* सभी जिलों के नदी-नालों में उफान
* अधिकांश बांध हुए ओवरफ्लो
* हर ओर जलजमाव की स्थिति
* जनजीवन अस्त-व्यस्त, भारी नुकसान
* हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में फसले बर्बाद
* करीब 14 जाने गई, कई घर गिरे
* जगह-जगह पर यातायात अवरूध्द
अमरावती/दि.10- विगत माह में 17 से 20-21 जुलाई के दौरान चार-पांच दिनों तक लगातार हुई मूसलाधार बारिश की वजह से जो हालात बने थे, अब एक बार फिर वैसे ही हालात समूचे विदर्भ क्षेत्र में दुबारा दिखाई दे रहे है, क्योंकि विगत रविवार 7 अगस्त से विदर्भ क्षेत्र में चहुुंओर लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके चलते सभी नदी-नालों में उफान आया हुआ है और बांधों में जलस्तर बढ जाने के चलते अधिकांश बांधों से जलविसर्ग किया जा रहा है. ऐसे में चहुंओर बाढवाली स्थिति बनी हुई है. इस बाढ और बारिश की वजह से समूसे विदर्भ क्षेत्र में जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हुआ है और अलग-अलग स्थानों पर हुए विभिन्न हादसों में अब तक करीब 12 से 14 लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही बाढ के पानी में बहे अन्य कुछ लोगों की तलाश जारी है. इसके अलावा लगातार होती बारिश की वजह से कई कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए है. वहीं बाढ व बारिश का पानी खेतों में घुस जाने की वजह से हजारों हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में फसलों की बर्बादी हुई है.
अमरावती जिले की मोर्शी व वरूड तहसील में विगत रविवार से शुरू हुआ बाढ व बारिश का कहर आज लगातार चौथे दिन भी जारी रहा. इस समय वरूड तहसील क्षेत्र में जलप्रलयवाले हालात है. जहां पर चहुंओर हाहा:कार मचा हुआ है. वहीं मोर्शी तहसील में भी बाढ व बारिश की वजह से हालात काफी बिकट हो चले है. इस समय महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित सतपुडा पर्वत श्रृंखला में जमकर पानी बरस रहा है. जिसकी आवक बडे पैमाने पर अप्पर वर्धा के बांध क्षेत्र में हो रही है और अप्पर वर्धा बांध में जलस्तर लगातार बढते जाने और बांध में 90 फीसद जलसंग्रहण हो जाने के चलते इस बांध के सभी 13 दरवाजों को करीब 50 सेंटीमीटर खुला रखते हुए वर्धा नदी में पानी छोडा जा रहा है. इसके अलावा जिले के 4 मध्यम प्रकल्पों में भी ओवरफ्लोवाली स्थिति बन गई है. जिसे ध्यान में रखते हुए संबंधित नदियों में जलनिकासी की जा रही है. ऐसे में बारिश की वजह से पहले से ही उफनती नदियों में भयानक बाढवाली स्थिति बन गई है. जिससे इन नदियों के किनारे स्थित गांवों व खेतों में बडा भारी नुकसान हुआ है.
इस समय यवतमाल व वाशिम जिले भी बाढ व बारिश की विभिषिका को झेल रहे है. वाशिम में कोई जनहानि तो नहीं हुई है, लेकिन संपत्तियों व फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान जरूर हुआ है. वहीं यवतमाल जिले में अब तक करीब सात से आठ लोगों की वर्षाजनित हादसों की वजह से मौत हुई है. इन दोनों जिलों में भी सभी छोटे-बडे बांध ओवरफ्लो हो गये है. जिसके चलते सभी नदी-नालों में पानी का उफान आया हुआ है. अमरावती संभाग में केवल बुलडाणा ही एकमात्र ऐसा जिला है, जो बाढ व बारिश की त्रासदी से फिलहाल तक बचा हुआ है.
उधर नागपुर जिले के कई तहसील एवं ग्रामीण इलाकों में बाढ व बारिश की वजह से हालात बेहद खराब हो गये है और कई इलाकों का आपसी संपर्क टूट गया है. भंडारा जिले की सात तहसीलें इस समय बाढ में घिरी हुई है. भंडारा के मोहाडी में एक कार बाढ के पानी में बह गई. जिसमें सवार दो लोगों को बाल-बाल बचा लिया गया. भंडारा से मध्यप्रदेश की ओर जानेवाला रास्ता बाढ के पानी में डूबा हुआ है. ऐसे में इस रास्ते से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है.
गडचिरोली जिले में वैनगंगा व इंद्रावती नदी इस समय खतरे के निशान से उपर बह रही है. जिसके चलते चामोर्शी महामार्ग सहित गडचिरोली से होकर गुजरनेवाली राष्ट्रीय महामार्ग को आवाजाही के लिहाज से बंद कर दिया गया है. वहीं गडचिरोली का भामरागड परिसर इस समय चारों ओर से बाढ के पानी से घिरा हुआ है. लगभग यही स्थिति गोंदिया और वर्धा जिले में भी है. जहां चहुंओर झमाझम बारिश हो रही है और नदी-नालों में आयी बाढ की वजह से हर ओर जलजमाववाली स्थिति है.
विगत चार दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते पैदा हुई बाढ और जलजमाववाली स्थिति के मद्देनजर राजस्व महकमा लगातार काम में जुटा हुआ है. जिसके तहत बाढ व बारिश की वजह से हुए नुकसान का जायजा लेने के साथ-साथ बाढ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने व बचाने का काम भी किया जा रहा है. जिसके तहत अब तक करीब 10 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थलांतरित किया गया है.