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जिले में 1,977 स्थानों पर विराजेंगे विघ्नहर्ता

शहर में 441 व ग्रामीण में 1536 मंडलों में होगी गणेश स्थापना

* गणेशोत्सव के लिए हर स्तर पर व्यापक तैयारियां
* शांति व व्यवस्था बनाए रखने पुलिस भी मुस्तैद
* अभी से विसर्जन स्थलों को भी किया जा रहा तैयार
अमरावती/दि.16 – आगामी 19 सितंबर से 10 दिवसीय गणेशोत्सव शुरु होने जा रहा है. इसके लिए शहर सहित जिले में काफी उत्साह रहने के साथ ही व्यापक तैयारियों भी की जा रही है. बता दें कि, जिले में कुल 1977 स्थानों पर सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों द्बारा गणेश मूर्तियों की स्थापना की जा रही है. जिसके तहत अमरावती शहर में 441 तथा जिले के तहसील व ग्रामीण क्षेत्रों में 1536 स्थानों पर सार्वजनिक रुप से गणेश स्थापना होगी. विशेष उल्लेखनीय है कि, जिले में कुल 364 गांवों में ‘एक गांव एक गणपति’ की संकल्पना साकार की जाएगी. जिसमें शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 30 गांवों तथा ग्रामीण क्षेत्रों के 334 गांवों का समावेश है.
आगामी 10 दिवसीय गणेशोत्सव को ध्यान में रखते हुए शहर एवं जिला ग्रामीण पुलिस द्बारा कानून व व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखते हुए व्यापक स्तर पर इंतजाम किए जा रहे है. जिसके तहत अमरावती से 20 आरोपियों को तडीपार करने, 6 कुख्यात अपराधियों पर एमपीडीए व 3 अपराधिक गिरोह पर मोक्का की धाराएं लगाने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है. इसके अलावा जिले भर में करीब 4 हजार पेशेवर अपराधियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा चुकी है. साथ ही साथ गणेशोत्सव पर्व के दौरान शहर सहित जिले में विभिन्न स्थानों पर बंदोबस्त लगाने हेतु किया जाने वाला नियोजन भी पूरा हो चुका है, जिसके तहत होमगार्ड व एसआरपीएफ की सहायता ली जा रही है. साथ ही समय पडने पर अतिरिक्त पुलिस बल बुलाने को लेकर भी तमाम इंतजाम पूरे कर लिए जाए.
जहां एक ओर 19 सितंबर को गणेश स्थापना के अवसर पर निकाली जाने वाली शोभायात्राओं के साथ ही 10 दिन तक चलने वाले गणेशोत्सव के पर्व को लेकर पुलिस सहित प्रशासन द्बारा तमाम आवश्यक इंतजाम किए जा रहे है. वहीं दूसरी ओर 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी से शुरु होने वाले गणेश विसर्जन के लिए भी अभी से ही तैयारियां शुरु की गई है. जिसके तहत जिले में कुल 62 स्थानों पर गणेश विसर्जन का इंतजाम किया गया है. जिनमें 29 घाटों व 33 कृत्रिम तालाबों का समावेश है. अमरावती शहर में छत्री तालाब व वडाली तालाब पर गणेशप्रतिमाओं के विसर्जन हेतु प्रथमेश तालाब साकार करने के साथ-साथ शहर में अलग-अलग स्थानों पर मनपा द्बारा कृत्रिम हौद भी उपलब्ध कराए जाएंगे. वहीं तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन हेतु अलग से इंतजाम किए जाएंगे, ताकि प्राकृतिक जलस्त्रोतों में किसी भी तरह का कोई प्रदूषण न हो.

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