अमरावती

विदर्भ पर सीधे सूर्य किरणों का प्रहार

पेडों की अधिक कत्तल से भीषण गर्मी का प्रकोप

* बढता औद्योगिकरण भी है कारण
अमरावती/दि.13 – ग्रीष्म काल में बढती गर्मी का सामना विदर्भवासियों को करना पडता है. विदर्भ के अमरावती समेत नागपुर, चंद्रपुर, वर्धा, अकोला जिले में ग्रीष्म काल में भीषण गर्मी का प्रकोप लोगों को सहना पडता है. विदर्भ के 5 जिलों में तापमान सर्वांधिक क्यों रहता है, इस पर अध्ययन करने पर सामने आया कि, विदर्भ पर सूर्य किरणों का सीधा प्रहार होता है. क्षेत्र में पहाड या पठार का क्षेत्र नहीं रहने से समूचा क्षेत्र सपाट भूभाग है. जिसके कारण उत्तरी राज्य व राजस्थान से बहने वाली ग्रीष्म हवाएं सीधे विदर्भ तक पहुंचती है. जिससे विदर्भ में तापमान अधिक रहता है. गुरुवार को अमरावती जिले का पारा 45 डिग्री पार हो गया था. ऐसा मोसम विभाग के संचालक मोहनलाल साहु ने बताया.
इस वर्ष विदर्भ के नागपुर, अमरावती, अकोला, चंद्रपुर व वर्धा शहर में मौसम का पारा दिन में 45 से 46 डिग्री तक उछला. वहीं रात का तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सिअस दर्ज हुआ. विश्व के सबसे ग्रीष्म शहर में चंद्रपुर का समावेश है, ऐसी ही स्थिति पश्चिम विदर्भ के अन्य क्षेत्रों में भी है. भौगोलिक दृष्टि से विदर्भ प्रदेश यह कर्करेषा पर स्थित भूभाग है. जिससे सूर्य की सीधी किरणे विदर्भ में पडने से विदर्भ में भीषण गर्मी पडती है. सूर्य की किरणे यदि तीरछी पडी, तो गर्मी कम महसूस होती है, लेकिन सीधी सूर्य किरणे पडने से उसकी दाहकता अधिक बढती है.
पहले विदर्भ यह वनराई क्षेत्र के रुप मेें प्रसिद्ध था, लेकिन अब विगत कुछ वर्षों से औद्योगिकरण में बडी संख्या में पेड काटे गये. जिस तुलना में पेडों की कटाई हुई, उस तुलना में पौधारोपण नहीं होने से विदर्भ में हरित क्षेत्र तेजी से घट गया है. जिसके कारण विदर्भ का तापमान तेजी से बढते ही जा रहा था. विगत कुछ वर्षोें से विदर्भ के नागपुर व चंद्रपुर जिले में भी औद्योगिकरण तेजी से बढा. जिसमें सिमेंट के कारखाने, कोयले की खदाने व बडे बिजली प्रकल्प के कारण प्रदूषण बढकर तापमान का पारा उछाल मार रहा है.

Related Articles

Back to top button