
अमरावती/दि.8-विदर्भ में पहला रेशम कोष बाजार कृषि उपज बाजार समिति ने ढाई साल पहले बडनेरा के बाजार में शुरू किया था, जिसका उद्देश्य रेशम उत्पादन करने वाले किसानों को उनके इलाके में सही बाजार उपलब्ध कराना और अधिक किसानों को रेशम उत्पादन की ओर प्रोत्साहित करना था. परंतु प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह बाजार बंद हो गया है.
अमरावती जिले में कई किसान रेशम उत्पादन करते हैं. साथ ही आसपास के जिलों में भी रेशम खेती करने वाले किसान हैं. लेकिन चूंकि इन किसानों के लिए कोई अधिकार का बाजार नहीं है, इसलिए कोष निर्मिती होने के बाद इसे बेचने में काफी परेशानी हुई. इसीलिए कृषि उपज बाजार समिति और रेशम क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय बाजार में रेशम स्टॉक की बिक्री की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया. यह रेशम बाजार 6 दिसंबर 2022 को शुरू हुआ. बाजार में पहले दिन कोष को 600 से 660 प्रति किलो दाम दिया गया. बाजार में कुल 4 लाख 99 हजार रुपये का कारोबार हुआ, जिससे किसानों ने संतोष व्यक्त किया.
यह बाजार ट्रान्सपोर्ट की सुविधा के लिए बडनेरा में शुरु किया गया था. देश में सबसे बडा कोष बाजार कोलकाता और हैदराबाद शहरों में लगते हैं. चूंकि बडनेरा एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, इसलिए बडनेरा बाजार में कोश बाजार शुरू किया गया ताकि बड़े शहरों के व्यापारी इस बाजार में आ सकें. लेकिन, महज ढाई साल में ही इस रेशम कोष बाजार को बंद करने की नौबत आ गई. गुणवत्ता पूर्व रेशम कोष की अनुपलब्धता, सुविधाओं की कमी समेत कई कारणों से ऐसा होने का आरोप लगाया जा रहा है. प्रारंभ में किसानों का इसे कम प्रतिसाद मिला, इसके बाद फिर यह बढ़ता गया. दूसरे राज्यों से भी कुछ व्यापारी रेशम कोष खरीदने के लिए बडनेरा क्षेत्र में आते थे. रेशम कोष उत्पादकों को यहां सही कीमत मिलने की उम्मीद थी. लेकिन यह भी कहा जाता है कि रेशम की गुणवत्ता में कमी के कारण व्यापारियों द्वारा यह उचित दरें नहीं दी जाती थी, जिससे व्यापारियों और रेशम रेशम उत्पादकों के बीच गलतफहमी भी पैदा होती थी. इसका असर बाजार में कोष आवक पर पडा.
* विभिन्न कारणों से बंद हुआ कोष बाजार
विदर्भ में पहला रेशम कोष बाजार ढाई साल पहले यानी 6 दिसंबर 2022 को बडनेरा बाजार में कृषि उपज बाजार समिति द्वारा शुरू किया गया था. लेकिन, महज ढाई साल में ही इस रेशम कोष बाजार पर रोक लगाने की नौबत आ गई. आरोप है कि गुणवत्तापूर्ण रेशम स्टॉक की अनुपलब्धता, सुविधाओं की कमी जैसे विभिन्न कारणों से ऐसा हुआ.
* अपेक्षित कोई सुविधा नहीं
अच्छी आवक नहीं होने के कारण व्यापारी भी इस बाजार में नहीं आ रहे थे. बताया जाता है कि बाजार समिति प्रशासन द्वारा अपेक्षित सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी गयी है. ऐसे तमाम कारणों से बाजार बंद हो गया. हालांकि, विदर्भ के एकमात्र रेशम कोष बाजार के बंद होने से रेशम कोष उत्पादकों को निराशा हुई है.