अमरावती

वैभव ने जाते-जाते तीन की बचाई जिंदगी

पत्नी और भाई ने लिया बडा फैसला

* नागपुर में बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर
नागपुर/दि.13– इंजीनियर व्यक्ति की अचानक तबीयत बिगडने से उसका ब्रेन डेड हो गया. उसकी पत्नी और भाई ने कठिन समय में बडा निर्णय किया. उसका अंगदान करने से तीन लोगों को नया जीवन मिला है. नागपुर में इस वर्ष का यह 25वां अवयवदान है. अंगदाता का नाम वैभव कारलेकर (47, कामठी) है. वैभव सिविल इंजीनियर था. कुछ दिन पहले अचानक उनकी तबीयत बिगड गई. उन्हें सावंगी मेघे के आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल में दाखिल किया गया. न्यूरोलॉजिक रुप से उनकी हालत खराब होती गई. डॉक्टर्स ने चेक कर उन्हें बे्रन डेड घोषित किया.
अस्पताल के डॉ. विठ्ठल शिंदे ने कारलेकर परिवार को वैभव के अंगदान हेतु सलाह दी. पत्नी कीर्ति और भाई विलास ने इस दुख की घडी में भी अंगदान के लिए सहमती दी. उपरांत विभागीय प्रत्यारोपण समन्वय केंद्र झेडटीसीसी को जानकारी दी गई. समन्वयक दिनेश मंडपे ने प्रतीक्षा सूची जांची. उपरांत गरजमंद रुग्णों को अंगदान किए गए.

* चेतना तिडके ने बनाया ग्रीन कॉरिडोर
वैभव कारलेकर की दोनों कीडनी और लीवर तथा आंखे दान की गई. आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल वर्धा में 47 वर्षीय पुरुष को एक गुर्दा दिया गया. दूसरा गुर्दा नागपुर के केयर अस्पताल में 44 वर्षीय महिला को प्रत्यारोपित किया गया. यकृत भी नागपुर के निजी अस्पताल में 28 वर्षीय पुरुष को दिया गया. पुलिस उपायुक्त यातायात चेतना तिडके के मार्गदर्शन में दोनों अंगो को वर्धा से नागपुर तक लाने 88 किमी का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. तीन मरीजों को नया जीवन वैभव जाते-जाते दे गया.

Related Articles

Back to top button