अमरावतीमहाराष्ट्र

जिला परिषद में अधिकारियों के पद रिक्त

प्रभारियों के भरोसे कामकाज

अमरावती/दि.1– जिला परिषद के अनेक विभागों में विभाग प्रमुख के पद रिक्त होेने की वजह से कामकाज में दिक्कतें निर्माण हो रही है. शासन की ओर से रिक्त पदों को भरे नहीं जाने पर ग्रामीण क्षेत्र का कारभार चलाना मुश्किल हो रहा है. प्रभारियों के भरोसे कामकाज हैं. ऐसे में अब स्वच्छता विभाग के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीराम कुलकर्णी का तबादला किए जाने पर रिक्त पदों का अनुशेष और भी बढ गया है. कुछ ही दिनों पश्चात विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने की संभावना हैं. ऐसे में काम करने में और भी दिक्कते आयेगी.
जिला परिषद को मिनी मंत्रालय भी कहा जाता है. यहां पर कभी इतने बडे प्रमाण में अधिकारियों की कमतरता नहीं हुई. जिप अंतर्गत केवल महिला व बाल कल्याण, स्वास्थ्य, पशु संवर्धन, लोकनिर्माण तथा पंचायत विभाग में ही स्थायी तौर पर उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी उपलब्ध है. वहीं महत्वपूर्ण ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, वित्त सामान्य प्रशासन, समाज कल्याण,मनरेगा व शिक्षा विभाग में अस्थाई तौर पर अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं. प्रभारियों के भरोसे पर कामकाज चल रहा हैं. प्रभारी अधिकारी द्बारा समय नहीं दिए जाने पर उनकी शिकायतें भी की जा रही है. इतना ही नहीं तो 5 से 6 पंचायत समितियों में भी गुट विकास अधिकारियों के पद रिक्त है. ऐसे में जल व स्वच्छता विभाग के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीराम कुलकर्णी का तबादला किए जाने पर अधिकारियों के रिक्त पदों का अनुशेष बढ गया है.

* रिक्त अधिकारियों के पदों को लेकर सीईओ का मुंबई दौरा
जिला परिषद में रिक्त पदों को लेकर मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता मोहपात्रा पिछले सप्ताह से मुंबई दौरे पर हैं. उन्होंने आवश्यक महत्वपूर्ण अधिकारियों की फाईल भी मंत्रालय में दी है. किंतु अब तक भी रिक्त अधिकारियों के पदों को लेेकर हलचल नहीं दिखाई दे रही. आचार संहिता लागू होने के पहले अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की गई तो जिप प्रशासन को अनेको दिक्ततों का सामना करना पडेगा.

* जिप के कामकाज पर असर
एक ओर जिप के विविध विभागों में विभाग प्रमुखों की कमी दूसरी ओर स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव न होने पर बॉडी अस्तित्व में नहीं है. जिसके चलते जिप के कामकाज पर असर होता दिखाई दे रहा है. जिप के कामकाज कैसे होगे. यह भी प्रश्न उपस्थित हो रहा है.

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