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वेरूलकर पति-पत्नी को मिली अग्रीम जमानत

संपत्ति के फर्जी दस्तावेज पेश करने के मामले में हुए थे नामजद

अमरावती/दि.13– स्थानीय अडगुलवार बिल्डर्स एन्ड डेवलपर्स द्वारा साकार की गई रघुनंदन आर्केड नामक इमारत में फ्लैट क्रमांक 103 (बिल्टअप एरिया 70.77 चौ. मी.) की मिल्कीयत रहनेवाले योगीराज पुंडलीक वेरूलकर तथा उनकी पत्नी साधना योगीराज वेरूलकर सहित सतीश सुरेशराव अडगुलवार नामक बिल्डर के खिलाफ संपत्ति के निर्माण से संबंधित दस्तावेजों पर मनपा के सहायक संचालक, नगर रचना के फर्जी हस्ताक्षर व मूहर रहने और इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फ्लैट की खरीदी-बिक्री के व्यवहार का पंजीयन करवाने को लेकर मामला दर्ज किया गया था. ऐसे में अपने खिलाफ दर्ज धोखाधडी व जालसाजी के मामले में गिरफ्तारी से बचने हेतु साधना व योगीराज वेरूलकर ने स्थानीय अदालत के समक्ष अग्रिम जमानत प्राप्त करने हेतु याचिका दायर की थी. इस पर हुई सुनवाई के बाद अदालत ने वेरूलकर पति-पत्नी को अग्रिम जमानत देना मंजुर किया. इस मामले में वेरूलकर दम्पति की ओर से एड. अनिल विश्वकर्मा ने सफल युक्तिवाद किया.
इस समय अदालत को बताया गया कि, वेरूलकर पति-पत्नी तो खुद ठगबाजी व धोखाधडी का शिकार हुए है. क्योंकि उन्होंने बिल्डर द्वारा दिये गये दस्तावेजों पर भरोसा रखते हुए खरीदी-विक्री के व्यवहार को पूरा किया और बिल्डर को फ्लैट की रकम का भुगतान किया. वहीं अडगुलवार बिल्डर के संचालक सतीश अडगुलवार ने फर्जी मूहर व हस्ताक्षरों के जरिये प्रॉपटी के फर्जी दस्तावेज बनाते हुए राज्य सरकार के साथ-साथ वेरूलकर दम्पति से जालसाजी व धोखाधडी की है और इसमें वेरूलकर दम्पति का कोई कसूर नहीं है.

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