राणा लैंडमार्क में जब्त बहुमूल्य संपत्ति रिलिज
जिला न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला
* एड. जैन और एड. छाबडा की सफल पैरवी
अमरावती/दि.19– जिला न्यायाधीश क्रमांक 2 ए. एस. काजी ने आज दोपहर एक महत्वपूर्ण फैसले में राणा लैंडमार्क प्रकरण में सरकार व्दारा जब्त नागपुर की बहुमूल्य रोड टच संपत्ति को रिलिज करने के आदेश जारी किए. इस मामले में प्रसिद्ध अधिवक्ता अशोक जैन और एड. आर. ए. छाबडा ने याचिकाकर्ता थिरानी ट्रैडिंग कंपनी और डेकोर डेलकॉम कंपनी के संचालक सुनील और सुभाष अग्रवाल की तरफ से सफल पैरवी की. दिवानी मामलों में इस निर्णय को बडा फैसला बताया जा रहा है.
विस्तृत जानकारी के अनुसार्फेंर थिरानी कंपनी की स्थापना 1998 में हुई थी. कंपनी के संचालक सुभाष और सुनील अग्रवाल है. कलकत्ता निवासी अग्रवाल बंधुओं ने 2006 में भवन निर्माण क्षेत्र में कदम रखते हुए डेकार डेलकॉम नामक कंपनी की स्थापना कर संपत्ति लेन-देन का व्यवसाय शुरु किया. इन दोनों कंपनियों थिरानी तथा डेलकॉम ने मिलकर नागपुर के हिंगना एमआईडीसी के पास मौजे बनवाडी में 10 एकड जमीन खरीदी थी. अग्रवाल बंधुओं ने अपने स्थानीय कामकाज को देखरेख हेतु चंद्रशेखर राणा को अपनी फर्म में स्वतंत्र संचालक बनाया था. उन्हें कंपनी में कोई वित्तीय लेन-देन का अधिकार नहीं था.
चंद्रशेखर राणा और योगेश राणा ने 2011 में राणा लैंडमार्क कंपनी बनाई. जिसके विरुद्ध वर्ष 2014 में संपत्ती लेन-देन में हेराफेरी करने और निवेशकों के साथ धोखाधडी करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. उस समय राणा ने प्रॉपर्टी एक्पो भी लिया था. बहरहाल अपराध दर्ज होने के कारण राज्य सरकार के गृह विभाग ने 29 मार्च 2016 को अधिसूचना जारी कर राणा लैंडमार्क की सभी लगभग 70 से अधिक संपत्तियां जब्त कर ली थी. यह नियमानुसार अटैच अर्थात अस्थायी जब्ती थी. उसे शासन ने स्थायी करने के लिए जिला न्यायालय में अर्जी दी थी.
अग्रवाल बंधुओं की तरफ से अदालत में 4 अगस्त 2008 को आक्षेप लिया गया. कोर्ट में बताया गया कि नागपुर की उक्त जमीन का राणा लैंडमार्क से कोई लेनादेना नहीं है. जमीन जबरदस्ती अटैच की गई है. यह व्यक्तिगत न होकर कंपनी की संपत्ती थी. कोर्ट में पैरवी करते हुए एड. जैन और एड. आर. ए. छाबडा ने सरकार के उनकी नागपुर के बनवाडी स्थित 10 एकड की संपत्ती को अटैच करने के निर्णय पर आक्षेप लिया था. यह जमीन थिरानी ट्रैडिंग ओर डेकोर डेलकॉम व्दारा खरीदे जाने की जानकारी अदालत को दी. इस बारे में दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. 2016 से यह प्रकरण कोर्ट में चल रहा था. आज दोपहर 3 बजे न्यायाधीश ने अग्रवाल बंधुओं के आक्षेप को अलाउ कर दिया. लगभग 18 करोड की 10 एकड जमीन को कोर्ट ने रिलिज कर दिया. एड. जैन और एड. छाबडा ने यश प्राप्त किया.