* गौतम बुध्द को माननेवाले वैभव के मन में है सामाजिक सेवा का व्रत
* छह माह से लगातार इस्तीफा देने की मानसिकता में थे वैभव
* वरिष्ठ अधिकारियों ने किया था समझाने का प्रयास, इस्तीफा हो सकता है मंजूर
अमरावती/दि.9– पढाई-लिखाई में तेज रहनेवाले किसी भी युवा के मन में भारतीय प्रशासनिक सेवा में अधिकारी बनने को लेकर अच्छा-खासा आकर्षण होता है. साथ ही आईएएस अधिकारी बनना अधिकांश युवाओं का सपना भी रहता है. लेकिन देश की सर्वोत्तम सरकारी नौकरी को प्राप्त करना इतना भी आसान नहीं रहता, क्योंकि इसके लिए केंद्रीय लोकसेवा आयोग द्वारा ली जानेवाली परीक्षा को उत्तीर्ण करना अपने आप में बेहद मुश्किलवाला काम है. किंतु एक बार इस परीक्षा को उत्तीर्ण करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा में आने के बाद ‘लाईफ सेट’ मानी जाती है. ऐसे में यदि इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के उपरांत महज तीन वर्ष के भीतर कोई युवा आईएएस अधिकारी द्वारा अकस्मात ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया जाये, तो हर किसी का भौचक होना लाजमी है. ऐसा ही कुछ इस समय मेलघाट में पदस्थ युवा आईएएस अधिकारी वैभव वाघमारे द्वारा इस्तीफा दे दिये जाने के बाद हुआ है, जिन्होंने किसी समय बिना किसी बात की फिक्र किये अपने घर पर अपने ही हाथों अपने बालों की कटींग की थी और इसे अपने जीवन का शानदार अनुभव भी बताया.
मूलत: पंढरपूर से वास्ता रखनेवाले वैभव वाघमारे ने वर्ष 2018 में युपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए वर्ष 2019 में आईएएस अधिकारी बनने की सफलता हासिल की थी और 6 अगस्त 2019 को उन्हें परिविक्षाधीन अधिकारी के तौर पर पहली पोस्टींग वाशिम जिलांतर्गत प्राप्त हुई थी. जहां पर उन्होंने आपूर्ति विभाग, जलापूर्ति विभाग सहित मंगरूलपीर नगर पालिका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर काम किया. पश्चात उन्हें आदिवासी प्रकल्प अधिकारी व अपर जिलाधिकारी के तौर पर अमरावती जिलांतर्गत मेलघाट क्षेत्र के धारणी में भेजा गया.
* काम के प्रति काफी हद तक जूनुनी हैं वैभव
वर्ष 2019 में आईएएस अधिकारी के तौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में आनेवाले वैभव वाघमारे अपने काम को लेकर काफी हद तक जुनुनी रहने के साथ-साथ हमेशा नई सोच को लेकर आगे बढनेवाले रहे. वाशिम जिलांतर्गत विभिन्न महकमों में परिविक्षाधीन अधिकारी के रूप में काम करते समय उन्होंने अपने काम करने के तरीके की अलग छाप भी छोडी. वहीं धारणी में आदिवासी प्रकल्प अधिकारी के रूप में पदस्थ होने के बाद उन्होंने क्षेत्र में उपजाये जानेवाले महुए की बहुतायत को देखते हुए मेलघाट में महुआ बैंक की स्थापना की, जो अपने आप में एक बेहद शानदार प्रकल्प रहा. जिसकी चर्चा अमरावती जिले सहित समूचे राज्य में रही. खास बात यह है कि, दो दिन पहले अपने पद से इस्तीफा दे चुके वैभव वाघमारे इस्तीफा देने के बाद अगले दिन यानी कल शुक्रवार 8 अप्रैल को टिटंबा में आयोजीत महुआ बैंक के कार्यक्रम में बाकायदा शामिल भी हुए थे और उनकी दिनचर्या भी बेहद सामान्य थी. ऐसे में उनके द्वारा इस्तीफा दिये जाने की जानकारी सामने आते ही हर कोई आश्चर्यचकित दिखाई दिया.
* माता-पिता है सेवानिवृत्त शिक्षक
पता चला है कि, आईएएस अधिकारी वैभव वाघमारे के माता-पिता सेवानिवृत्त शिक्षक है. जिन्हें सेवानिवृत्ती पश्चात पेन्शन प्राप्त होती है. वहीं 28 वर्षीय वैभव वाघमारे फिलहाल तक अविवाहित हैं, जिन्हें माता-पिता ने बडी मेहनत से पढा-लिखाकर काबिल बनाया. साथ ही साथ खुद वैभव वाघमारे ने पढाई-लिखाई में कठीन परिश्रम करते हुए आईएएस अधिकारी बनने का मुकाम हासिल किया था.
* पहले से अध्यात्मिकता की ओर रहा रूझान
जानकारी के मुताबिक वैभव वाघमारे की सामाजिक कामों में रूची रहने के साथ-साथ उनका रूझान पहले से ही अध्यात्मिकता की ओर भी रहा और वे तथागत भगवान गौतम बुध्द के प्रति काफी आस्था व श्रध्दा रखते है. अपने इस्तीफे की जानकारी भी फेसबुक पर साझा करते हुए वैभव वाघमारे ने उल्लेख किया है कि, यह कठीन फैसला लेने का साहस और प्रेरणा उन्हें तथागत से प्राप्त हुए है. इसके अलावा ऐसी ही किसी अध्यात्मिक सोच व विचार के तहत वैभव वाघमारे ने विगत वर्ष 14 जनवरी को फेसबुक पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा था कि, जीवन में कुछ बातें जीतनी कठीन लगती है, हकीकत में वे उतनी कठीन होती नहीं है. कल ऑफिस जाना है, इस बात की जरा भी फिक्र नहीं करते हुए आज मैंने घर पर खुद ही अपने हाथों से अपने बालों की कटींग की, जो कुछ अपने हाथ में है, वह बुरा नहीं है और जीवन में जो बातें बहुत मुश्किल लगती है, वह उसका एक शतांश भी मुश्किल नहीं होती. इसके साथ ही वैभव वाघमारे ने बेतरतीब ढंग से कटे हुए बालों के साथ अपनी फोटो शेयर की थी.
* सोशल मीडिया पर रहे काफी अधिक सक्रिय
उल्लेखनीय है कि, आईएएस अधिकारी बनने के बाद ही वैभव वाघमारे ने सोशल मीडिया साईटस् फेसबुक पर अपना अकाउंट खोला और पहली ही पोस्ट में अपने आईएएस अधिकारी बनने की जानकारी साझा की. इसके उपरांत उनकी तमाम पोस्ट उनके द्वारा किये जानेवाले कामों को लेकर ही रही. जिसमें उन्होंने अलग-अलग कामों को लेकर जानकारी साझा की. साथ ही साथ वैभव वाघमारे समय-समय पर निकलनेवाली सरकारी नौकरियों के बारे में भी अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये जानकारी साझा करते रहते थे, ताकि सरकारी नौकरी में आने इच्छूक युवाओं को इससे सहायता मिल सके.
* आयुक्त पीयूष सिंह व जिलाधीश पवनीत कौर ने दी थी समझाईश
ज्ञात हुआ है कि, वैभव वाघमारे द्वारा अकस्मात ही अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया गया, बल्कि वे करीब छह माह से अपनी नौकरी छोडने की मानसिकता में थे और उन्होंने इस बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों के तौर पर जिलाधीश पवनीत कौर व विभागीय आयुक्त पीयूष सिंह से भी बात की थी. जिसके पश्चात दोनों ही वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने इस युवा सहयोगी को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि अपने निर्णय पर अडिग रहनेवाले वैभव वाघमारे ने दो दिन पूर्व अपना इस्तीफा जिलाधीश पवनीत कौर के सुपुर्द कर दिया. जिन्होंने इसे आगे की कार्रवाई के लिए संभागीय राजस्व आयुक्त पीयूष सिंह के पास भेज दिया और आयुक्त पीयूष सिंह ने अपने अभिप्राय के साथ वाघमारे के त्यागपत्र को राज्य के मुख्य सचिव के पास रवाना किया है. जहां से यह त्यागपत्र केंद्रीय लोकसेवा आयोग अंतर्गत काम करनेवाली आईएएस कमेटी के पास भेजा जायेगा. पता चला है कि, किसी भी आईएएस अधिकारी द्वारा अपने सेवाकाल के दौरान त्यागपत्र दिये जाने पर आईएएस कमेटी मुख्य रूप से दो ही बातों पर ध्यान देती है कि, कहीं इस उधर पर किसी तरह की कोई रिकवरी तो नहीं निकलती और कहीं उस अधिकारी के खिलाफ किसी तरह की कोई जांच तो नहीं चल रही. चूंकि वैभव वाघमारे पर किसी तरह की कोई रिकवरी नहीं है और उनके खिलाफ किसी तरह की कोई जांच भी नहीं चल रही. ऐसे में पूरी उम्मीद है कि, आईएएस कमेटी द्वारा वैभव वाघमारे के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया जायेगा. जिसके बाद वैभव वाघमारे सरकारी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर सामाजिक कामों व अध्यात्म के रासते पर आगे बढ जायेंगे.