अमरावतीमहाराष्ट्र

शौर्य व विजय का प्रतीक है विजय दशमी पर्व

विभाग संघचालक चंद्रशेखर भोंदू के वक्तव्य

* राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बाल तथा शिशु सेवक विजयदशमी उत्सव व शस्त्रपूजन
अमरावती/दि.7– विजयादशमी का पर्व विजय और शौर्य का प्रतीक कहलाता हैं. इस कारण विजयादशमी का पर्व सर्वत्र उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया जाता हैं. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में विजयादशमी के पर्व को विशेष महत्व हैं. ऐसा प्रतिपादन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक चंद्रशेखर भोंदू ने किया. स्थानीय अंबिका नगर स्थित मनपा स्कूल क्रमांक 16 के मैदान पर रविवार की शाम 6.30 बजे अंबिका नगर व तपोवन नगर के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बाल तथा शिशु सेवक विजयादशमी उत्सव व शस्त्रपूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर वे बोल रहे थे.
प्रतिमापूजन, सांघिक गीत तथा प्रार्थना से कार्यक्रम प्रारंभ
कार्यक्रम की शुरूआत प्रमिता पूजन पश्चात शस्त्रपूजन से की गई. वैक्तिगत गीत तनिष्क अडसोड, अमृतवचन भावेश, सुभाषित तनिष्क पांडे, सांघिक गीत सौरभ भोसले तथा प्रार्थना अंश माने ने कही. प्रास्ताविक परिचय प्रवीण जवंजाल ने रखा. उपस्थित बाल स्वयंसेवकों ने व्यायाम योग, योगासन प्रस्तुत किए. कार्यक्रम में कमल प्लाजा इवेंट हॉल के संचालक अश्विन मोटवानी, विभागीय व्यवस्था प्रमुख महेश गणोरकर प्रमुख वक्ता के रुप में उपस्थित थे. इसके अलावा नगर संघचालक अशिवाश भोजापुरे की उपस्थिती रही.
परिवार के जतन हेतु जिम्मेदारी के अलावा पर्यावरण संवर्धन
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता महेश गणोरकर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बाल स्वयंसेवक की जरुरत के साथ उनके कार्य तथा जिम्मेदारी आदि की जानकारी के साथ ही परिवार पर प्रबोधन किया. बाल स्वयंसेवक किस प्रकार अपने परिवार को एकत्रित रख सकते हैं. पहले संयुक्त परिवार की परंपरा, विभक्त हो रही परिवार पध्दति के दोष, स्वयंसेवक के रुप में जिम्मेदारी व संस्कार प्राप्त करने के पश्चात बाल स्वयंसेवकों की ऐसे परिवार के जतन हेतु जिम्मेदारी के अलावा पर्यावरण संवर्धन, संघ की भूमिका जैसे विषयों पर मार्गदर्शन किया. मुख्य शिक्षक के रुप में पराग छांगानी ने जिम्मेदारी संभाली. कार्यक्रम को सफल बनाने महानगर संघचालक उल्हास बपोरीकर, अंबिका नगर संघचालक अविनाश भोजापुरे तपोवन नगर कार्यवाह सुनील गुंडे ने अथक परिश्रम किया.

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