अमरावती

पीडित व प्रताडित 104 महिलाओं को मिला ‘सखी’ का आधार

महिलाओं को कानूनी मदद व मार्गदर्शन की सुविधा उपलब्ध

* महिलाओं के बच्चों को शिक्षा भी कराई जा रही मुहैया
अमरावती/दि.8 – लैंगिक अत्याचार, पारिवारिक कलह व अन्य विविध अत्याचारों से पीडित व संकटग्रस्त महिलाओं को आधार देने हेतु ‘सखी’ संकटग्रस्त महिला आधार केंद्र की तरह से संजीवनी साबित हो रहा है. जिला स्त्री अस्पताल परिसर में रहने वाली इस आधार केंद्र में जनवरी से जुलाई तक 7 माह की कालावधी के दौरान 104 पीडित व संकटग्रस्त महिलाओं को आधार मिला. इन महिलाओं को समाज में दुबारा सम्मान के साथ जिने के लिए तथा उन्हें अपने पैरों पर खडा करने के लिए समुपदेशन व कानूनी मदद भी उपलब्ध कराई जाती है. साथ ही ऐसी महिलाओं के बच्चों को पढाई-लिखाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है.
उल्लेखनीय है कि, समूचे देश को हिला देने वाले निर्भयाकांड के बाद सरकार द्बारा महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से कई उपाय योजनाएं चलाई जा रही है. जिसमें केंद्र सरकार पुरस्कृत एवं महाराष्ट्र सरकार तथा जिला महिला व बालविकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संकटग्रस्त महिलाओं को एक ही छत के नीचे समूपदेशन, वैद्यकीय मदद, कानूनी मदद, पुलिस मदद व अस्थायी निवास जैसी सुविधाएं ‘सखी’ संकटग्रस्त महिला आधार केंद्र के जरिए उपलब्ध कराई जाती है. किसी भी तरह के हिंसाचार व अत्याचार का शिकार होने वाली पीडित व दुखी महिलाओं को आधार देने का काम इस केंद्र के जरिए किया जाता है.
अमरावती जिले में महिला व बालविकास विभाग द्बारा वर्ष 2017 से यह योजना चलाई जा रही है. जिसके तहत अब तक 285 महिलाओं को इस केंद्र के जरिए सहायता प्रदान की गई. वहीं जारी वर्ष 2023 में जनवरी से जुलाई तक 7 माह के दौरान 104 पीडित महिलाओं को इस केंद्र ने आधार दिया है. संकटग्रस्त महिलाओं को इस केंद्र की जानकारी हो. इस बात के मद्देनजर सरकारी स्तर पर आवश्यक जनजागृति भी की जाती है. इस केंद्र में महिला कर्मचारी, केंद्र व्यवस्थापक, कानूनी सलाहकार व पुलिस अधिकारी की मौजूदगी रहती है और यह केंद्र पीडित व अन्यायग्रस्त महिलाओं के लिए 24 घंटे खुला रहता है.

* पीडित महिलाओं को ऐसे मिलती है मदद
संकटग्रस्त आधार केंद्र में आने वाली पीडित महिलाओं को विविध योजनाओं के माध्यम से मदद की जाती है. जिसके तहत इस केंद्र में शरण लेने हेतु आने वाली 4 महिलाओं को रोजगार व आवास उपलब्ध कराया गया है. साथ ही जिले की 7 पीडित महिलाओं को बाल संगोपन विभाग में भेजा गया और 6 पीडित महिलाओं को संजय गांधी निराधार योजना का लाभ दिया गया. इसके अलावा एक पीडित महिला को राष्ट्रीय परिवार योजना व 1 पीडित महिला को रोजगार गारंटी योजना का लाभ दिया गया. वहीं 2 पीडित महिला को मनोधैर्य योजना का लाभ दिलवाया गया.

* पीडित महिलाओं के बच्चों का भी उठाया जाता है जिम्मा
कुमारी गर्भवती लडकियों की जिला स्त्री अस्पताल की सहायता से प्रसूति करवाई गई. साथ ही जिन पीडिताओं को अपने द्बारा जन्म दिया गया बच्चा अपने साथ नहीं रखना हो, ऐसे बच्चों को मान्यता प्राप्त संस्था की सहायता से आगे की कार्रवाई के लिए संस्था के जरिए भेजा जाता है. इन बच्चों को बाल कल्याण समिति की सहायता से शाला में दाखिल कराते हुए उन्हें शिक्षा के मुख्य प्रवाह में लाने का काम भी संस्था द्बारा किया जाता है. साथ ही 18 वर्ष से अधिक आयु वाले पीडित बच्चों को भी शाला व छात्रावास में प्रवेश दिलवाया जाता है.

* संकटग्रस्त महिलाओं को एक ही स्थान पर हर तरह की मदद मिले, इस हेतु महिला व बाल विकास विभाग अंतर्गत संकटग्रस्त महिलाओं के लिए आधार केंद्र चलाया जा रहा है. इस केेंद्र अंतर्गत महिलाओं को कानूनी व वैद्यकीय सहायता व मार्गदर्शन के साथ ही हर संभव मदद प्रदान की जाती है. वर्ष 2017 से अब तक इस केंद्र के जरिए 285 संकटग्रस्त महिलाओं को आधार दिया जा चुका है.
– एड. मिना निर्मल,
केंद्र प्रशासक,
संकटग्रस्त महिला आधार केंद्र.

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