अमरावती

इसरो की स्वप्नपूर्ति में विदर्भ की भी भूमिका

चंद्रयान में लगा है खामगांव एमआईडीसी का थर्मल शील्ड

* विकमशी फैब्रिक्स ने किया है थर्मल शील्ड तैयार
अमरावती/दि.15 – भारत के महत्वाकांक्षी अभियान रहने वाले चंद्रयान-3 ने कल शुक्रवार को अंतरिक्ष के लिए उडान भरी. इस चंद्रयान के निर्मिति में विदर्भ क्षेत्र का भी काफी बडा योगदान रहा. चंद्रयान की निर्मिति करते समय बुलढाणा जिले के खामगांव एमआईडीसी स्थित विकमशी फैब्रिक्स द्बारा तैयार किए गए थर्मल शील्ड व श्रद्धा रिफायनरी के सिल्वर स्टर्लिंग ट्यूब का भी प्रयोग हुआ है. यह बुलढाणा जिले के साथ-साथ समूचे अमरावती संभाग एवं विदर्भ क्षेत्र के लिए गौरव वाली बात है. जिसके चलते इन दोनों कंपनियों के संचालकों का सर्वत्र अभिनंदन हो रहा है.
बता दें कि, श्रीहरीकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से कल दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 ने अंतरिक्ष की ओर उडान भरी. एलएमवी-3 रॉकेट का प्रयोग करते हुए चंद्रयान को अंतरिक्ष के लिए रवाना किया गया. जो अगले 16 मिनट में ही पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया. इसके बाद अब यह यान आगामी 23 अथवा 24 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा. इस महत्वाकांक्षी अभियान की ओर भारत सहित पूरी दुनिया का ध्यान लगा हुआ है. ऐसे में चंद्रयान को तैयार करने में जिन-जिन साधनों व वस्तुओं का प्रयोग किया गया है, उनसे जुडी जानकारियों को लेकर भी काफी उत्सुकता बनी हुई है. इसी के तहत पता चला है कि, बुलढाणा जिले के खामगांव एमआईडीसी स्थित विकमशी फैब्रिक्स प्रा. लि. द्बारा निर्मित थर्मल शील्ड का प्रयोग इस चंद्रयान में किया गया है. विशेष उल्लेखनीय है कि, विकमशी फैब्रिक्स ने इससे पहले भी मिग-21 फायटर प्लेन के लिए विशेष तरह की ताडपत्री तैयार की थी. वर्ष 1987 में मिग विमानों के लिए ताडपत्री तथा वर्ष 1999 में सर्जिकल व रबर शील्ड उत्पादन करते हुए विकमशी उद्योग समूह में देश सेवा में अपना योगदान दिया था. इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति में उपग्रहों को उष्णता से सुरक्षित रखने हेतु प्रयोग में लाए जाने वाले पतले फैब्रिक्स का निर्माण भी विकमशी उद्योग समूह द्बारा किया गया था. इसके अलावा जीएसएलजी मार्क-3 रॉकेट की सहायता से 3.13 टन वजनी जी-सेट उपग्रह के लिए भी विकमशी फैब्रिक्स ने पतले फैब्रिक्स की निर्मिति की थी.

* भारतीय संरक्षण दल के लिए लगने वाले विविध उत्पादनों की आपूर्ति करते हुए हमने इसरों के काम में थोडा बहुत सहयोग किया और देश सेवा से संबंधित काम में अपनी भूमिका निभाई. इस बात का हमे गर्वपूर्ण समाधान है. जिस तरह चंद्रयान-3 में हमारी कंपनी द्बारा निर्मित थर्मल शील्ड का प्रयोग हुआ है, उसी तरह इससे पहले भी चंद्रयान-1 व चंद्रयान-2 में भी हमारी कंपनी द्बारा बनाए गए थर्मल शील्ड का उपयोग किया गया था. देश की स्वप्नपूर्ति में विकमशी परिवार का भी योगदान है. हमें इसका पूरा समाधान है.
गीतिका विकमशी,
संचालक, विकमशी फैब्रिक्स,
खामगांव एमआईडीसी (बुलढाणा).

* श्रद्धा रिफायनरी के सिल्वर स्टर्लिंग ट्यूब
चंद्रयान के लिए खामगांव की ही श्रद्धा रिफायनरी ने सिल्वर स्टर्लिंग ट्यूब बनाए है. जिसका निर्माण 90 फीसद चांदी व 10 फीसद कॉपर से किया गया है. विशेष उल्लेखनीय है कि, इससे पहले इस तरह के सिल्वर स्टर्लिंग ट्यूब को भारत सरकार द्बारा विदेशों से मंगाया जाता था. लेकिन इस बार चंद्रयान-3 के लिए खामगांव की श्रद्धा रिफायनरी को सिल्वर स्टर्लिंग ट्यूब बनाने का मौका मिला. जिसे श्रद्धा रिफायनरी के संचालक शेखर भोसले ने अपने लिए सौभाग्य वाली बात कही.

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