अमरावती में विहिप के नहीं है कोई अध्यक्ष
वर्ष भर पहले कार्यमुक्त हो चुके हैं दिनेश सिंह

* जून की बैठक में नये नाम पर विचार !
* केवल वॉट्सअॅप पर व्यक्त होते हैं पदाधिकारी
अमरावती/ दि. 23- कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर हुए भीषण आतंकी हमले से जहां समस्त भारतवर्ष में हिन्दू समुदाय आक्रोशित हो उठा है. वहीं अमरावती में हिन्दूओं का बडा संगठन विश्व हिन्दू परिषद अध्यक्ष विहीन होने का खुलासा आज हुआ. जब प्रस्तुत समाचार पत्र ने विहिप के अध्यक्ष की पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया और प्रदर्शन के बारे में पूछना चाहा. विहिप के पदाधिकारियों ने बताया कि दिनेश सिंह के दायित्व मुक्त होने के बाद नये अध्यक्ष का चयन अभी तक नहीं किया गया है. जबकि सिंह को पदमुक्त हुए वर्ष बीत गया है.
जून की बैठक में होगा तय
विहिप पदाधिकारियों ने बताया कि नये अध्यक्ष के चयन हेतु अर्धवार्षिक बैठक में निर्णय हो सकता है. यह अर्धवार्षिक बैठक आगामी जून माह में होनी है. अभी तारीख तय नहीं है. विश्व हिन्दू परिषद को स्थापित हुए 6 दशक से अधिक समय बीत गया है. ऐसे में अमरावती संभाग मुख्यालय में विहिप का कोई मुखिया नहीं होना आश्चर्यजनक बताया जा रहा है.
* पहलगाम हमले से सभी आहत
पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 32 पर्यटकों के मारे जाने पर अमरावती में भी अनेक ने गहरा दु:ख और अनेक ने आक्रोश व्यक्त किया. तथापि वॉटसअॅप पर ही लोग अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं. नेतृत्व के अभाव में पदाधिकारियों को पक्के निर्देश नहीं होने से सडकों पर उतरकर प्रदर्शन नहीं हो रहे हैं. इस बारे में विहिप पदाधिकारी से अमरावती मंडल ने बात की तो उन्होंने कहा कि अभी उपर से निर्देश नहीं आए हैं. निर्देश आने पर प्रदर्शन या निवेदन किया जायेगा.
लोगों ने व्यक्त किया अचरज
अमरावती महानगर में विश्व हिन्दू परिषद का पूरे वर्ष से कोई मुखिया नहीं होना, इस बात पर अनेक ने हैरानी व्यक्त की. कुछ लोगों ने इस बात को अविश्वसनीय बताया. उन्होनेे अमरावती मंडल से बोलते हुए कहा कि ऐसा हो ही नहीं सकता. इस बारे में निवर्तमान अध्यक्ष दिनेश सिंह से संपर्क नहीं हो पाया. गत 1 वर्ष से विहिप का अमरावती में कोई अध्यक्ष नहीं है. ऐसे में राम नवमी का उत्सव एवं शोभायात्रा का आयोजन पदाधिकारियों ने संयोजक नियुक्त कर पारंपरिक नामों के साथ व सहयोग से पूर्ण किया है. बता दें कि बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिन्दुओं पर हो रहे हमले और अत्याचार के विरोध में पिछले सप्ताह राष्ट्रपति के नाम निवेदन जिलाधीश को सौंपा गया था. जिसमें पश्चिम बंगाल में ममता बैनर्जी सरकार हटाकर दिल्ली शासन लागू करने की मांग की गई थी.