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सांसद बोंडे को वीर जीवा महाले पुरस्कार

पुणे में हुआ सम्मान

* फिर बोले लव जेहाद पर
अमरावती/दि.1- राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता डॉ. अनिल बोंडे को आज पुणे में शिवप्रतापगड उत्सव समिति की ओर से हिंदवी स्वराज्य भूषण वीर जीवा महाले सम्मान दिया गया. शिव तपस्वी सु.ह.जोशी के हस्ते डॉ. बोंडे का गौरव किया गया. इस समय मुख्य अतिथि के रुप में विहिप के महामंत्री शंकरराव गायकर, मिलिंद एकबोटे, डॉ. नंदकिशोर एकबोटे, पूर्व सैनिक संदीप इंदलकर, प्रकाश बोडके, एड. किरण झिंजुरके, राम कुंभार आदि उपस्थित थे.
इस मौके पर अपने संबोधन में डॉ. बोंडे ने कहा कि, छत्रपति के दौर में लडाई अलग थी. उन्होंने गनिमी कावा से वह जीती. आज हिंदू समाज पर हो रहे आक्रमण से यह लडाई अलग-अलग मार्ग से शुरु हैं. लव जेहाद के अलावा हिंदू समाज में फूट डालने के माध्यम से होने वाली लडाईयां हैं. हिंदूओं को चाहिए कि वे अपने दोनो नेत्र खोलकर समाज में क्या चालू है, यह देखना चाहिए. हिंदुओं को जागने में काफी समय लगता हैं. उन्हें बार-बार हिलाना पडता हैं. अबू आजमी कहता है कि हमारे बच्चे अच्छा वर्तन करते हैं, इसलिए हमारी लडकियां उनके प्रेम में पडती हैं. इन लडकियों के समुपदेशन की आवश्कयता हैं. बोंडे ने सवाल उठाया कि क्या हिंदू समाज पहल करेगा. बोंडे ने मेलघाट की आदिवासी बच्ची की लव जेहाद के माध्यम से हुई धोखेबाजी तथा हत्या का मार्मिक वर्णन बतलाया. डॉ. बोंडे ने कहा कि, जो कानून हम पर है, वहीं सभी समाज पर भी लागू होने चाहिए. इसलिए देश में शीघ्र से शीघ्र समान नागरी कायदा लागू होना चाहिए. बोंडे ने कहा कि, एक भाषण से यह लडाई न शुरु होगी और न ही खत्म. शिवाजी महाराज ने अबजल खान की अंतडियां बाहर निकाल दी थी. उस दौर में दशहतवाद खत्म करने की यह कृति थी. महाराज के उस समय के वीरों की उंगलियों के नख के भी पात्रतता नहीं हैं. हमारी तुलना हो ही नहीं सकती. उन्होंने आज के पुरस्कार को जीवन के बडे आनंद का क्षण बताया.

 

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