अमरावती

विदर्भ के उद्योजकों पर हो रहा अन्याय

वित्त मंत्रालय ने 4 माह से रोकी बिजली सब्सिडी की राशि

अमरावती/दि.12-विदर्भ व मराठवाड़ा के उद्योगों को वर्ष 2016 से बिजली सब्सिडी मिलती थी. लेकिन गत चार माह में सब्सिडी न मिलने से उद्योजकों पर संकट मंडरा रहा है. राज्य के वित्त मंत्रालय ने सब्सिडी की राशि न देने से सब्सिडी बंद की गई है. सब्सिडी के अभाव में स्थानीय उद्योग अन्य राज्यों में स्थानांतरित करने की तैयारी चल रही है. हमेशा विदर्भ के साथ अन्याय किए जाने की प्रतिक्रिया उद्योजक व्यक्त कर रहे हैं.
ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने विदर्भ इंडस्ट्रीज असो.को सब्सिडी फिर से शुरु करने का आश्वासन दिया था. लेकिन चार माह बीतने के बावजूद सब्सिडी नहीं मिली. विदर्भ व मराठवाड़ा के लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए शुरुआत में 2016 से 2019तक तीन वर्षों के लिए राज्य सरकार ने बिजली सब्सिडी लागू की थी. बाद में उसकी अवधि 2019 से 2024 तक बढ़ाई गई. महाविकास आघाड़ी ने विदर्भ व मराठवाड़ा के लिए लागू सब्सिडी राज्य के कुछ जिलों में लागू की. सालाना 1200 करोड़ की सब्सिडी दिसंबर 2021 में खत्म हुई. लघु उद्योगों के बजाय बड़े उद्योगों को सब्सिडी का ज्यादा फायदा हुआ. उसके बाद मार्च 2021 तक तीन माह सब्सिडी नहीं मिली. 2021 में अप्रैल के बाद सब्सिडी नहीं दी गई. फिर सब्सिडी लागू करने उद्योगों को दो माह बाद राशि दी जाने लगी. लेकिन अब गत चार माह से सब्सिडी न मिलने से पूंजी व उद्योगों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते नए उद्योग इस क्षेत्र में स्थापित होने के लिए उत्सुक नहीं है.
* वीआईए की ऊर्जा मंत्री व वित्त मंत्री से गुहार
वीआईए के अध्यक्ष सुरेश राठी के नेतृत्व में सब्सिडी के बारे में ऊर्जामंत्री नितिन राऊत से मिलकर चार माह की बकाया राशि के साथ सब्सिडी देने की मांग की गई. जिस पर वित्त मंत्रालय से राशि प्राप्त होने पर सब्सिडी शुरु किए जाने का वादा ऊर्जा मंत्री राऊत ने किया. जिस पर पदाधिकारियों ने वित्तमंत्री अजित पवार को पत्र लिखकर मिलने के लिए समय मांगा है. व्यापारियों के प्रतिनिधि मंडल में प्रवीण तापडिया, प्रफुल्ल जोशी, गौरव सारडा, गिरधारी मंत्री, पंकज बक्षी का समावेश था.

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