कोरोना के अलावा अन्य टीका 14 दिन के पश्चात लगाए
पहला टीका कोवैक्सीन लगाया हो तो दूसरा टीका कोविशिल्ड न लगाए
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जिला शल्य चिकित्सक डॉ. निकम ने किया नागरिकों को आगाह
अमरावती/दि.9 – समूचे जिलेभर में कोरोना महामारी से निपटने हेतु टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो चुकी है. देशभर में भी टीकाकरण 18 वर्ष उम्र से ज्यादा सभी के लिए है. किंतु फिलहाल 60 वर्ष से अधिक जेष्ठ नागरिकों व 45 वर्ष से अधिक मरीजों के लिए टीकाकरण की शुरुआत कर दी गई है. जिसमें सर्तकता बरतने का आहवान जिलाशल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम ने भारत सरकार के अप्पर सचिव डॉ. मनोहर अगनानी के हवाले से खबरदारी बरतने के संदर्भ में जानकारी जनहीत में जारी की.
जिलाशल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम ने जानकारी देते हुए कहा कि, जिसे कोरोना का टीका लगाया गया है अगर उसे अन्य कोई टीका लगवाना हो तो कम से कम 14 दिन के पश्चात लगाए. दोनो ही टीकों में परस्पर 14 दिनों का अंतर रहना आवश्यक है. कोरोना टीकाकरण की दोनो मात्राएं एक ही प्रकार की लेना आवश्यक है. पहली मात्रा एक कंपनी का टीका और दूसरी मात्रा दूसरे कंपनी की नहीं ले सकते. पहली मात्रा अगर कोवैक्सीन की है तो दूसरी मात्रा कोविशिल्ड की नहीं होनी चाहिए.
डॉ. निकम ने जानकारी देते हुए आगे कहा कि, जिस व्यक्ति को कोरोना टीकाकरण से एलर्जी हुई है तो टीका देने के तत्काल अथवा देरी से अति गंभीर अनफलाक्सीक अथवा एलर्जीक रियक्शन आयी हो तो टीका, इंजेक्शन, दवाई अथवा खाद्यान पदार्थ से रियक्शन आया हो तो ऐसे व्यक्ति को टीका न लगावाए. गर्भवती व स्तनदा माता को टीका न लगाए क्योंकि इस पर अभी संशोधन नहीं किया गया है. इस कारण जो महिला गर्भवती है अथवा उन्हें अपने गर्भवती होने की ग्यांरटी नहीं उन्हें टीका न लगाए.
इस स्थिती में व्यक्ति दुरुस्त होने के बाद 4 से 8 सप्ताह के बाद टीकाकरण कर सकते है. जिन्हें कोविड-19 बीमारी के लक्षण है, जिन कोरोना मरीजों को प्लाज्मा दिया गया है या फिर किसी बीमारी से ग्रस्त है और अस्पताल में भर्ती है उसे आयसीयू की आवश्यकता होगी अथवा नहीं रही तो उन्हें बीमारी से अच्छा होने के पश्चात 4 से 8 सप्ताह के बाद टीका लगा सकते है. डॉ. निकम के अनुसार जिन लोगों को रक्तस्त्राव अथवा रक्त गोठने की प्रक्रिया या प्लेटनेट की समस्या हो उन्हें खबरदारी लेकर ही टीका लगाया जाना चाहिए. इस प्रकार जिलाशल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम ने अपनी जानकारी में कहा.