* मध्य प्रदेश सीमा पर अश्मयुगीन चित्रगुहा
अमरावती/दि.25- अमरावती से 80 किमी दूर सतपुडा पर्वत श्रृंखला में इतिहास के अध्ययनकर्ताओं ने पुरातन शिवलिंग खोज निकाला है. यह शिवलिंग वैदिक काल से पूर्व का होने का दावा किया गया है. अमरावती के वरिष्ठ संशोधक डॉ. वी.टी. इंगोले के नेतृत्व वाले दल ने यह खोज की और महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश सीमा पर पहले ही इस दल ने अश्मयुगीन चित्रमय गुफाओं को खोज निकाला था. अब आगे इनकी खोज से इस बात को बल मिलता है कि, सतपुडा की पहाडियों में लगभग 35 हजार साल पहले एक सभ्यता बसती थी. डॉ. इंगोले के साथ इस दल में वन्यजीव लेखक प्र.सू. विरुलकर, पद्माकर लाड, कुमार पाटिल, डॉ. मनोहर खोडे शामिल है. ज्ञानेश्वर दमाहे भी इस खोजी दल के सदस्य रहे हैं. वे अब दुनिया में नहीं हैं.
डॉ. इंगोले ने बताया कि, दोनों राज्यों की सीमा के परिसर में अनेक गुफाएं है जहां चित्र अंकित है. ऐसी ही एक गुफा में शिवलिंग मिला है. यह नैसर्गिक स्वरुप का लगभग 20 फीट ऊंचा शिवलिंग है. इसे वैदिक पूर्व समय का बताया जा रहा है.
डॉ. इंगोले ने बताया कि, अध्ययन के दौरान उनके दल को 2012 में ही शिवलिंग नजर आया था. किंतु लोगों को बताने से इस जगह और शिवलिंग का नुकसान हो सकता है, यह सोचकर शिवलिंग की बात अब तक उजागर नहीं की गई थी. शिवलिंग पर लाल रंग मिला है. इससे स्पष्ट है कि, पूजा की जाती रही होगी. डॉ. इंगोले ने कहा कि, इस स्थान पर पहुचंनेवाले वे लोग पहले हैं.
उन्होंने बताया कि, इसी चित्रमय गुफा के पत्थरों पर कालभैरव के नृत्य करते चित्र भी रेखांकित है. उसी के पास शैल गुफा में सफेद रंग में ‘ओम’ अंकित है. उन्होंने अपेक्षा जताई कि इस स्थान का और गहन अध्ययन तथा व्यापक होना चाहिए.
* 35 हजार वर्ष पूर्व का शहामृग चित्र
डॉ. वी.टी. इंगोले के टीम ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर अश्मयुगीन चित्रगुफा को खोज निकला है. इस परिसर में मुंगसादेव नाम की चित्रगुफा में शहामृग पक्षी का चित्र मिला है. डॉ. इंगोले ने चित्रों का अध्ययन कर शोधनिबंध प्रस्तुत किया है. चित्रगुहा के चित्र 35 हजार वर्ष पुरातन हो सकते है, इस बात की पुष्टि अनेक संशोधक कर रहे हैं. भारत में उस समय की अश्मयुगीन मानवी सभ्यता की यह सबसे बडी तथा प्राचीन बस्ती हो सकती है. इस क्षेत्र में अश्मयुगीन, कांस्ययुगीन बस्तियां रहने के संकेत मिले है. उकेरी हुई और गेरु तथा पांडू अर्थात सफेद रंग के चित्र यहां है.