संत सद्गुरु सदाराम महाराज समाधि समारोह पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम

श्री रुख्मिणी संस्थान कौंडण्यपुर में आयोजन

तिवसा/दि.11-श्री रुख्मिणी संस्थान श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर में श्री संत सद्गुरू सदाराम महाराज समाधि समारोह निमित्त विविध धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हुए. सर्वप्रथम तीर्थस्थापना की गई. हभप तिडके महाराज ने श्री सदाराम महाराज की पोथी का पारायण किया. इसके पश्चात अध्यक्ष नामदेवराव अमालकर, सचिव सदानंद साधू, विश्वस्त अतुल ठाकरे ने समाधि का अभिषेक किया. कार्यक्रम दौरान स्थानीय वारकरी भजन भी प्रस्तुत किया गया. हभप तिडके महाराज व स्थानीय वारकरियों का अध्यक्ष, सचिव, विश्वस्त ने शाल व श्रीफल देकर सत्कार किया. अतुल ठाकरे ने महाप्रसाद का आयोजन किया था. आरती के पश्चात महाप्रसाद से उत्सव का समापन हुआ. इस अवसर पर व्यवस्थापक कपिल गावंडे व वारकरी बडी संख्या में उपस्थित थे.
वर्तमान में शुरु महाराष्ट्र की प्रथम पालकी व विदर्भ की एकमात्र सम्मानित पालकी 1594 में संत सदगुरू सदाराम महाराज ने शुरु की थी. महाराज वृद्ध हुए तब स्वयं पांडुरंग ने उनसे प्रत्यक्ष भेंट कर दर्शन दिए और यह वचन दिया कि, अब आप पंढरपुर नहीं सकते इसलिए मैं स्वयं श्री क्षेत्र कौडण्यपुर में डेढ दिन तक मुक्काम कर आपसे भेंट करुंगा. इतनाही नहीं स्मरण के रूप में श्री विठ्ठल रुख्मिणी की प्रतिमा भेंट दी. यह प्रतिमा आज भी संत सदगुरू सदाराम महाराज के वंशजों के पास श्री क्षेत्र कारंजा में है. तबसे आषाढी व कार्तिक प्रतिपदा को पंढरीश पांडुरंग श्री क्षेत्र कौंडण्यपूर विदर्भ में मुक्काम करते है, ऐसी भक्तों की श्रद्धा है. इस दिन यहां बडी सयचा लगती है. तथा दहीहांडी का उत्सव मनाया जाता है. श्री संत सदगुरू महाराज ने ज्येष्ठ शुद्ध त्रयोदशी के दिन समाधि ली थी, तबसे यहां विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

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