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विदर्भवादियों ने मांगा सांसद नवनीत राणा से इस्तीफा

स्वतंत्र विदर्भ की मांग की अनदेखी करने का लगाया आरोप

अमरावती/दि.11- विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने आज जिले की सांसद नवनीत राणा के भोंगाडे कॉम्पलेक्स परिसर स्थित कार्यालय के समक्ष तीव्र धरना प्रदर्शन करते हुए स्वतंत्र विदर्भ की मांग को लेकर आंदोलन किया. साथ ही स्वतंत्र विदर्भ राज्य का गठन करने को लेकर लोकसभा में अब तक एक बार भी आवाज नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए सांसद नवनीत राणा से इस्तीफा मांगा गया.
इस समय विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की ओर से सांसद नवनीत राणा को केंद्र सरकार के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया. जिसमें विदर्भ राज्य की तत्काल निर्मिती करने, राज्य में विद्युत दरों को घटाए जाने, अनाज पर लगने वाली जीएसटी को तत्काल पीछे लेने तथा विदर्भ के 11 जिलों में गीला अकाल घोषित करने की मांग की गई. साथ ही कहा गया कि, विदर्भ राज्य के गठन का अधिकार केंद्र सरकार के पास हैं. ऐसे में विदर्भ क्षेत्र से लोकसभा सदस्य होने के नाते सांसद नवनीत राणा ने अब तक इस विषय में ही क्या भूमिका अपनाई हैं यह उन्होंने स्पष्ट करना चाहिए और अगर अब तक इस विषय को लेकर कुछ भी नहीं किया तो अब स्वतंत्र विदर्भ राज्य के लिए केंद्रीय मंत्री मंडल के समक्ष लोकसभा में आवाज उठानी चाहिए.
इस आंदोलन में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के राजेंद्र आगरकर, रंजना मामर्डे, दिलीप भोयर, सुनील साबले, प्रकाश लढ्ढा, सतीश प्रेमलवार, डॉ. विजय कुबडे, माधव गावंडे, रामदास डवले, दिनेश ढवस, विलास धांडे, अशोक हांडे, रियाज खान, पांडुरंग बिजवे, बाबाराव जाधव, अरुण पाटील, नंदकिशोर देशमुख, दीपक कथे, सुधीर डांगे, विष्णुपंत कालमेघ, गजानन दुधाट, गणेश कुसराम, सरला सपकाल, विजय मोहोड, अशोक वानखडे, ताराबाई बारस्कर, डॉ. नीलकंठ यावरकर, साहेबराव इंगले, विनायक इंगोले, ज्ञानेश्वर गादे, दिगंबरजी चुनडे, गजानन इंगोले, मनोज वासनकर, राजाभाउ पुसदेकर, धनराज गोटे, अरुण साकुरे, युवा आघाडी के मोहन ठाकरे, अमर ठाकरे, देवेंद्र रेखाते, डॉ. महेश बलान्से, मंगेश धोटे, विक्रम शिरभाते, विलास वईकर, विलास उगले, अनिल कडू, चंद्रशेखर सुपारे, गुणवंत वाहने, सुधीर हाडके आदि सहित अनेकों विदर्भवादियों ने हिस्सा लिया.

* विदर्भ की भलाई महाराष्ट्र से अलग होने में
वहीं इससे पहले विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने आज एक पत्रवार्ता बुलाते हुए कहा कि, विदर्भ क्षेत्र की भलाई महाराष्ट्र से अलग होने में ही हैं. यदि स्वतंत्र विदर्भ बन जाता है तो अपने लिए पर्याप्त बिजली का निर्माण करने वाले विदर्भ में बिजली की दरें आधी हो जाएगी और लोडशेडिंग भी बंद हो जाएगी. जिसके चलते नए-नए उद्योग विदर्भ क्षेत्र में आएंगे. विदर्भ क्षेत्र में 6 हजार 300 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता हैं. जिसमें से विदर्भ क्षेत्र की जरुरत 3 हजार मेगावॉट की हैं, ऐसे में बची हुई बिजली अन्य राज्यों को बेचकर विदर्भ राज्य व्दारा राजस्व भी कमाया जा सकेगा. वहीं विदर्भ क्षेत्र में नए-नए उद्योग आने से यहां रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे और वैदर्भिय युवाओं को रोजगार के लिए अन्य राज्यों में जाकर नहीं भटकना पडेगा. इसके साथ ही एमपीएससी भी वीपीएससी हो जाएगी. जिसके चलते सभी नौकरियां विदर्भ क्षेत्र के युवाओं को मिलेगी और चूंकि विदर्भ क्षेत्र की राजधानी नागपुर में रहेगी जो विदर्भ क्षेत्र के सभी जिलों के लिए नजदिक पडेगी. तो इस क्षेत्र का प्रशासनिक कामकाज भी गतिमान होगा और विदर्भ क्षेत्र की निधि भी विदर्भ क्षेत्र के विकास के लिए खर्च होगी. जिससे विदर्भ क्षेत्र का समग्र विकास होगा.
इस पत्रवार्ता के बाद ही विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ंव कार्यकर्ताओं ने सांसद नवनीत राणा के कार्यालय तक मोर्चा निकाला गया. जो राजापेठ पुलिस स्टेशन व राजकमला चौक होते हुए सांसद नवनीत राणा के भोंगाडे कॉम्पलेक्स स्थित कार्यालय पहुंचा. जहां विदर्भवासियों ने जमकर धरना प्रदर्शन करते हुए स्वतंत्र विदर्भ की मांग बुलंद की और सांसद नवनीत राणा से इस्तीफा दिए जाने की मांग की.

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