विद्यापीठ से समरस नहीं तो कुलगुरु अपने पद का त्याग करें
विद्यापीठ प्रबंधन समिति के प्रा. दिनेश सूर्यवंशी ने कहा
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२६ – जो व्यक्ति विद्यापीठ को खुद को समरस नहीं मानता ऐसे कुलगुरु को अपने पद से राजीनामा दे देना चाहिए. ऐसा सुझाव संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के व्यवस्थापकीय समिति सदस्य प्रा. दिनेश सूर्यवंशी ने पत्रकार परिषद में कहा. प्रा. सूर्यवंशी ने पत्रकारों से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत अंतिम वर्ष की परीक्षा का नियोजन किया गया. परीक्षा नियोजन से लेकर उसे सफलता पूर्वक पूर्ण करने की जवाबदारी प्र. कुलगुरु की है.
किंतु वे अपनी जिम्मेदारी बखूबी नहीं निभा पाए. परीक्षा का पूरा भार परीक्षा मूल्यमापन समिति के संचालक हेमंत देशमुख पर डालकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोडने वाले कुलगुरु खुद का बाहर का बताकर विपरीत परिस्थितियों मेंं खुद को बचान की कोशिश कर रहे है. जो व्यक्ति विद्यापीठ से खुद को समरस नहीं मनता उस व्यक्ति ने पद को त्यागना ही बेहतर है. ऐसा प्रा. दिनेश सूर्यवंशी ने पत्रकार परिषद में कहा.
प्रा. दिनेश सूर्यवंशी ने पत्रकारों को बताया कि कुलगुरु हमेशा ही नियमों का उल्लंघन कर प्रशासकीय कामकाज करते आए है. परीक्षा को लेकर गठित समिति को केवल प्रोमार्क कंपनी ने स्लाइड शो के जरिए डेमो दिया था. डेमों के आधार पर कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई. जबकि कुुलगुरु के नाते डॉ. मुरलीधर चांदेकर ने अपनी कंपनी के काम की गुणवत्ता को एक बार फिर जांचने का प्रयास नहीं किया.
जो सरकारी संस्थाए जैसे यूजीसी, एमपीएससी इस प्रकार की अॅानलाइन परीक्षा लेती है. इन संस्थाओं से संपर्क कर कंपनी को ऑनलाइन परीक्षा लेने में सहायता करनी चहिए थी. किंतु कुलगुरु ने इस विषय पर भी ध्यान देना उचित नहीं समझा. विद्यापीठ कानून के तहत अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट नहीं किया जा सकता है. जिससे उनकी डिग्री को वैद्यता प्राप्त नहीं होती इसलिए अंतिम वर्ष के विद्यार्थी की परीक्षा लेना अनिवार्य है.
लेकिन इस नियम का पालन करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशन पर अमल करने अकादमी कांउसील ने महाविद्यालय स्तर पर परीक्षा लेने के निर्देश जारी किए है यह अनुचित है. कुलगुरु ने इस मामले पर हुई गलती को स्वीकार कर कुलपति व राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी को पत्र भेज परीक्षा के लिए समय मांगना चाहिए. अन्यथा अपना पद त्याग देना चाहिए ऐसा उन्होंने पत्रकार परिषद में कहा.