अमरावती

एडिफाय स्कूल में पद्मश्री डॉ. शरद कालेे द्वारा ‘विज्ञान धारा’ प्रशिक्षण शिविर

अमरावती / दि. 5– स्थानीय एडिफाय स्कूल अमरावती में विज्ञान भारती विदर्भ प्रदेश मंडल, नागपुर, द्वारा आयोजित‘ विज्ञान धारा’ का आयोजन किया गया. विज्ञान भारती का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक और आधुनिक विज्ञान के समन्वय के माध्यम से वैज्ञानिक विकास प्राप्त करना है. विज्ञान भारती स्कूल और कॉलेज के छात्रों की जिज्ञासा को बढ़ाने के लिए काम करती है और इस उद्देश्य के लिए विज्ञान भारती द्वारा स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न गतिविधियाँ लागू की जाती हैं. इसी तरह विद्यार्थियों में पर्यावरण के संबंध में जागरूकता निर्माण होनी चाहिए तथा प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में अपनी भागीदारी होनी चाहिए. इस मकसद से प्रख्यात पर्यावरणवादी पद्मश्री डॉक्टर शरद काले का व्याख्यान ‘ विज्ञान धारा’इस विषय पर मार्गदर्शन शिविर का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.

इस कार्यक्रम में यश वेलनकर (साइकोलॉजिस्ट), हेमंत जोशी ( कला निर्देशक), किरण क्षीरसागर ( फिल्म संपादक तथा लेखक), प्रकाश
पजघडे (प्रेसिडेंट ऑफ़ विज्ञान भारती) उपस्थित थे. कक्षा 10 की प्रिंसी असुदानी तथा गिरिजा धवने ने उनका भारतीय संस्कृति के अनुसार तिलक लगाकर तथा सुमधुर गीत से सभी मान्यवारो का स्वागत किया. अपने व्याख्यान में पद्मश्री डॉ. शरद काले ने विद्यार्थियों से विभिन्न सवाल पूछे तथा विद्यार्थियो तथा अभिभावकों की जिज्ञासा तथा समस्याओं का समाधान किया. उन्होंने सभी को समझाते हुए बताया कि इको सिस्टम क्या है ? वह क्यों और कैसे होता है ? उन्होंने विद्यार्थियों को समझाते हुए कहा कि यदि हमारे अंदर आत्मविश्वास है तो हमें कुछ संभव कर सकते हैं. उन्होंने विज्ञान का सही अर्थ बताते हुए कहा कि विज्ञान हमारे जीवन में सभी ओर व्याप्त है . उन्होंने पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए विभिन्न उपाय बताएं तथा प्लास्टिक तथा थर्माकोल से दूर रहने की अपील करते हुए इसके दुष्परिणामों से भी हमें अवगत कराया. उन्होंने हमें समझाया कि जो चीज हम खरीदते हैं उसका महत्व तो हमें पता होता है. परंतु जो चीज हमें मुफ्त में मिलती है उसकी हम कदर नहीं करते.

जिस प्रकार आज हमें पर्यावरण में हवा, पानी, ऑक्सीजन इत्यादि सभी मुफ्त में प्राप्त हो रही है. जिस दिन सभी खत्म हो जाएंगे उस दिन हमें उनकी कदर होगी. अतः हमें पर्यावरण का संरक्षण अभी से करना होगा. विज्ञान भारती विदर्भ प्रदेश मंडल नागपुर की समन्वयक मनीषा घोरे ने इसमें अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. स्कूल की डायरेक्टर पल्लवी चकीलाला ने अपने भाषण में उन्हें धन्यवाद दिया तथा सब की तरफ़ से पर्यावरण के ह्रास को रोकने की सभी से अपील की. स्कूल के डायरेक्टर शिवारामकृष्णा ने भी उन्हें धन्यवाद देते हुए सभी से पर्यावरण संरक्षण की अपील की. स्कूल के डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. जैकब दास ने भी उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण करना हमारी आज की आवश्यकता भी है और हमारा कर्तव्य भी, कार्यक्रम का संचालन संगीता गावंडे, ममता दादलानी ने किया. इस शिविर को सफल बनाने हेतु अंजली साहु, नीरज गावंडे, अक्षय बोंद्रे, पल्लवी शीरभाते, सोनाली धोते, ईशान कापडिया, अंकिता कापडिया,सौरभ वानखड़े, सागर मिसलकर, आनंद यूईके, अतुल अंबारे, प्राची किन्नाके , भाग्यश्री लोखंडे तथा सभी शिक्षकों ने अपना सहयोग प्रदान किया. स्कूल के छात्रा आस्था कवाने, अद्विता लळके, राफिया पठान, अदिति भरखड़े, अदिति मूंधड़ा, पलक धुळे, आकांक्षा खंडारे ने भी अपना सहयोग दिया. इस शिविर में अभिभावकों ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता दर्शाई. इस प्रशिक्षण शिविर हेतु संस्था के चेयरमैन पूरणलाल हबलानी, संस्था के प्रमुख सदस्य रवि इंगले ने भी डॉ. शरद काले को धन्यवाद दिया तथा सभी से पर्यावरण संरक्षण की अपील की.

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