श्रीकृष्ण पेठ मंडल में विधिवत विराजे वारासिद्धि विनायक
पूर्व पालकमंत्री डॉ. देशमुख ने सपत्नीक किया पूजन
* काले पाषाण से वारासिद्धि विनायक की हूबहू प्रतिकृति की गई है साकार
* मन्नत और सत्य के देव माने जाते हैं कानिपाकम स्थित वारासिद्धि गणपति
अमरावती/दि.20 – प्रतिवर्ष भगवान श्री गणेश से संबंधित किसी ऐतिहासिक व पौराणिक धार्मिक स्थल की हूबहू प्रतिकृति साकार करने की परंपरा रखने वाले श्रीकृष्ण पेठ स्थित श्रीकृष्ण गणेशोत्सव मंडल द्बारा इस वर्ष आंध्रप्रदेश के चित्तुर जिले में कानिपाकम स्थित चित्तुर से 11 किलो मीटर दूर व तिरुपति से 68 किलोमीटर दूर 11वें शतक के पूर्व स्थापित स्वयंभू श्री वारासिद्धि विनायक स्वामी की अति प्राचीन मूर्ति की हूबहू प्रतिकृति को साकार करते हुए स्थापित किया गया. विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती के इतिहास में पहली बार काले पाषाण से निर्मित गणेश प्रतिमा की स्थापना श्रीकृष्ण पेठ के गणेशोत्सव मंडल में की गयी है. गत रोज गणेश चतुर्थी पर्व पर गणेश स्थापना से पूर्व श्रीकृष्ण पेठ मंडल द्बारा भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. जिसके पश्चात पूर्व जिला पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख व उनकी पत्नी डॉ. सोनाली देशमुख ने विधि विधानपूर्वक पूजा अर्चना करते हुए श्रीकृष्ण पेठ मंडल के पंडाल में वारासिद्धि विनायक श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित की.
गत रोज गणेश स्थापना के अवसर पर श्रीकृष्ण पेठ मंडल के अध्यक्ष रोहन चिमोटे, उपाध्यक्ष सिद्धार्थ बोथरा, आशीष करवा, सत्यजीत रघुवंशी, सचिव आदित्य कोठारी, सहसचिव सिद्धार्थ दीक्षित, कोषाध्यक्ष गौरव लुनावत, कार्यकारिणी सदस्य राजेश डागा, अनिल राउत, रवींद्र सारडा, श्रेणिक बोथरा, उदित जडिया, लवेश विश्वकर्मा, अनुराग बोबडे, सागर जडिया, मुकेश गुप्ता, नोमित विश्वकर्मा, विपुल सावला, विकास गुल्हाने, सागर खंडेलवाल, सौरभ दीक्षित, चंद्रजीत पाचघरे, दुष्यंत चिमोटे, आनंद बजाज, गोपाल बियाणी, मुकुंद रहाटगांवकर, विजय डागा, गोपाल झंवर, सुनील अग्रवाल, उमेश देवघरे, मदन गाजले, अनंत तायवाडे, प्रा.मंगेश गुडधे, प्रा.अनूप शिरभाते, संतोष अग्रवाल, संजय दीक्षित, राजेश अग्रवाल (पेट्रोल पंप), संदीप भट्टड, गोपाल बजाज, पवन भूतडा, राजेश नांगलिया, मयूर श्रॉफ, ओमप्रकाश बजाज, केतन शाह, लता बोथरा, सुषमा सिकची, सौ. जाजू, गरिमा बोथरा, रुची बोथरा, मनोरमा बियाणी, डॉ. रीमा झंवर, शिल्पा अग्रवाल, श्वेता गुल्हाने, वृषाली वासनकर, उर्वशी चिमोटे, कोमल बोथरा, मिलिंद चिमोटे, वीरेंद्र धामोरीकर, विनोद पाचघरे, रमेश साबद्रा, अनिल कोठारी, सुनील पडोले, डॉ. संदीप दानखेडे, सोहन कलंत्री, मंगेश गुडधे, संतोष अग्रवाल, विजय डागा, सुरेश साबद्रा, सुदर्शन चोरडिया, विवेकानंद गाजले, संजीव चिमोटे, रमेश चांडक, अनूप शिरभाते, पराग वडनेरकर, नरेश सारडा, संजय जैन, विकास गुल्हाने, प्रदीप सिकची, अजय अग्रवाल, प्रफुल्ल सावला, केतन शाह, राजेश नागलिया, सुधीर श्रॉफ, संजय दीक्षित, राजेश खंडेलवाल, दुष्यंत चिमोटे, यश चोरडिया, व्यास, शशि चौधरी, सुनील पडोले, अनिल राउत, अक्षय कोठारी आदि सहित श्रीकृष्ण पेठ परिसर निवासी अनेकों गणमान्य नागरिक प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
* सत्य के हिमायती हैं वारासिद्धी विनायक
बता दें कि, आंध्र के चित्तुर जिले के कनिपक्कम के श्री वारासिद्धी विनायक स्वामी मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है. अनेक आख्यायिका प्रचलित हैं. जिसके अनुसार मंदिर में मूर्ति के सामने शपथ लेकर कई बडे विवाद सुलझाए जाते हैं. इस देव को सत्य का देव माना जाता है. यहां झूठ बिल्कुल भी नहीं चलता. मंदिर के कारण गांव पूरे भारत में प्रसिद्ध है. कानी का अर्थ गीली जमीन और पक्कम यानी बहता पानी. इसलिए इस जगह को कनिपक्कम कहा जाता है. यहां बहुदा नदी प्रवाहित है. उसी प्रकार तालाब भी है. यहां लोग अपने पापों की कबूली देते हैं. फिर स्नान पश्चात मंदिर में प्रवेश करते हैं. श्रीकृष्ण मंडल ने पहले भी अष्टविनायक सहित अनेक विनायक के दर्शन अमरावतीवासियों को करवाएं हैं.