अमरावती

विद्यापीठ का उत्कृष्ट सेवा गौरव पुरस्कार वितरण समारोह

डॉ. मोना चिमोटे, विवेकानंद इताल को किया सम्मानित

अमरावती/दि.3 – संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय द्बारा वर्ष 2020-21 के उत्कृष्ट सेवा गौरव पुरस्कार का वितरण ऑनलाइन पद्धति से कुलगुुरु मुरलीधर चांदेकर के हाथों प्रदान किया गया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज आनंद का दिन है.
प्राचार्य, शिक्षक, अधिकारी तथा कर्मचारी के कार्यो का गौरव पुरस्कार के रुप में हुआ है. महाविद्यालय के शैक्षिक विकास में सभी का योगदान है. उन्होंने केवल पुरस्कार के लिए काम नहीं किया है बल्कि संस्था, शिक्षा क्षेत्र की प्रगति के लिए काम किया है. सभी पुरस्कार विजेताओं का उन्हांने अभिनंदन किया. समारोह में दो साल के पुरस्कार का वितरण किया गया.
कार्यक्रम में प्र.-कुलगुरु डॉ. राजेश जयपुरकर, कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख, डॉ. एफ.सी. रघुवंशी, डॉ. अविनाश मोहरील उपस्थित थे. डॉ. चांदेकर ने वर्ष 2020 के विद्यापीठ स्तर पर बेहतरीन सेवा गौरव पुरस्कार शिक्षक संवर्ग में डॉ. मोना चिमोटे, द्बितीय श्रेणी अधिकारी में विवेकानंद इताल, तृतीय श्रेणी कर्मचारी वर्ग में श्रीकांत तायडे तथा चतुर्थ श्रेणी में वित्त विभाग के सिपाही बाबाराव चौधरी, संलग्न महाविद्यालय के प्राचार्य संचालक स्तर में एलआरटी महाविद्यालय अकोल के प्राचार्य डॉ. श्रीप्रभू चापके, शिक्षकेत्तर कर्मचारी वर्ग में एड. राकृष्ण राठी विधी महाविद्यालय वाशिम क सिपाही राहुल पांडे को रौप्य पदक, गौरव प्रमाणपत्र देकर सत्कार किया गया. नए उपक्रमों के लिए गाडगे महाराज महिावद्यालय, मूर्तिजापुर के प्राचार्य डॉ. संतोष ठाकरे को 5001 रुपए का नगर पुरस्कार तथा प्रमाणपत्र देकर सत्कार किया गया.
वर्ष 2021 के विद्यापीठ स्तरीय उत्कृष्ट सेवा गौरव पुरस्कार में डॉ. वैशाली गुडधे, अधिकारी में कार्यकारी अभियंता शशिकांत रोडे, द्बितीय श्रेणी में अभियांत्रिकी विभाग के तकनीकी सहायक गजानन वनस्कर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी में प्रभाकर सहारे, प्राचार्य संचालक में डॉ. विजय नानोटी, शिक्षक श्रेणी में तिलक कॉलेज वणी के प्रा. डॉ. सुनंदा आस्वले, शिक्षकेतर कर्मचारी में जीतेन्द्र इंगले, का सत्कार किया गया. नए उपक्रमों के लिए लोकमान्य तिलक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रसाद खानझोने को 5001 रुपए नगद पुरस्कार तथा गौरव प्रमाणपत्र देकर कुलगुरु डॉ. चांदेकर ने सम्मानित किया. संचालक डॉ. विलास नांदूरकर, आभार प्रवीण राठोड ने माना.

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