विद्या भारती महाविद्यालय की राज्यस्तरीय वकृत्व स्पर्धा 23 को
राज्यस्तरीय स्पर्धा का छठवें वर्ष में पर्दापण
अमरावती/दि.14 – शहर की सुप्रसिध्द विद्याभारती महाविद्यालय द्बारा हर साल राज्यस्तरीय आंतर महाविद्यालयीन वकृत्व स्पर्धा का आयोजन किया जाता है. इस साल 23 जनवरी को स्थानीय हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के सभागृह में सुबह 9.30 बजे स्पर्धा की शुरूआत की जायेगी. हर साल सितंबर माह में दी जानेवाली राज्यस्तरीय वकृत्व स्पर्धा इस साल कोराना प्रादुर्भाव के चलते जनवरी माह में ली जा रही है. इस राज्यस्तरीय स्पर्धा का यह छठवा वर्ष है. इसमें प्रथम 50 स्पर्धको को शामिल किया जायेगा.
विद्या भारती जेम्स की अध्यक्षा मंजरी शेखावत की अगुवाई में इस स्पर्धा का आयोजन किया जाता है. यह स्पर्धा संपूर्ण राज्यभर में सुप्रसिध्द है. राज्यस्तरीय स्पर्धा इस साल छठवें वर्ष में पदार्पण कर रही है. इस स्पर्धा में राज्यभर से अनेक स्पर्धक शामिल होते है. बाहर गांव से आनेवाले स्पर्धको के लिए पहले दिन महाविद्यालय के प्रांगण में निवास और दोपहर के भोजन की व्यवस्था आयोजको द्बारा नि:शुल्क की जाती है. स्पर्धा मराठी, हिन्दी व अंग्रेजी तीनों ही भाषाओं के स्पर्धको के लिए खुली है. स्पर्धा में प्रत्येक स्पर्धक को वकृत्व के लिए 6 मिनिट का समय दिया जायेगा. स्पर्धको को अपने महाविद्यालय का अधिकृत पहचानपत्र व प्राचार्य के हस्ताक्षर से प्रवेश पत्र लाना आवश्यक है. एक महाविद्यालय से दो से अधिक स्पर्धक भिजवाए जा सकते है. सभी स्पर्धको को महाविद्यालय द्बारा प्रमाणपत्र वितरित किए जायेंगे.
स्पर्धा का विषय कोरोना ची करामात, मी शेतकरी बोलतोय, नव शैक्षणिक धोरण शिक्षण क्रांतिच्या उंबरठ्यावर, वाचनालय वाटबघताय वाचकांची, चांगल्याची आस अन निसर्गाचा नाश, ऑनलाईन शिक्षण प्रक्रिया वास्तव आणि भवितव्य होगा. इस स्पर्धा में विजेताओं के लिए पुरस्कार रखे गये है. जिसमें प्रथम पुरस्कार नगद 11 हजार रूपये ( डॉ. के.जी.खामरे स्मृति) व महाविद्यालय का फिरता चषक, दूसरा पुरस्कार नगद 7100 रूपये (स्व.चंद्रकलाबाई बोडखे स्मृति), तृतीय पुरस्कार नगद 3100 रूपये (स्व.रत्नप्रभा दत्तात्रय वाकोडे स्मृति) व प्रोत्साहन पुरस्कार नगद 2100 रूपये (स्व. बी.जी. कडू स्मृति)इस प्रकार है. स्पर्धा में ज्यादा से ज्यादा स्पर्धक शामिल हो, ऐसा आवाहन संयोजक प्रा. डॉ. आर .एम. पाटिल तथा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. प्रज्ञा येनकर ने किया है.