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मविआ के सभी की एकता से विजय

विधायक यशोमति की लोस चुनाव पर प्रतिक्रिया

अमरावती/दि. 5 – विधायक और अमरावती लोकसभा में मविआ प्रत्याशी की जीत की शिल्पकार यशोमति ठाकुर ने कहा कि, यह सभी घटक दलों और पार्टी नेताओं की एकजुटता की विजय है. ठाकुर ने घटक दलो के नेताओ के भी नाम लिए. चुनावी सफलता के बाद पहली संक्षिप्त प्रतिक्रिया में उन्होंने यह भी कहा कि, गत चुनाव में कांग्रेस और राकांपा के बल पर विजयी उम्मीदवार को वोटर्स ने गद्दारी के लिए सबक सिखाया है. यशोमति ने कहा कि, अमरावती की राजनीति शालीन रही है. यह सुसंस्कृत जिला है. यहां आज भी नीतिमत्ता कायम है. उन्होंने नवनीत राणा पर कटाक्ष किया कि, गत पांच वर्षो से वह रोजाना तरह-तरह के नाटक करती और झूठ बोलती थी. जनता ने उन्हें उनकी जगह बता दी. यशोमति ने यह भी कहा कि, राकापा के सर्वेसर्वा शरद पवार ने खुद यहां आकर नवनीत राणा को टिकट और समर्थन देने की चूक के लिए माफी मांग ली. इसका भी अमरावती के वोटर्स पर प्रभाव पडा.


* धनशक्ति पर जनशक्ति की जीत – वानखडे
अमरावती के नवनिर्वाचित सांसद बलवंत वानखडे ने अपनी चुनावी जीत को धनशक्ति पर जनशक्ति की विजय निरुपीत किया. वानखडे ने यह भी कहा कि, महाविकास आघाडी के सभी दलो के नेताओ, कार्यकर्ताओ की अथक मेहनत के कारण यह सफलता मिली है. उन्होंने विधायक यशोमति ठाकुर का भी गौरवपूर्ण उल्लेख किया. वानखडे ने कहा कि, ताई ने अपने आप को झोंक दिया था. जीत का हकदार प्रत्येक आघाडी कार्यकर्ता रहने की बात वानखडे ने कही. वानखडे ने यह भी कहा कि, संविधान की रक्षा के लिए अमरावती के वोटर्स ने कांग्रेस को भारी संख्या में मतदान किया है. कांग्रेस के सभी पदाधिकारी और घटक दलो के नेताओं, कार्यकर्ताओं के एकजुट प्रयास से यह विजय संभव हो सकी.

* अमरावती के अब तक के सांसद
डॉ. पंजाबराव देशमुख           – 1952
डॉ. पंजाबराव देशमुख           – 1957
डॉ. पंजाबराव देशमुख           – 1962
विमलाबाई देशमुख              – 1965
किसनराव देशमुख               – 1967
किसनराव देशमुख               – 1971
नानासाहेब बोंडे                    – 1977
उषा चौधरी                         – 1980
उषा चौधरी                          – 1984
सुदाम देशमुख                     – 1989
प्रतिभा पाटिल                      – 1991
अनंत गुढे                            – 1996
रा. सू. गवई                          – 1998
अनंत गुढे                             – 1999
अनंत गुढे                             – 2004
आनंदराव अडसूल                    – 2009
आनंदराव अडसूल                    – 2014
नवनीत राणा                          – 2019
बलवंत वानखडे                       – 2024

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