अमरावती /दि. 20– बांग्लादेश द्वारा संतरे पर आयात शुल्क फिर से इस बार बढाए जाने से पहले से ही चरमराई संतरा निर्यात व्यवस्था ठप होने की संभावना निर्माण हो गई है. वर्तमान में मृगबहार का संतरा कटाई पर रहते संतरे के भाव समाधानकारक रहे तो भी देश के भीतर होनेवाले मांग पर ही संतरे का भविष्य निर्भर रहनेवाला है.
पिछले पांच साल में बांग्लादेश ने संतर के आयात शुल्क में विविध चरणो में बढोतरी करने की नीति अपनाई. 2020 में प्रति किलो 30 रुपए आयात शुल्क था, 2021 में 51 रुपए, 2022 में 63 रुपए, 2023 में 88 रुपए आयात शुल्क निश्चित किया गया. कुछ दिन पूर्व 101 रुपए प्रति किलो रहा आयात शुल्क 165 रुपए किया गया. इस कारण बांग्लादेश के संतरे के भाव आम नागरिकों के लिए काफी सिरदर्द हो गए है. विदर्भ के संतरे का बांग्लादेश यह सबसे बडा आयात वाला देश था. हर वर्ष करीबन डेढ से दो लाख टन संतरे का निर्यात होता था. लेकिन पिछले कुछ साल में बांग्लादेश में आयात शुल्क में लगातार बढोतरी की नीति अपनाई. इस कारण निर्यात कम होने लगा. वर्तमान में आयात शुल्क के मुताबिक निर्यात करनेवाले व्यापारियों को प्रति टन 1 लाख 16 हजार रुपए शुल्क अदा करना पड रहा है. इस कारण संतरे की आर्थिक नीति चरमरा गई है. विदर्भ से इस सत्र में बांग्लादेश हर दिन करीबन 60 ट्रक संतरे का निर्यात होता था. अब यह संख्या काफी कम हो गई है. निर्यात की आंकडेवारी के मुताबिक 2020-21 में 1 लाख 41 हजार मेट्रीक टन पर से 2023-25 में 25 हजार मेट्रीक टन तक गिरावट आई दिखाई देती है. ऐसी ही परिस्थिति रही तो निर्यात ठप होने की संभावना है. संतरे के भाव अब भारत देश की अंतर्गत मांग पर निर्भर रहनेवाले है. फिलहाल विविध राज्यों से अच्छी मांग रहने के कारण प्रति टन 30 से 40 हजार रुपए तक भाव मिलते रहने की जानकारी संतरा उत्पादक किसानों ने दी.
* भारतीय बाजार में भाव में गिरावट
इस बार मृगबहार के संतरे का उत्पादन कम होने की संभावना है. इस कारण भाव अच्छे मिलेगे, ऐसी संतरा उत्पादकों की अपेक्षा है. लेकिन देश के बाजार में मांग हुई तो इसका परिणाम भाव पर होने की संभावना है. कुछ दिन पूर्व संतरे को 45 से 50 हजार रुपए टन तक भाव मिलते थे. इसमें अब गिरावट आकर 30 हजार रुपए टन भाव पहुंच गए है. शुक्रवार को मुंबई फल बाजार में संतरे के कम से कम 20 हजार और अधिक से अधिक 40 हजार रुपए यानी औसतन 30 हजार रुपए भाव थे. नागपुर के बाजार में औसतन 27 से 33 हजार रुपए प्रति टन भाव मिले.
* बांग्लादेश सरकार के नीति के कारण समस्या बढी
बांग्लादेश सरकार की नीति के कारण संतरा उत्पादकों की समस्या बढी है. केंद्र सरकार ने उपाययोजना करनी चाहिए. विविध राज्यों में संतरा महोत्सव का आयोजन कर उत्पादकों के लिए ट्रांसपोर्ट पर अनुदान दिया तो इसका लाभ किसानों को मिल सकेगा. केंद्र और राज्य सरकार ने इस समस्या को हल करना चाहिए.
– श्रीधर ठाकरे, कार्यकारी संचालक, महाऑरेंज.