
अमरावती / दि. 23 – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू, प्र-कुलगुरू, कुलसचिव सहित सभी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी यह काफी प्रामाणिकता से काम करते है. कर्मचारियों की संख्या कम रहने से एक व्यक्ति अनेक काम बडी जिम्मेदारी से पूरी तरह कर लेते है. इसके बावजूद विद्यापीठ की बदनामी करना यह काफी गलत है. विद्यापीठ को बदनाम करनेवाले ऐसे व्यक्ति की खोज कर उसकी जांच करने की मांग संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष अजय देशमुख ने की है.
संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू डा. दिलीप मालखेडे की बदनामी हो, इस तरह के पत्रक अमरावती विद्यापीठ परिसर के अनेक शैक्षणिक और प्रशासकिय विभाग में वितरित किए गए थे. यह पत्रक किसने वितरित किए यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. लेकिन विद्यापीठ कर्मचारी संगठना में इसको लेकर तीव्र रोष व्याप्त है.
चुनाव की पृष्ठभूमि पर यह कृत्य
संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के सिनेट सदस्यो के चुनाव आगामी माह 20 नवंबर को होनेवाले है. इश चुनाव में राज्यपाल नामित और कुलगुरू नामित को सीऑधे सिनेट में अवसर मिलता है. जिस व्यक्ति में निर्वाचित होने की क्षमता नहीं है, ऐसे व्यक्ति को कुलगुरू के सीधे सिनेट में आना रहने से कुलगुरू पर दबाव लाने की साजिश रहने का मकसद रहने का संदेह विद्यापीठ के अधिकारी व कर्मचारियों की तरफ से व्यक्त किया जा रहा है.
कुलगुरू थे अस्पताल में भर्ती
कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे यह विद्यापीठ के हाल ही संपन्न हुए युवा महोत्सव में काफी व्यवस्त रहने से उनकी प्रकृति पर परिणाम हुआ था. पिछले पांच दिनों से उन पर बडनेरा रोड स्ेिथत एक निजी अस्पताल में उपचार शुरू था. उनके प्लेटलेट्स कम हो गई थी. लेकिन अब नियंत्रण में है और हालत में सुधार है. उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. उनसे संपर्क कर प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया लेकिन बातचीत नहीं हो पाई, इस कारण प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी.