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संभलकर करे बिजली का प्रयोग, अन्यथा दीपावली जायेगी अंधेरे में

लगातार गहरा रहा है बिजली की किल्लत का संकट

* विद्युत ग्राहकों की ओर बकाया है 339 करोड रूपये

अमरावती/दि.14- इस समय समूचा राज्य बिजली की किल्लत के संकट से जूझ रहा है, क्योंकि कोयले का अभाव रहने के चलते विद्युत निर्मिती कम हो रही है. वहीं पर्व एवं त्यौहारों का समय रहने के चलते विद्युत की मांग में भारी इजाफा है. ऐसे में महावितरण द्वारा आवाहन किया गया है कि, सभी लोग बिजली का प्रयोग बेहद मितव्ययिता के साथ संभालकर करे. क्योंकि यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो बिजली के अभाव में आगामी दीपावली का पर्व अंधेरे में मनाने की नौबत आ सकती है.
बता दें कि, राज्य में कोयले की किल्लत के चलते बिजली का संकट काफी तीव्र हो गया है और अमरावती में भी विद्युत निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत रतन इंडिया कंपनी के 3 विद्युत निर्मिती सेट को कोयले का अभाव रहने की वजह से बंद करना पडा. ऐसे में यदि जिले में बिजली की कमी होती है, तो ऐन दीपावली पर्व के मुहाने पर लोडशेडिंग करने के अलावा अन्य कोई पर्याय नहीं रहेगा.

* बकाया बिल भी साबित हो रहे सिरदर्द

अमरावती जिले में घरेलू व औद्योगिक विद्युत ग्राहकों की ओर कुल 339 करोड रूपयों के विद्युत बिल बकाया है. भारी भरकम बकाया राशि को वसूल करने के लिए महावितरण के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर कनिष्ठ कर्मचारियों तक सभी लोग काम पर लगे हुए है. जहां एक ओर विद्युत निर्मिती का संकट चल रहा है, वहीं दूसरी ओर बिजली बिलों की बकाया वसूली भी अधिकारियों के लिए सिरदर्द बनी हुई है. साथ ही बकाया बिलों की वजह से महावितरण इस समय काफी आर्थिक दिक्कतों में फंसा हुआ दिखाई दे रहा है.

* जरूरत रहने पर ही लाईट जलाये

महावितरण के अधिकारियों द्वारा आम नागरिकों से आवाहन किया गया है कि, जिस समय जरूरत हो, उसी समय लाईट व पंखे चलाये जाये. रात के समय बिजली की सर्वाधिक मांग होती है. उस समय हर कोई बेहद संभालकर विद्युत का प्रयोग करे, ताकि बिजली की किल्लत पैदा न हो.

* जिले में विद्युत ग्राहक
घरेलू – 5,51,809
कृषि – 1,35,000
औद्योगिक – 39,505

इस समय विद्युत निर्मिती के सेट बंद पडे है. किंतु अब भी लोडशेडिंग को लेकर कोई निती तय नहीं की गई है. लेकिन नागरिकों द्वारा महावितरण के साथ सहयोग करते हुए बिजली का प्रयोग जरूरत होने पर ही करना चाहिए, ताकि भारनियमन के संकट को टाला जा सके, अन्यथा मौजूदा स्थिति ही बरकरार रहने पर महावितरण को मजबूरी में लोडशेडिंग की शुरूआत करनी पडेगी.

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