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भारत बंद के समर्थन में विभिन्न संगठनों का कलेक्ट्रेट के सामने ठिया आंदोलन

सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी वर्गीकरण के निर्णय विरुध्द धरना प्रदर्शन

* आरक्षण बचाओ कृती समिती अमरावती जिला के कई विभिन्न संगठनों दिया समर्थन
अमरावती/दि.21 – सर्वोच्च न्यायालय व्दारा एससी-एसटी उप-वर्गीकरण ें व क्रिमीलेअर संदर्भ में निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को अनुमती दी है. यह निर्णय महाराष्ट्र में सरकार व्दारा लागू न किया जाए. इसके लिए आज देश की विभिन्न संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया था. जिसके चलते भारत बंद को समर्थन देते हुए आरक्षण बचाओ कृती समिती अमरावती जिला सहित अनेक संगठनों के साथ मिलकर आज जिलाधिकारी कार्यालय के साथ धरना आंदोलन कर सर्वोच्च न्यायलय के निर्णय का विरोध किया. आंदोलन के चलते आज पुलिस विभाग व्दारा जिलाधिकारी कार्यालय सहित अनेक चौक-चौराहों पर कडा पुलिस बंदोबस्त रखा गया था. वही शहर के सभी व्यापारी संकुलों सहित छोटे-बडे प्रतिष्ठान खुले नजर आए.
जिलाधिकारी कार्यालय के सामने बैठे धरना प्रदर्शनकारियों का कहना था कि भारतीय संविधान की कलम 341 व 342 के अनुसार एससी/एसटी आरक्षण देने की मांग का मुख्य उद्देश्य सिर्फ नौकरी देने के लिए ही मर्यादित नहीं है. इस गट का सरकारी सेवा में प्रतिनिधित्व बढाने, सामाजिक व शैक्षमिक उत्थान कर समाज में उनके लिए जगह स्थापित करने इसके पीछे का हेतु है. इस गट में एक या अधिक जाति का समावेश करने के संदर्भ में अधिकार राष्ट्रपती व संसद को दिया गया है. सर्वोच्च न्यायालय व्दारा 1 अगस्त को इस संदर्भ में परिणाम दिया गया. इस परिणाम से एससी व एसटी आरक्षण में उप-वर्गीकरण व क्रिमीलेअर की राज्य को अनुमती दी है. सभी राज्यों में एसटी, एससी के लिए अलग अलग आरक्षण है. जिसके कारण केंद्रीय स्तर पर अलग व राज्य स्तर पर अलग ऐसी परिस्थिती निर्माण हो सकती है. जिसके कारण ऐसा मालूम पडता है कि एक जाती समूह को आरक्षण से वंचित रखने का षडयंत्र किया जा रहा है. ऐसा आरोप भी धरना प्रदर्शनकारियों ने लगाया.
इस आंदोलन में सर्वोच्च न्यायाल व्दारा दिए गए एससी-एसटी उप-वर्गीकरण संदर्भ में व क्रिमीलेअर संदर्भ में निर्णय को राज्य में लागू न करने की मांग की गई. इस आंदोलन में रिपाई इंडिया के रविकांत गवई, आजाद समाज पार्टी प्रदेश प्रवक्ता किरण गुडधे, राहुल मेश्राम, मनीष साठे, जे. एम. गोंडाने, रमेश आठवले, महेन्द्र गायकवाड, सिध्दार्थ भोजने, सागर भवते, बी. आर. धाकडे, आर. एस. हजारे, प्रशांत डांगे, अशोक सोनोने, ज्योती भोगले, वंदना ढाणके, सुनंदा नागदिवे, कल्पना, खंडारे, प्रमिता इंगोेले, मिनीक्षी मनवरे, नंदिनी ढोणे, नलिनी भोगे, जयश्री कढाणे, शिवकला गवई, सत्यफुला गावंडे, ज्याती मेश्राम, वंदना भरडे, नलिनी पोपकर, अमिता टोकसे, मयुरी भगत, प्रदिप मोहोड, बाबाराव गायवाड, आनंद इंगले, सुरेश तायडे, प्रमोद राऊत, बबलु रामटेके, विजय डोंगरे, प्रफुल्ल मिल, मोहन दंडाले, सुनील मेश्राम व आरक्षण बचाओ कृती समिती सहित कई राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने सहभाग लिया.

11 सितंबर को कडक बंद का ऐलान
इस समय जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे धरनाकर्ताओें व्दारा कहा गया कि अगर सर्वोच्च न्यायालय अपने निर्णय को वापस नहीं लेती है तो अभी सिर्फ बंद को समर्थन करते हुए धरना ही दिया जा रहा है. आने वाली 11 सितंबर को कडक भारत बंद कर अपना निषेध जताने की बात इस समय प्रदर्शनकारियों व्दारा की गई.

राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस ने दिया समर्थन
आरक्षण बचाओं कृती समिती व्दारा आज जिलाधिकारी कार्यालय पर शुरू धरना प्रदर्शन के समय राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार गुट की महिला जिलाध्यक्ष संगीता ठाकरे ने अपनी महिला पदाधिकारियों के साथ धरना आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि हम सभी आपके साथ है. इस लडाई को लडने के लिए अगर मुंबई तक जाना पडे तो हम तैयार है.


बीएसपी ने किया जिलाधिकारी कार्यालय के प्रवेश व्दार पर प्रदर्शन
अनूसूचित जाती-जमाती के वर्गीकरण व उनको क्रीमिलेयर लगाने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट व्दारा दिए गए 1 अगस्त को संविधान विरोधी निर्णय रद्द करने के लिए संसद में विशेष अधिवेशन बुलाने व आरक्षण को भारतीय संविधान के नववे अनुसूचित में डालने की मांग को लेकर आज जिलाधिकारी कार्यालय के मुख्य व्दारा पर बहुजन समाज पार्टी व्दारा निषेधार्थ आंदोलन किया गया. इस समय अजय गोंडाणे, रामभाऊ पाटील, भगवान लोणारे, अनंत लांजेवार, किरण सहारे, सुदाम बोरकर, सुरेन्द्र वासनिक, अमरदीप सोनोने,सचिन वैद्य, रमेश नागदिवे, दिपक पाटील, भगवान गोसावी, वसंतराव धंदर, विजय डोंगरे, प्रशांत पाटील, निलेश बनसोड, राष्ट्रपाल ढवरे सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थिती में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के निषेध में जोरदार नारे बाजी की गई.

पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी ने सौंपा निवेदन
सर्वोच्च न्यायालय व्दारा एससी-एसटी उप-वर्गीकरण ें व क्रिमीलेअर संदर्भ में निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को अनुमती दी है. यह निर्णय महाराष्ट्र में सरकार व्दारा लागू न किया जाए. इसकी मांग का निवेदन पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी व्दारा जिलाधिकारी के मार्फत देश के प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी को भेजी गई. इस समय चरणदास इंगोले, एड. दीपक आकोडे, वासुदेव सामटकर, बुध्ददास इंगोले, भास्कर वरालकर, चंद्रकांत गुल्हाणे, प्रदीप ढेंबरे, सुरेश बहादुरे, श्रीकृष्ण शेंडे, साहेबराव वानखडे, सुनिल इंगोले सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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