कबाड अवस्था में पडे है करोडों के वाहन, नीलामी की प्रतीक्षा

परतवाड़ा वनविभाग कार्यालय में खडे हैं यह वाहन

अचलपुर /दि.23– अमरावती वन विभाग अंतर्गत परतवाड़ा स्थित वनपरिक्षेत्र अधिकारी (क्षेत्रीय कार्यालय परिसर में बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के वाहन धूल खाते हुए पड़े हैं. उक्त वाहनों को कुछ वर्ष पूर्व वन रेंज अधिकारी कार्यालय द्वारा एक अभियान के तहत जब्त कर लिया गया था. वाहनों को कार्यालय परिसर में खड़ा कर दिया गया था. कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या करोड़ों रुपए मूल्य के उक्त वाहनों का वन विभाग द्वारा नियमित ऑडिट किया जाता है, तथा क्या जब्त किए गए वाहनों को उनके मूल मालिकों को लौटाया जाता है या अदालती फैसले के बाद नीलाम कर दिया जाता है. आरटीओ द्वारा मूल्यांकन करने के बाद वाहनों की नीलामी करने की जानकारी वन विभाग के सूत्रों ने दी है.
क्षेत्रीय वन अधिकारी का कार्यालय परतवाड़ा में टिम्बर डिपो क्षेत्र में स्थित है. वन विभाग का एक बहुत बड़ा भौगोलिक क्षेत्र इस कार्यालय के अंतर्गत आता है. सरकार ने वन रेंज अधिकारियों को बड़ी संख्या में मानव बल उपलब्ध कराया है. कार्यालय के पास विभिन्न प्रकार की वृक्ष प्रजातियों की सुरक्षा, वृक्ष लगाना और उनका संरक्षण करना, वृक्षों की कटाई पर नियंत्रण करना, वृक्ष तस्करों के विरुद्ध कानून के तहत कार्रवाई करना, जंगली जानवरों की सुरक्षा करना, जंगली जानवरों से नागरिकों की सुरक्षा करना, जंगली जानवरों द्वारा किसानों को पहुंचाई गई क्षति के लिए मुआवजा देना, आरोपियों की वन हिरासत और इस संबंध में अदालती मामलों का संचालन करना, वन रेंज अधिकारियों द्वारा आवश्यक समझे जाने पर ही वृक्षों की कटाई की अनुमति देना अथवा नहीं देना, फलों के पेडों की सुरक्षा करना और जब्त माल की नीलामी जैसी अनेक जिम्मेदारी निभानी पडती है. इस कार्यालय के दल ने तस्करों द्वारा अवैध रुप से वृक्ष की कटाई कर ले जाते समय सैकडों वाहन जब्त किये है. इसमें ट्रैक्टर, टाटा सुमो, कार, ट्रक और दुपहिया वाहनों का समावेश है. वनविभाग की प्राथमिक जिम्मेदारी जब्त वाहनों की सुरक्षा करना है, लेकिन जब्त वाहन को वनविभाग परिसर में जहां भी जगह उपलब्ध है, वहां खडा कर दिया गया है. अनेक दिनों से खडे वाहन धूप, छांव व बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गये है. कुछ वाहन कबाड अवस्था में है. करोडों के जब्त किये गये वाहनों की वनविभाग के पास ऑडिट की कोई व्यवस्था नहीं है. यदि वनविभाग के पास ऐसी कोई व्यवस्था उपलब्ध है, तो सवाल यह भी उठ रहा है कि, इन सभी वाहनों की ऐसी अवस्था क्यों हुई है.

* ‘वह’ चर्चा का विषय बन गई
वाहनों की उसी कतार में एक महंगी जायलो कार भी धूल खाती खड़ी है. कार की नंबर प्लेट से पता चलता है कि यह मध्य प्रदेश की है. कार की पिछली खिड़की पर अंग्रेजी में ’कमल’ और ’बीजेपी’ लिखा हुआ है.

* आरटीओ को दी जानकारी
आरटीओ को इस बारे में जानकारी दी गई है. उनके माध्यम से वाहनों का मूल्यांकन करने के बाद सरकार जमा इन वाहनों की नीलामी की जाएगी.
– डी. एच. वाडके,
वन परिक्षेत्र अधिकारी (प्रादेशिक),
परतवाडा.

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