अमरावती

श्रीकृष्ण गणेशोत्सव मंडल के पंडाल में विराजेगे वरदविनायक गणेश

श्रीकृष्ण पेठ में गणेशोत्सव की तैयारियां जोरो-शोरों से शुरु

अमरावती –  दि.22 श्रीकृष्ण पेठ स्थित श्रीकृष्ण गणेशोत्सव मंडल के पंडाल में गणेशोत्सव के दौरान वरदविनायक गणेश मंदिर की प्रतिकृति साकार की जाएगी. श्रीकृष्ण पेठ स्थित श्रीकृष्ण गणेशोत्सव मंडल का यह 63 वां साल है. इस साल महाड, रायगड के सुप्रसिद्ध श्री वरदविनायक गणेश मंदिर व मूर्ति की प्रतिकृति स्थापीत करने का निर्णय मंडल द्बारा लिया गया है. श्री वरदविनायक गणपति, अष्टविनायकों मेें से एक है. कोरोेना काल के पहले मंडल द्बारा अष्टविनायक में से 7 गणेश की मूर्ति व संपूर्ण भारतभर के गणपति मंदिरों की प्रतिकृति साकार की गई थी. जिसमेें मयूरेश्वर सिद्धविनायक, बल्लालेश्वर, श्री धुंदीविनायक, चिंतामणी, गिरजातमाल, विघ्नेश्वर, दगडूसेठ हलवाई गणपति मंदिर, गणपति पुडे, मोती डुंगरी जयपुर गणेश मंदिर की प्रतिमा साकारी जा चुकी है.
कोरोना महामारी के चलते अष्टविनायक की 8वीं और अंतिम प्रतिकृति साकार नहीं हो पायी थी. इसीलिए मंडल ने इस साल वरदविनायक की आखरी प्रतिकृति को साकार करने का निर्णय लिया है. 2 सालों में मंडल द्बारा गणेशोत्सव अत्यंत सादगी के साथ मनाया गया था और सादगी के साथ ही बाप्पा का विसर्जन भी किया गया था. परिसर के रहने वाले मिलिंद चिमोटे, कोमल बोथरा, पप्पु पडोले, धिरेंद्र अग्रवाल, डॉ. रविंद्र चोरडिया, प्रा. मंगेश गुडधे, संतोष अग्रवाल, बाबाजी बोबडे, मदन गादले हर साल गणेशोत्सव में सक्रिय रुप से सहभाग लेते है और मंडल को सहयोग देते है.
इस साल मंडल द्बारा पर्यावरण पूरक गणेशोत्सव मनाया जाएगा. जिसमें मिट्टी से बाप्पा की 4 फीट मूर्ति बनाई जाएगी. जिसे हूबहू वरदविनायक गणेश मूर्ति का स्वरुप दिया जाएगा. श्रीकृष्ण गणेशोत्सव मंडल की हमेशा कोशिश रहती है कि, वे भाविकों को देश के हर गणपति मंदिर के दर्शन अपने शहर में ही करवाए, इसलिए वे हर साल अच्छे से अच्छा डेकोरेशन कर हूबहू देश के स्थित गणेश मूर्तियों की प्रतिकृति साकारने की कोशिश करते है. मूर्ति निर्माण का कार्य गोपाल नगर निवासी अतुल जिराफे द्बारा किया जाता है. वे विगत 30 सालों से मंडल के लिए मूर्तियों का निर्माण कर रहे है. श्रीकृष्ण गणेशोत्सव मंडल के सलाहगार प्रा. मंगेश गुडधे ने बताया कि, श्रीकृष्ण पेठ के बुजूर्गोंं ने लोकामान्य तिलक से प्रेरणा लेकर इस मंडल की स्थापना 1960 मेें की थी.
परिसर के बुजूर्गों की सोच थी कि, ऐसे सार्वजनिक आयोजनों से समाज में एकता बढेगी और लोगों को मेल-मिलाप होगा तथा युवकों में भी अच्छा संस्कार आएगे और वे अपने धर्म और संस्कृति को अधिक करीब से जान पाएगे. मंडल की स्थापना के समय परिसर के चिमोटे, साहुरकर, पांढरीकर, डॉ. पडोले, देवराज बोथरा, सुधाकरराव रहाटगांवकर, गुडधे पाटील, धामोरीकर, आग्रवाल और तत्कालीन पार्षद बियानी ने अहम भूमिका निभाई थी. मंडल की स्थापना को 63 साल पूर्ण हो चुके है. मंडल का संचालन करने वाले लोग बदलते रहे लेकिन मंडल में गणेशोत्सव के दौरान बाप्पा की स्थापना की परंपरा आज तक कायम है.
इस साल गणेशोत्सव मंडल संचालन की जबाबदारी गोपाल झंवर निभा रहे है. गोपाल झंवर पेशे से सरकारी ठेकेदार है. यह मंडल शहर के सबसे पुराने मंडलों में से एक है. सेटअप के अनुसार मंडल के पंडाल की हाईट कम-ज्यादा होती रहती है. सिद्धि विनायक मंदिर की प्रतिकृति के समय पंडाल की उचाई 70 फीट थी, जब दगडूसेठ हलवाली गणपति की प्रतिकृति स्थापित की गई तब उचाई 55 फीट थी. इस साल पंडाल में वरदविनायक की प्रतिकृति स्थापित की जा रही है, जिसमें उचाई 40 फीट रहेगी. संपूर्ण सेटअप में सभा मंडप 60 बाय 30 का होगा. जिसका गर्भागृह 10 बाय 10 रहेगा. प्रतिकृति का संपूर्ण कार्य अकोला के डेकोरेटर मंगेश गीते द्बारा किया जा रहा है तथा भीतरी सजावट का कार्य स्थानीय डेकोरेटर मोहन आसोपा को सौंपा गया है.

अनेकों भाविकों की हुई मनोकामना पूर्ण
श्रीकृष्ण पेठ परिसर के नागरिकों का मानना है कि, गणेशोत्सव मंडल के पंडाल में विराजित श्री गणेश सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते है. अनेकों भाविकों की मनोकामनाएं यहां पूर्ण हुई है. परिसर में पूरे 10 दिन हर्षोल्लास के साथ गणेशोत्सव मनाया जाता है. दसों दिन भाविकों की भीड यहां बडी संख्या में दर्शन के लिए रहती है. गणेशोत्सव का संचालन करने 16 अगस्त को बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई. नई कार्यकारिणी के अध्यक्ष पद पर गोपाल झवंर, उपाध्यक्ष पद पर रोहण चिमोटे, आदित्य कोठारी, सचिव पद पर सुनिल अग्रवाल, सहसचिव पद पर श्रेणिक बोथरा, कोषाध्यक्ष पद पर गौरव लुनावत का चयन किया गया. वहीं कार्यकारिणी सदस्यों मेें अनुप शिरभाते, संतोष बोबडे, पंकज वासनकर, सिद्धार्थ बोथरा, रविंद्र सारडा, प्रसाद गुल्हाने, विवेकानंद गाजले, बालाजी बोबडे, उमेश वैद्य संजय दिक्षित का समावेश है तथा पूजा समिति में गोपाल बियाणी, विजय डागा, उमेश देवघरे, विजय गुल्हाने को शामिल किया गया. गणेशोत्सव के दौरान बडी संख्या में भाविक उपस्थित रहकर दर्शन का लाभ लें, ऐसा अनुरोध मंडल के पदाधिकारियों द्बारा किया गया.

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