अमरावती

वैक्सीन ही है उपाय, टीकाकरण के बाद जिले में एक भी मृत्यु नहीं

जिले में अब तक 3 लाख नागरिको का हो चुका टीकाकरण

  • संक्रमण होने पर भी लक्षण होते है सौम्य

अमरावती/दि.4 – जिले में विगत 16 जनवरी से कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीकाकरण किया जा रहा है. इसके तहत अब तक 3 लाख नागरिको का वैक्सीनेशन किया जा चुका है. सबसे विशेष उल्लेखनीय यह है कि जिन नागरिको का टीकाकरण हो चुका है उनमें से अब तक किसी की मौत नहीं हुई. साथ ही यदि इनमें से कोई व्यक्ति कोविड संक्रमण की चपेट में आया, तो उसके लक्षण बेहद सौम्य रहे. ऐसे में कहा जा सकता है कि, कोविड वायरस के संक्रमण से निपटने हेतु अब वैक्सीनेशन ही एकमात्र कारगर और प्रभावी उपाय है. जिससे जहां एक ओर कोविड संक्रमितों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है. वही दूसरी ओर वैक्सीनेशन के जरिए कोविड संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों को भी रोका जा सकता है.
बता दे कि जिले के सभी 14 तहसील क्षेत्रों मेें स्थापित 125 टीकाकरण केन्द्रों पर इस समय लाभार्थियों का टीकाकरण चल रहा है. चूकि इन दिनों वैक्सीन की आपूर्ति काफी अनियमित है. ऐसे में टीकाकरण केन्द्रों पर काम का नियोजन गड़बड़ाया हुआ है. ज्ञात रहे कि अमरावती जिले में कोविशील्ड व कोवैक्सीन इन दो प्रतिबंधात्मक वैक्सीनों की आपूर्ति की जा रही है. जिसमें से अब तक कोविशील्ड के 2 लाख 53 हजार 280 तथा कोवैक्सीन के 59 हजार 920 ऐसे कुल 3 लाख 13 हजार 200 वैक्सीन प्राप्त हुए है. इसमें से 29 हजार 748 हेल्थ केयर वर्कर, 29 हजार 737 फ्रंट लाईन वर्कर, 18 से 45 वर्ष आयु गुट वाले 1 हजार 76, 45 से 59 वर्ष आयु गुट में 18 हजार 226 तथा 60 वर्ष से अधिक आयु वाले 1 लाख 44 हजार 20, ऐसे कुल 3 लाख 2 हजार 805 नागरिको को कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीका लगाया जा चुका है. यह कुल लक्ष्य की तुलना में 42 फीसदी है. यह आंकड़ा इससे अधिक भी हो सकता था. किंतु विगत कुछ दिनों से इस वैक्सीन की आपूर्ति काफी हद तक अनियमित है और कई टीकाकरण केन्द्रों पर वैक्सीनेशन का काम बार बार रोकना पड़ता है. अन्यथा तय लक्ष की तुलना में काफी अधिक काम हो सकता था.

पहले डोज के बाद केवल 3 प्रतिशत पॉजिटीव

– जिले की जनसंख्या 30 लाख के आसपास है जिसकी तुलना में अब तक 3 लाख 2 हजार 805 यानी मात्र 13 प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाया जा सका है.
– वैक्सीन का पहला डोज लगाने के बाद कोविड संक्रमित होने का प्रमाण बेहद अत्यल्प यानी मात्र 5 से 6 प्रतिशत के भीतर है. साथ ही संक्रमितों में बीमारी के लक्षण भी बेहद सौम्य पाये गये है.
-कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और दोनों डोज लगाने के बाद संक्रमण की चपेट में आने का प्रमाण 0.5 फीसदी है, ऐसा स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया है.

संक्रमण से मौत का खतरा कम

– अमरावती जिले में कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद लाभार्थियों के कोविड संक्रमित होने का प्रमाण बेहद कम है. साथ ही वैक्सीन लगाने के बाद जिन लाभार्थियों को कोरोना हुआ उनमें संक्रमण के लक्षण काफी सौम्य थे और संक्रमित होने की वजह से मौत होने का खतरा व प्रमाण बेहद कम देखा गया है, ऐसे में सभी पात्र लोगों ने इस वैक्सीन का डोज लेना जरूरी है.

  • कोविड प्रतिबंधात्मक उपाय के तौर पर वैक्सीन के दोनों डोज लगवाना बेहद जरूरी है. कोरोना के खिलाफ उपलब्ध दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और हर व्यक्ति ने यह वैक्सीन लेनी ही चाहिए.
    डॉ. विशाल काले,
    वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी,
    अमरावती, मनपा

दोनों डोज लगवाने के बाद पॉजिटीव होने का प्रमाण नगण्य

जिले में कोविड टेस्ट लैब के दोनों डोज लगवा चुके नागरिको के कोविड संक्रमित होने का प्रमाण नगण्य है. विशेष तौर पर जो हेल्थ लाईन वर्कर लगातार कोविड पॉजिटीव मरीजों के संपर्क में रहते है, उनके कोविड संक्रमित होने की कुछ हद तक संभावना रहती है. किंतु आम नागरिकों के दोनों डोज लगवा लेने पश्चात संक्रमित होने की संभावना बेहद कम है.
बता दे कि अमरावती जिले में अब तक दो लाख 49 हजार 776 लाभार्थियों ने कोविड वैक्सीन का पहला डोज लगवाया है. इसमें से 53 हजार 29 लाभार्थियों ने वैक्सीन का दूसरा डोज भी लगवाया है, ऐसे में अब तक कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के 3 लाख 2 हजार 805 डोज लगाये जा चुके है.

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