अमरावती

हंगामखेज रही विद्यापीठ की सीनेट सभा

उप कुलसचिव के विमान दौरे तथा सीनेट सदस्यों के विभिन्न मसलों की रही गूंज

  • ‘उन’ सदस्यों पर कार्रवाई हेतु ‘शो-कॉज’

  • विद्यार्थी सुरक्षा बीमा योजना पर व्यवस्थापन परिषद लेंगी निर्णय

अमरावती/दि.30 – गत रोज संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की ऑनलाईन सीनेट सभा हुई. जिसमें कुलगुरू के खिलाफ आवाज उठानेवाले व्यवस्थापन परिषद व सीनेट सदस्यों के खिलाफ कडी कार्रवाई हेतु की गई पॉइंट ऑफ ऑर्डर पर तूफानी चर्चा हुई. साथ ही उप कुलसचिव सुलभा पाटील के विवादास्पद विमान दौरे और इस संदर्भ में सामने आयी जांच रिपोर्ट तथा विद्यार्थी सुरक्षा बीमा आदि मामलों को लेकर भी इस सीनेट सभा में जमकर हंगामा मचा.
विद्यापीठ की प्रतिमा को मलीन करने के साथ ही कुलगुरू की नाहक बदनामी करने का काम विद्यापीठ की व्यवस्थापन परिषद सहित सीनेट के कई सदस्यों द्वारा किया गया. ऐसे में इन लोगोें के खिलाफ विद्यापीठ अधिनियम 2016 की धारा 64 के अनुसार कडी कार्रवाई की जाये, ऐसा प्रस्ताव रविंद्र कडू द्वारा अधिसभा में रखा गया. पश्चात कुछ सदस्यों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में और कुछ ने इस प्रस्ताव के विरोध में अपने विचार रखे. साथ ही कुलगुरू द्वारा यह कहते हुए कुछ सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की गई कि, उन सदस्यों द्वारा विद्यापीठ की प्रतिमा का भान रखा जाना जरूरी थी और यह विवाद आपसी समन्वय व चर्चा के साथ हल किया जाना अपेक्षित था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सीनेट व व्यवस्थापन परिषद के कुछ सदस्यों ने पत्रकार परिषद आयोजीत करते हुए अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू पर अकार्यक्षमता का आरोप लगाया. विगत पांच-छह दिनों से इस विवाद की खबरें लगातार सूर्खियों में बनी हुई है. जिसकी वजह से विद्यापीठ की बदनामी हुई है. अत: संबंधित सीनेट व व्यवस्थापन परिषद सदस्यों को शो-कॉज नोटीस जारी किया जायेगा और उनके द्वारा दिये जानेवाले जवाब पर विचार-विमर्श करते हुए अगली कार्रवाई की जायेगी.
मंगलवार को ही हुई अधिसभा में विद्यापीठ के उप कुलसचिव सुलभा पाटील के विवादास्पद विमान दौरे की जांच रिपोर्ट भी रखी गयी. उप कुलसचिव पाटील द्वारा किया गया संबंधीत दौरा कार्यालयीन कामकाज का ही हिस्सा था और पूरी प्रक्रिया नियमानुसार ही हुई थी. हालांकि इस प्रक्रिया में कुछ त्रुटी व विलंब जरूर हुआ है, किंतु इसका यह मतलब नहीं कि, इसमें कोई घोटाला या भ्रष्टाचार हुआ है, ऐसी क्लिनचीट डॉ. एफ. सी. रघुवंशी द्वारा दी गई है. जिस पर सभी लोगों द्वारा चर्चा की गई और इस रिपोर्ट को सभागृह द्वारा मंजुर किया गया. इसके साथ ही उप कुलसचिव पाटील के विमान दौरे को लेकर मचा विवाद अब खत्म हो गया.
इस अधिसभा में कुलगुरू डॉ. चांदेकर ने विविध विषयों को लेकर उपजे विवादों पर नियमों का मुलम्मा चढाते हुए कई मामलों पर परदा डालते हुए कोशीश की. साथ ही ऐन समय पर अपने विरोध में एकजूट हुए सदस्यों, ऑनलाईन अधिसभा लेने की वजहों तथा सीनेट सदस्यों के प्रश्नों को नकारने की पार्श्वभुमि आदि के संदर्भ में अपना पक्ष रखते हुए कुलगुरू ने कहा कि, उन्होंने कहीं पर भी कोई गलती नहीं की है. साथ ही यह भी कहा कि, समूचे राज्य के विद्यापीठों में एक ही प्रणाली से परीक्षा हुई है, तो केवल अमरावती विद्यापीठ द्वारा ली गयी परीक्षा पर ही आक्षेप क्यों है, और अमरावती विद्यापीठ की सीनेट सभा को जानबूझकर विवादास्पद बनाने का प्रयास क्योें किया जा रहा है. उन्होंने यह दावा भी किया कि, विद्यापीठ का कामकाज नियमों के अधीन रहते हुए सुयोग्य पध्दति से शुरू है.
इस अधिसभा में विद्यापीठ के बजट की पूरक मांगोें को मान्य किया गया है. साथ ही प्रा. मनीष गवई द्वारा रखे गये विद्यार्थी सुरक्षा बीमा प्रस्ताव को व्यवस्थापन समिती की ओर भेजने का निर्णय भी हुआ. मंगलवार को विद्यापीठ की ऑनलाईनद अधिसभा में 16 सदस्य गैरहाजीर थे. जिसमें से कुछ सदस्योें ने इस अधिसभा के बहिष्कार की भुमिका अपनाते हुए इस आशय का निवेदन भी सौंपा है. ऐसी जानकारी कुलगुरू डॉ. चांदेकर ने अधिसभा को दी.

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