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विदर्भ क्षेत्र की गुटखा तस्करी में तेजी से पांव पसार रहा ‘विक्की’!

महाराष्ट्र सहित मध्यप्रदेश तक फैला है अवैध गुटखे का नेटवर्क

* लंबे समय से लगातार दे रहा एफडीए व पुलिस को चकमा
* असली-नकली गुटखे के साथ ही इर्म्पोटेड व प्रतिबंधित तंबाखू का भी है व्यापारी
अमरावती/दि.14– कई वर्ष पूर्व तत्कालीन कांग्रेस-राकांपा आघाडी सरकार द्वारा महाराष्ट्र राज्य में सुगंधित सुपारी, पान मसाला व तंबाखू युक्त गुटखे सहित जर्दा तंबाखू के उत्पादन, विपणन व बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके साथ ही विदेशों से आयातीत होनेवाली कई ब्रांडेड सिगरेटों के भी वितरण व बिक्री पर प्रतिबंध है. किंतु इसके बावजूद भी इन सभी उत्पादों की अमरावती शहर सहित जिले में चहुंओर बडे धडल्ले के साथ बिक्री होती है. साथ ही अमरावती शहर एक तरह से गुटखा तस्करी व बिक्री का सबसे बडे केंद्र के तौर पर उभरकर सामने आया है. साथ ही अब इस व्यवसाय में ‘विक्की’ नामक एक नये युवक की एंट्री हुई है, जो पान बहार, पान पराग, विमल व वाह गुटखा सहित इर्म्पोटेड सिगरेट व प्रतिबंधित तंबाखू का व्यवसाय बडे धडल्ले से कर रहा है. जानकारी के मुताबिक विगत लंबे समय से एफडीए व पुलिस को चकमा देने में सफल रहे ‘विक्की’ ने महाराष्ट्र सहित मध्यप्रदेश तक अपने गुटखा तस्करी के व्यवसाय की जडे जमा ली है.
बता दें कि, दो दिन पूर्व चिखलदरा में हुई कार्रवाई के दौरान 18 लाख रूपये का गुटखा बरामद होने के बाद ‘विक्की’ यह नाम सामने आया. किंतु यह नाम बेहद नया रहने की वजह से एफडीए व पुलिस प्रशासन भी ‘विक्की’ नामक इस व्यक्ति से अनभिज्ञ थे. उल्लेखनीय है कि, अमरावती शहर व जिले सहित समूचे राज्य में गुटखा बंदी केवल नाम के लिए ही बची है. विभिन्न कंपनियों के नाम पर होनेवाली गुटखे की बिक्री तथा गुटखा तस्करों के वर्चस्व का नया मामला अमरावती में सामने आया है. साथ ही अमरावती शहर व ग्रामीण क्षेत्र में किसके द्वारा गुटखा तस्करी की जाये व किसके द्वारा नहीं, इसके भी दायरे तय कर लिये गये है. रेती तस्करी की तरह अब गुटखा तस्करी भी जोर पकडने लगी है. इसी के तहत अमरावती से 98 लाख रूपये का गुटखा ‘जय भोले, बम-बम’ बोलते हुए इंदौर ले जाया जा रहा था. किंतु चिखलदरा पुलिस को इसकी टीप मिल गई. अब पुलिस ने पेट्रोलिंग के दौरान घटांग के निकट जब गुटखा लदे वाहन की तलाशी ली, तब हिरासत में लिये गये आरोपी ने यह गुटखा ‘विक्की’ नामक व्यक्ति का रहने की जानकारी दी. पता चला है कि, भलेही ‘विक्की’ नामक यह व्यक्ति गुटखा व्यवसाय में अभी काफी नया है, लेकिन उसके राजनीतिक संबंध काफी मधुर है. ऐसे में अपना माल पकडे जाते ही ‘विक्की’ ने अपने संपर्क सूत्रों को सक्रिय किया. जिसके बाद उसका नाम इस मामले से हटा दिया गया. हालांकि इसके लिए उसे काफी बडा ‘नजराना’ पेश करना पडा.
पता चला है कि, इससे पहले भी ‘विक्की’ का वरूड, सिरजगांव कसबा, परतवाडा व मोर्शी सहित अमरावती में गुटखा पकडा गया था. जिसके तहत विगत 3 मार्च को ही करीब 4 लाख रूपयों का गुटखा पुलिस ने पकडा था. किंतु आपसी ‘मांडवली’ करते हुए ‘विक्की’ इन सभी मामलों से बाहर निकल गया. ऐसे में सवाल उठता है कि, क्या यह सब ऐसे ही चलता रहेगा, या फिर पुलिस व एफडीए द्वारा गुटखा तस्करी में लिप्त रहनेवाले ‘विक्की’ की खोजबीन की जायेगी.

* पकडे गये चार, कार्रवाई केवल एक पर
जानकारी के मुताबिक चिखलदरा पुलिस ने घटांग नाके पर एमपी 09/जीजे-174 क्रमांक के ट्रक की जांच-पडताल करते हुए उसमें से बडे पैमाने पर गुटखा बरामद किया था. इस समय इस ट्रक में कुल 4 लोग सवार थे. जिनमें से मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी प्रेमसिंह विश्वकर्मा (55) को ही हिरासत में लेते हुए आरोपी बनाया गया. ऐसे में शेष तीन लोगों को क्यों और किस आधार पर छोडा गया. यह अपने आप में सबसे बडा सवाल है. वहीं हिरासत में लिये गये आरोपी ने यह पूरा गुटखा ‘विक्की’ के पास से लाने की कबुली दी. किंतु ‘विक्की’ नामक वह व्यक्ति कौन है, यह अब तक पुलिस एवं एफडीए को पता ही नहीं है, जबकि विक्की नामक उस व्यक्ति द्वारा विगत लंबे समय से बडे धडल्ले के साथ प्रतिबंधित गुटखा एवं इर्म्पोटेड सिगरेट का व्यवसाय किया जा रहा है. साथ ही उसने महाराष्ट्र सहित मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों तक अपना नेटवर्क भी बना रखा है.

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