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त्रिसदस्यीय समिति की रिपोर्ट के बाद उजागर होगा विद्यापीठ का निर्णय
अमरावती प्रतिनिधि/दि.2- अंतिम वर्ष की ग्रीष्मकालीन परीक्षा अनुत्तीर्ण होने पर भी विद्यापीठ के एमबीए विभाग में हेमा शर्मा इस छात्रा को विद्यापीठ ने ही प्रवेश दिया. दो साल की फीस भी छात्रा से ही वसूल की गई. उसकी परीक्षा भी ली और डेढ साल बाद वह प्रवेश रद्द करने का धोकादायक मामला विद्यापीठ में सामने आया. इस मामले में विद्यापीठ को प्रवेश देते समय क्या हुआ. कौन जिम्मेदार है. जिससे छात्रा को न्याय दिया जा सके. इसके लिए विद्यापीठ ने हाल ही में इस मामले में त्रिसदस्यीय जांच समिति नियुक्त की है. इसकी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की सूचना प्र -कुलगुरू ने जांच समिति को दी.
किसी भी विद्यार्थी को प्रवेश देने से पूर्व उन्होंने प्रस्तुत किए गये दस्तावेज विशेषज्ञ की ओर से जांचे जाते है. इसमें अंकसूची सबसे महत्वपूर्ण होती है. किंतु अंतिम वर्ष की ग्रीष्मकालीन परीक्षा ही उत्तीर्ण न होने पर प्रवेश दिया गया. उसके बाद इस छात्रा ने उत्तीर्ण होकर वैसी अंकसूची विद्यापीठ के एमबीए विभाग को प्रस्तुत की. उस समय भी प्रवेश देनेवाले को यह बात क्यों नहीं ध्यान में आयी. जिसके कारण इस मामले में क्या हुआ? किसने यह अनदेखा किया. यह बात अभी तक सामने नहीं आयी. इसके लिए ही विद्यापीठ प्रशासन ने त्रिसदस्यीय जांच समिति नियुक्त की. इस समिति में सहायक कुल सचिव सयाम यह समिति के सचिव है. उनके साथ और दो विशेषज्ञ समिति में है. इस समिति ने अभी तक जांच शुरू नही की है. किंतु आगामी 4 से 5 दिनों में यह जांच पूरी करके रिपोर्ट प्र-कुलगुरू के सामने रखेंगे. समिति की रिपोर्ट से प्रवेश के समय किया हुआ. यह बात सामने आयेगी व विद्यापीठ इस मामले में अंतिम निर्णय देगा, ऐसा विद्यापीठ सूत्रों ने बताया है.
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जांच समिति से मांगी रिपोर्ट
हेमा शर्मा इस छात्रा के प्रवेश मामले संदर्भ में त्रिसदस्यी जांच समिति नियुक्त की है. समिति ने अभी तक जांच शुरू नहीं की है. किंतु जल्द ही जांच पूरी करके रिपोर्ट हमने मांगी है. रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आगे निर्णय लेंगे.
राजेश जयपुरकर ,
प्र-कुलगुरू,
संगाबा विद्यापीठ, अमरावती