हृदयरोग से बचने अपने हृदय का प्रयोग करें
विश्व हृदय दिवस की पूर्व संध्या पर पत्रवार्ता में दी गई जानकारी
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२८ – प्रति वर्ष २९ सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. वैश्विक स्तर पर कोई दिन विशेष को मनाये जाने के पीछे कारण भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है. हर साल हृदयविकार की वजह से अकेले भारत में ही १७.३० लाख लोगों की मौत होती है. जिसे नियंत्रित करने हेतु प्रतिवर्ष वल्र्ड हार्ड फेडरेशन द्वारा प्रतिवर्ष एक नई थीम लेकर काम किया जाता है. जिसके तहत विश्व हृदय दिवस-२०२० के लिए ‘हृदय रोग से बचने अपने हृदय का प्रयोग करें‘ यह थीम बनायी गयी है. इस आशय की जानकारी रेडियंट अस्पताल के संचालक डॉ. पवन अग्रवाल (इंटरवेशनल कार्डियालॉजीस्ट), डॉ. आनंद काकाणी (न्यूरोसर्जन) व डॉ. सिकंदर अडवाणी (न्यूरोलॉजीस्ट) द्वारा दी गई.
इस पत्रवार्ता में बताया गया कि, हृदय विकारों की वजह से होनेवाली मौतों में से ८० प्रतिशत मामलों में मौतों को टाला जा सकता है. जिसके लिए तंबाकू, सिगरेट व शराब का सेवन, पोषक नहीं रहनेवाले आहार का सेवन तथा शारीरिक व्यायाम का अभाव जैसी आदतों को बदला जाना बेहद आवश्यक है. आज के आपाधापीवाले दौर में युवा पीढी अपने नौकरी अथवा व्यवसाय में काफी अनियमित तरीके से काम करती है. जिसकी वजह से उन्हें अत्याधिक तनाव का सामना करना पडता है. इस तरह की जीवनशैली की वजह से रक्तदाब, मोटापा व डायबीटीज जैसी बीमारियां पैदा होती है. जिनका रूपांतरण आगे चलकर हृदयरोग में होता है. अत: हर एक व्यक्ति ने अपने दिल की आवाज सुननी चाहिए और खुद को बुरी आदतों व अनियमित जीवनशैली से बचाना चाहिए. इसके अलावा यह काम केवल खुद के प्रति सीमित न रखते हुए अपने रिश्तेदारों व मित्रों को भी इस जागरूकता के साथ जोडा जाना चाहिए. तभी हृदयरोग के खिलाफ एक श्रृंखला तैयार हो सकेगी. इस पत्रकार परिषद में बताया गया कि, हृदयरोग से बचने और हृदय को स्वस्थ रखने हेतु हर एक व्यक्ति ने रोजाना कम से कम आधा घंटा व्यायाम करना चाहिए. और यदि व्यायाम करने का समय नहीं निकल पा रहा है तो अधिक से अधिक पैदल चलना चाहिए. इसके अलावा प्रकृति के अनुसार भोजना करना चाहिए, जिसमें नमक का प्रमाण कम होना चाहिए. साथ ही आहार में ताजे फलों व साग-सब्जियों का समावेश रहना चाहिए. इसके साथ ही भोजन व नाश्ता बिल्कूल समय पर करना चाहिए. पत्रकार परिषद में उपस्थित डॉक्टरों ने बताया कि, कई घंटों तक एक ही स्थिति में बैठे रहना भी हृदय के लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है. अत: नौकरीपेशा लोेगों ने काम के दौरान थोडी-थोडी देर में इधर से उधर चहल-पहल करनी चाहिए. हृदय रोग से बचने के लिए जीवन में आनेवाले तनावों को खुद से चार हाथ दूर रखना चाहिए और कोई भी समस्या या दिक्कत महसूस होने पर तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क साधते हुए नियमित तौर पर दवाईया लेनी चाहिए.