कठीणा महोत्सव व महिला सम्मेलन में बौध्द संस्कृति का दर्शन
जीवन में पंचशील का पालन करें- विधायक खोडके
* दि अशोका बुध्दिस्ट फाउंडेशन द्बारा धम्ममय आयोजन
अमरावती/दि.9– तथागत भगवान गौतम बुध्द ने संपूर्ण विश्व को शांति, मैत्री, करूणा का संदेश दिया. प्रत्येक विद्यार्थी यह सुख प्राप्त करना चाहता है. परंतु जब सुख नहीं मिलता तब दु:ख होता है. कारण सभी दु:ख का कारण तृष्णा यानी आसक्ती है. मनुष्य को आसक्ती का त्याग करना चाहिए. जो वस्तु अपनी नहीं है उस पर अपना अधिकार न जमाए, बुध्द के तत्वज्ञान का जीवन जीने का मार्ग छिपा हुआ है. सत्य, अहिंसा, शील, आचरण, अस्तेय , सदाचार यह बुध्द ने पंचशील तत्व बताए है. सत्य यानी हम हमेशा सच बोले, झूठ न बोले, अहिंसा यानी सभी प्राणी पर दया कर, किसी का हत्या न करना, शील आचरण यानी नैतिकता का पालन करना, अस्तेय यानी मैं चोरी नहीं करूंगा. जीवन में पंचशील का पालन करने पर अपन को सुखी जीवन का अनुभव होगा. ऐसा प्रतिपादन सुलभाताई खोडके ने किया.
वर्षावास निमित्त दि अशोका बुध्दिस्ट फाउंडेशन द्बारा संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में बुधवार 8 नवंबर को कठीणा महोत्सव 2023 व महिला सम्मेलन का उद्घाटन विधायक सुलभाताई खोडके के हाथों किया गया.
इस कार्यक्रम की अध्यक्षा विमलताई मकेश्वर तथा प्रमुख अतिथि के रूप में एड. अश्विनी मुन, डॉ. प्रज्ञा बनसोड, गुंजनताई गोले, पूर्व नगरसेविका मंजुश्री प्रशांत महल्ले आदि मान्यवर उपस्थित थे.
कार्यक्रम की शुरूआत महाकारूणिक तथागत भगवान गौतम बुध्द व महामानव डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा का पूजन, हारार्पण कर अभिवादन किया गया. आगे सुलभाताई खोडके ने कहा कि अनेक देशों ने बुध्द के विचारों को ग्रहण किया है. शांति और मित्रता स्थापित करना हो तो आज युध्द की नहीं बुध्द की जरूरत है. उनके विचारों पर आत्मसात करना चाहिए.
कार्यक्रम में विधायक महोदया ने बौध्द भिख्खू संघ का स्वागत कर आशीर्वाद लिया. इस अवसर पर ओझल थोरात, वैशाली प्रवीण आकोडे, आशाताई कोकणे, रूपाली पलसपगार, मेघा ढबाले, रसिका भगत, निर्मला मुंदावणे, अनिता शेंडे, विद्याताई वानखडे, कुसुम वानखडे, शालिनी तायडे, संघमित्रा नीताले तथा नवयुवती धम्म कार्यकारिणी मंडल नवसारी के पदाधिकारी तथा उपासक- उपासिका व अनुयायी बडी संख्या में उपस्थित थे.