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जीतेंद्रनाथ महाराज की मातोश्री कुसुम लोमटे का वैकुंठगमन

अमरावती/दि.12 – पूज्य स्वामी जीतेंद्रनाथ महाराज की मातोश्री कुसुम दत्तात्रेय लोमटे का मंगलमय वैकुंठगमन आज सुबह 6.12 बजे हरीभजन संकीर्तन करते हुए निजानंद अवस्था में हुआ उनके श्रीनाथलोक प्रयाण की तिथि शनिवार चैत्र शुद्ध पूर्णिमा श्री हनुमान जयंती की रही. ग्रंथराज ज्ञानेश्वरी उन्हें कंठस्थ थी. श्रीमद् भागवत, रामायण तथा ग्रंथों का उनका अधिकार था. उनके द्वारा जीवनभर श्रीनाथपीठ श्री देवनाथ मठ की सेवा, अन्नदान, संत सेवा सहित अनन्य प्रकार की सेवा होती रही. श्रीनाथपीठ श्री देवनाथ मठ के पूर्वाचार्य समर्थ सद्गुरु श्री मनोहरनाथ स्वामी महाराज की वह अनुग्रहित शिष्या थी. उनके पीछे चार पुत्र व तीन पुत्रियों का भरापूरा परिवार है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यों को उनका जीवनभर आधार था. राष्ट्रसेविका समिति की वह कारंजा लाड में सक्रिय सेविका थी तथा अमरावती में राजापेठ विभाग की कार्यवाहिका के नाते कार्यरत थी. विश्व मांगल्य सभा को स्थापना के समय से उनका आशीर्वाद रहा. आज दोपहर 2 बजे छत्री तालाब रोड फरशी स्टाफ स्थित सुभाष कालोनी निवासस्थान से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई. उनके अंतिम दर्शनार्थ हजारों की संख्या में नागरिक उमड पडे थे. सभी ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

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