणाम पडता है. साथ ही पक्षाघात का खतरा भी पैदा हो सकता है. अत: स्टेरॉयड का प्रयोग करना टाला जाना चाहिए, ऐसा स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है.

  • आकर्षक बॉडी बनाने की बजाय चुस्त-दुरूस्त व तंदुरूस्त रहने हेतु आवश्यक रहनेवाला व्यायाम करना चाहिए. इस दौरान बढती पाचन शक्ति के मद्देनजर शरीर के लिए पोषक रहनेवाले अंकुरित अनाज, सुप, दूध व हरी सब्जियों के सलाद का अधिक प्रमाण में सेवन करना चाहिए. इससे धीरे-धीरे शरीर अपने आप आकर्षक आकार प्राप्त कर सकता है. बॉडी बिल्डींग के चक्कर में स्टेरॉयड का प्रयोग टाला जाना चाहिए.

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