अमरावती

डफरीन के एसएनसीयू में वेंटिलेटर का प्रयोग बंद

एक माह पहले वेंटिलेटर में हुआ था विस्फोट

एसएनसीयू में फिलहाल भरती हैं 20 नवजात शिशु
अमरावती-/ दि.2  स्थानीय जिला स्त्री अस्पताल यानी डफरीन हॉस्पीटल में नवजात शिशुओं के लिए बनाये गये अतिदक्षता विभाग यानी एसएनसीयू में वेंटिलेटर का प्रयोग करना बंद कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि, एक माह पहले ही इस विभाग के एक वेेंटिलेटर में विस्फोट हुआ था और इस विभाग में आग लगते-लगते बच गई थी, तब से यहां पर वेंटिलेटर का प्रयोग बंद कर दिया गया है. साथ ही इस विभाग में विद्युत वायरिंग का काम नये सिरे से किया जा रहा है. ऐसे में कम वजनवाले और समय से पूर्व जन्मे नवजात शिशुओं को अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए भरती कराया जा रहा है. वहीं डफरीन अस्पताल के एसएनसीयू विभाग में इस समय 20 नवजात शिशुओं को भरती रखा गया है.
बता दें कि, विगत 25 सितंबर को डफरीन के एसएनसीयू विभाग में एक वेंटिलेटर में अचानक विस्फोट हो गया था. उस समय इस वॉर्ड में कुल 37 नवजात बच्चों का इलाज चल रहा था और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों व परिचारिकाओं की तत्परता के चलते एक बडा अनर्थ टल गया था. उस वक्त एसएनसीयू विभाग में तीन वेंटिलेटर शुरू थे. जिसमें से दो वेंटिलेटर सीलर हेल्थ केयर इंडिया प्रा.लि. नामक कंपनी के थे. उसमें से ही एक वेंटिलेटर में विस्फोट होने से स्वास्थ्य विभाग ने इस कंपनी के वेंटिलेटर का उपयोग करने पर रोक लगा दी. जिसके चलते विगत एक माह से एसएनसीयू विभाग में वेंटिलेटर का प्रयोग बंद है. इसके साथ ही इस विभाग में विस्फोट की वजह से जल चुकी पूरी वायरिंग को बदलने का काम भी किया जा रहा है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, डफरीन अस्पताल परिसर में 200 बेड की क्षमतावाली नई इमारत का निर्माण चल रहा है और इस नई इमारत में भी एसएनसीयू विभाग बनाया जा रहा है. जहां पर सभी आवश्यक सेवाओं व सुविधाओं के साथ ही नये वेंटिलेटर प्राप्त होने की संभावना अस्पताल प्रशासन ने जताई है.

 

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