उपमुख्यमंत्री पवार व राज्यमंत्री कडू के बीच शाब्दिक विवाद
राज्यमंत्री बच्चू कडू ने निधि को लेकर जताई नाराजगी
अमरावती प्रतिनिधि/दि.९ – जिले के दौरे पर आये राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राज्यमंत्री तथा अकोला जिले के पालकमंत्री बच्चू कडू के बीच अमरावती संभाग की वार्षिक नियोजन बैठक में निधि की मांगों को लेकर शाब्दिक विवाद हुआ जिसमें अकोला जिले के लिए उपमुख्यमंत्री द्बारा थोडी सी निधि बढा देने के पश्चात विभाग खत्म हुआ. किंतु फिर भी राज्यमंत्री बच्चू कडू ने निधि को लेकर अपनी नाराजी जताई.
अमरावती संभाग की वार्षिक नियोजन की बैठक का आयोजन सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय के नियोजन भवन में किया गया था. इस समय बैठक में जनप्रतिनिधों की मांग को ध्यान में रखकर अमरावती जिले के लिए 300 करोड रुपए का प्रावधान किया गया था. साथ ही यवतमाल जिले के लिए 325 करोड, बुलढाणा के लिए 295 करोड, वाशिम जिले के लिए 185 करोड व अकोला के लिए 185 करोड की निधि का प्रावधान किया गया. निधि को लेकर अकोला जिले के पालकमंत्री बच्चू कडू ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, मैं सरकार में हूं इसलिए कुछ बोल नहीं सकता. विदर्भ का अनुशेष पूर्ण करने के लिए मैंने अधिक निधि की मांग की थी. किंतु निधि बढाकर नहीं दिया गया. हम निधि बढाने के लिए प्रयास करेंगे. ऐसी प्रतिक्रिया बच्चू कडू ने व्यक्त की.
इस समय राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उपस्थित पत्रकारों को बातचीत के दौरान बताया कि, संभाग के सभी पांच जिलों को प्रावधान से ज्यादा निधि दी गई है. अकोल जिले के लिए 165 करोड रुपए का प्रावधान किया गया था. लेकिन 185 करोड रुपए की निध दी गई है. इसके अलावा अमरावती का प्रावधान 285 करोड से 300 करोड, यवतमाल के लिए 310 से 325 करोड रुपए, बुलढाणा जिले के लिए 285 से 295 करोड, जबकि वाशिम जिले के लिए 140 करोड से 185 करोड रुपए तक प्रावधान बढाया गया है. वाशिम जिला यह पिछडे जिले में समाविष्ट रहने की वजह से निधि बढाकर दिया है. ऐसा राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पत्रकारों को बातचीत में बताया और कहा कि, निधि वितरण के संदर्भ में किसी प्रकार की नाराजगी नहीं है. ऐसे संकेत उन्होंने दिये.