अमरावती

सोशल मीडिया का प्रयोग हो सावधानी व जिम्मेदारी से

जरासी लापरवाही के चलते दर्ज हो सकता है अपराध

साईबर पुलिस ने जारी किया अलर्ट, संतुलित प्रयोग का आवाहन
अमरावती-/दि.26 वॉटसएप, फेसबुक व मैसेंजर के जरिये भेजे जानेवाले प्रत्येक मैसेज पर साईबर क्राईम की विशेष नजर रहती है. इन दिनों सोशल मीडिया साईटस् का प्रयोग सोशल कनेक्टिविटी तथा व्यावसायिक व मनोरंजन के साधन के तौर पर किया जाता है, लेकिन इसके जितने फायदे है, उतने नुकसान भी है. ऐसे में सोशल मीडिया का प्रयोग करते समय मानसिक संतुलन बनाये रखने के साथ ही सावधानी व सतर्कता का प्रयोग किया जाना चाहिए. अन्यथा अपराधिक मामला दर्ज होकर न्यायिक कार्रवाई का सामना भी करना पड सकता है. इस आशय की चेतावनी साईबर पुलिस द्वारा की गई है.
इन दिनोें हैटिंग, प्रतिकार भंग तथा बाल लैंगिक चित्रण जैसे साईबर अपराध बडे पैमाने पर होते दिखाई दे रहे है. वही निजी व गोपनीय जानकारी को चुराने या लिक करने जैसे मामले भी बडे पैमाने पर बढ रहे है. इंटरनेट के बढते प्रयोग की वजह से लोगों का जीवन पहले की तुलना में काफी अधिक सहज व सरल हो गया है. लेकिन इसके साथ ही कई दिक्कतें भी बढ गई है. चूंकि नागरिकों को साईबर क्राईम की जानकारी नहीं होती. ऐसे में वे जाने-अनजाने साईबर क्राईम का शिकार हो जाते है. कई बार ऑनलाईन ठगबाजों के जाल में फंसकर कर लोगों का आर्थिक नुकसान भी होता है. वहीं जाने-अनजाने शेयर की गई पोस्ट की वजह से उन्हें पुलिस कार्रवाई का सामना भी करना पडता है. इन दिनों ऐसे मामले लगातार बढ रहे है.

धार्मिक तनाववाले प्रक्षोभक वक्तव्य पडेंगे भारी
वाटसएप सहित किसी भी सोशल मीडिया साईट पर धार्मिक तनाव या प्रक्षोभक वक्तव्य से संबंधित पोस्ट शेयर व फॉरवर्ड करना महंगा पड सकता है. क्योंकि इसे लेकर संबंधित पुलिस थाने अथवा साईबर पुलिस स्टेशन में अपराध दर्ज हो सकता है.

साईबर पुलिस की कडी नजर
सोशल मीडिया का प्रयोग करनेवालों पर साईबर पुलिस द्वारा कडी नजर रखी जाती है. कहीं कोई धार्मिक तनाव पैदा करनेवाले प्रक्षोभक पोस्ट को शेयर या फॉरवर्ड तो नहीं कर रहा, कहीं कोई चोरी-छीपे तरीके से चाईल्ड पोर्नोग्राफी तो नहीं देख रहा, इस बात की ओर साईबर पुलिस का 24 बाय 7 ध्यान रहता है.

सात माह में 77 मामले
शहर पुलिस आयुक्तालय के विभिन्न पुलिस थानों सहित साईबर पुलिस थाने में साईबर क्राईम को लेकर 77 से अधिक मामले दर्ज है. वहीं साईबर पुलिस द्वारा इसे लेकर बडे पैमाने पर जनजागृति की जा रही है.

ग्रुप एडमिन पर बढी जिम्मेदारी
प्रत्येक ग्रुप एडमिन पर अपने वॉटसएप ग्रुप की सबसे बडी जिम्मेदारी होती है. इसके लिए ग्रुप में देश विरोधी कंटेंट, अश्लील कंटेंट के साथ ही किसी के व्यक्तिगत फोटो व वीडियो शेयर न हो और किसी की भी धार्मिक भावनाओं को आहत करनेवाली पोस्ट शेयर न हो, इसे लेकर ग्रुप एडमिन द्वारा पहले ही कडी नियमावली तैयार की जानी चाहिए.

यह कार्रवाई हो सकती है
वाटसएप के जरिये आपत्तिजनक मैसेज, ऑडियो व वीडियो अपलोड, शेयर या फॉरवर्ड करने पर आयटी एक्ट सहित आयपीसी की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया जा सकता है. साथ ही संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया जा सकता है.
प्राईवेसी सेटिंग को योग्य तरीके से सेट करने के बाद ही अपने फोटो या मैसेज को शेयर करना चाहिए. साथ ही वाटसएप व फेसबुक पर किसी भी व्यक्ति को ब्लॉक करने का पर्याय भी उपलब्ध है. इसके अलावा किसी भी मैसेज को शेयर या लाईक करने से पहले उसकी सत्यता को अच्छे से परख लेना चाहिए.
– डॉ. आरती सिंह
पुलिस आयुक्त, अमरावती शह

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